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लाल किताब उठ बोली यों, तेली बैल लड़ाया क्यों, खिला खिला कर किया मुसंड, बैल का बैल और दंड का दंड

किसी तेली के बैल ने एक काज़ी के बैल को मार डाला. इस पर काज़ी ने तेली से कहा कि तुम ने अपने बैल को खिला-पिलाकर मुसंड बनाया जिससे मेरा बै...

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राजा नल पर विपदा पड़ी, भूनी मछली जल में तिरी

बुरे दिन आने पर सभी बातें उल्टी हो जाती हैं. जब राजा नल जुए में अपना राजपाट हार गए, तो रानी दमयंती को लेकर जंगल में चले गए. वहां एक दिन...

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पहले आप पहले आप में गाड़ी छूटी (तकल्लुफ़ में है तकलीफ़ सरासर)

दो शरीफ़ आदमी रेल का सफर करने के लिए स्टेशन पर पहुंचे और टिकट कटा लिए. रेल भी प्लेटफार्म पर आ पहुंची. एक ने दूसरे के प्रति शिष्टाचार दि...

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ठीकरा हाथ में और उसमें बहत्तर छेद

उर्दू के मशहूर शायर मिर्ज़ा ग़ालिब ने ठीकरे के बारे में एक रोचक घटना लिखी है. उन्होंने एक दिन अपने नौकर को ठीकरे में से अंगारे उठाकर चि...

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जो बोले सो घी को जाय

एक बार चार मूर्खों ने मिलकर रसोई बनाने का इरादा किया. अब इस बात को लेकर उन चारों में झगड़ा होने लगा कि घी कौन लाए. अंत में उन्होंने तय ...

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जैसा देवे वैसा पावे, पूत भतार के आगे आवे

किसी स्त्री ने किसी साधु से छुटकारा पाने के लिए दो रोटियों में विष मिलाकर उसे दे दीं. उसने उन रोटियों को अपनी कुटी में ले जाकर रख छोड़ा...

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एक न शुद दो शुद

क्या एक मुसीबत कम थी जो अब दूसरी भी गले पड़ गई. किसी व्यक्ति ने एक जादूगर से तीन मंत्र सीखे. एक से मृत को जीवित किया जा सकता था, दूसरे स...

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आँखों की सुइयाँ निकालना बाकी है

(लोक-विश्वास है कि यदि आटे की मूर्ति बनाकर जादू के जोर से उसमें शत्रु का नाम लेकर सूइयां चुभो दी जाएं, उसके मरने की कामना की जाए, और फि...

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