1. दिल लूटने वाले ऐ बन्ने अब मैंने तुझे पहचाना है

दिल लूटने वाले ऐ बन्ने अब मैंने तुझे पहचाना है,
नजरे तो मिलाकर देख जरा अब हम से क्या शरमाना है।
मैं एक मछरिया बन जाऊँ, और ताल में जाकर छिप जाऊँ,
मैं इक मछुआरा बन जाऊँ, और जाल डालकर ले आऊं
दिल लूटने..
मैं एक चिरैया बन जाऊँ, और डाल में जाकर छिप जाऊँ,
मैं एक बहेलिया बन जाऊँ, और दाना डालकर ले आऊँ।
दिल लूटने..
मैं एक हिरनिया बन जाऊँ, और वन में जाकर छुप जाऊँ,
मैं एक शिकारी बन जाऊँ और नाद सुनाकर ले आऊं।
दिल लूटने ..
मैं एक लाडली बन जाऊँ और मां की गोद में सो जाऊँ,
मैं तेरा बन्ना बन जाऊँ और सेहरा बांधकर ले आऊँ।
दिल लूटने..

2. बन्ना है फूल गुलाबी बन्नी को रंग केसरिया

 बन्ना है फूल गुलाबी बन्नी को रंग केसरिया।
सोने की थाली में भोजन परोसा,
सोने की थाली में भोजन परोसा,
खावे फूल गुलाबी खिलावे रंग केसरिया।
चांदी का लोटा गंगाजल पानी -2
पीवे फूल गुलाबी, पिलावे रंग केसरिया
बेला चमेली की सेज सजाई -2
सोवे फूल गुलाबी, सुलावे रंग केसरिया

3. शादी का दिन है आया, बटुआ जो खाली पाया

(तर्ज :- कजरा मोहब्बत वाला, अंखियों में ऐसा डाला)
शादी का दिन है आया, बटुआ जो खाली पाया
खर्चा बढ़ेगा मेरी जान, कम से कम बुलाना मेहमान
अरे हरियाले बन्ने, दादा को साथ लाना, दादी रानी को अपनी बातों में टाल आना,
शादी में हलचल होगी, बच्चों की पलटन होगी
शोर बढ़ेगा मेरी जान, कम से कम बुलाना मेहमान
अरे शहजादे बन्ने, पापा को साथ लाना, मम्मी के नखरे बड़े हैं, घर में ही छोड़ आना
शादी में हलचल होगी, बच्चों की पलटन होगी,
खर्चा बढ़ेगा मेरी जान, कम से कम बुलाना मेहमान।
नोट : इस प्रकार नाना-नानी, चाचा-चाची, ताऊ-ताई मामा-मामी के नाम लेते रहो और अन्त में –
दुनिया है मेरे पीछे, लेकिन मैं तेरे पीछे
ऐसा ही करूंगा मेरी जान, कम से कम लाऊंगा मेहमान।

4. सिया धीरे चलो ससुराल गलियाँ

सिया धीरे चलो ससुराल गलियाँ
ससुराल गलियाँ सुकुमार गलियाँ….-
सिया धीरे चलो ससुराल गलियाँ, सिया धीरे चलो…..
तेरी सास भी आवे तोपे वारी-वारी जावे,
तेरे ससुर तो वारे सोने की गिन्नियाँ…-
सिया धीरे चलो ससुराल गलियाँ, सिया धीरे चलो……
देवर लखन जी आए अपनी गोद बैठाए,
सगुन दे दे भवजिया अपनी गोद बिठाई…-
सिया धीरे चलो ससुराल गलियाँ, सिया धीरे चलो……
अयोध्या वासी भी आए और मंगल गाए,
मैया दे दे बधाई हम तेरे अंगना आए…-
सिया धीरे चलो ससुराल गलियाँ, सिया धीरे चलो……
सीता राम जी की जोड़ी कैसी अजब बनाई,
चरत भरत सारे भाई मिल आए…-
सिया धीरे चलो ससुराल गलियाँ, सिया धीरे चलो…..
देवी और देवता फूल बरसाए,
देख अयोध्या का नजारा देव सब हरषाए…-
सिया धीरे चलो ससुराल गलियाँ, सिया धीरे चलो ससुराल गलियाँ

5 मेरे पूरे हुए अरमान, बन्नी मेरी दुल्हन बनी

 मेरे पूरे हुए अरमान, बन्नी मेरी दुल्हन बनी।
शीश बन्नी के टीका सोहे, बिन्दिया पे छाई बहार, बन्नी मेरी दुल्हन बनी।
मेरे पूरे हुए अरमान –
हाथ बन्नी के कंगना सोहे, मेहंदी पे छाई बहार, बन्नी मेरी दुल्हन बनी।
गले बन्नी के हार है सोहे, लॉकेट पे छाई बहार, बन्नी मेरी दुल्हन बनी।
मेरे पूरे हुए अरमान –
पांव बन्नी के पायल सोहे, बिछुए पे छाई बहार, बन्नी मेरी दुल्हन बनी।
मेरे पूरे हुए अरमान –
संग बन्नी के बन्ने सोहे, जोड़ी पे छाई बहार, बन्नी मेरी दुल्हन बनी।
मेरे पूरे हुए अरमान, बन्नी मेरी दुल्हन बनी।

6. दिल के अरमां आज पूरे हो गये

(तर्ज़:- दिल के अरमां आंसुओं में बह गये)
दिल के अरमां आज पूरे हो गये, आज बन्नी को देख कर खुश हो गये।
दादाजी खुशियां मनाने आ गये, दादी के अरमान पूरे हो गये।
आज बन्नी को देख कर खुश हो गये।
नाना जी खुशियां मनाने आ गये, नानी के अरमान पूरे हो गये।
आज बन्नी को देख कर खुश हो गये।
मामा जी मायरा पहनाने आ गये, मामी जी चुन्दर ओढ़ाने आ गई, मामा के अरमान पूरे हो गये।
आज बन्नी को देख कर खुश हो गये।

7. बन्नी को बुलाओ, मोतियों हीरों से सजाओ

(तर्ज: गोरे-गोरे गाल, गाल पर उलझे उलझे बाल, हो तेरा क्या कहना)
बन्नी को बुलाओ, मोतियों हीरों से सजाओ, नजरिया लागे ना, हो ओ नजरिया लागे ना।
तेरी इस मुस्कान पर वारूं रूप नगर का चांद नजरिया लागे ना।
दादा की प्यारी बन्नी, दादी की दुलारी हैं।
तेरी इस मुस्कान पर वारू रूप नगर का चांद, नजरिया लागे ना, हो नजरिया लागे ना।
बन्नी को बुलाओं, सोने चांदी से सजाओ। नजरिया लागे ना हो नजरिया लागे ना।
नोट: सबके नाम लेते जाओ और गीत बढ़ाते जाओ।

8. इचक दाना बिचक दाना दाने ऊपर दाना

इचक दाना बिचक दाना दाने ऊपर दाना इचक दाना……
छज्जे ऊपर बन्नी बैठी बन्ना है दिवाना इचक…
रोज सवेरे उठकर बन्ना गर्म समोसे लाता है
दादी को दिखला-दिखला कर बन्नी को खिलाता है
दादी के मुंह पानी आये कैसा है जमाना है इचक दाना…..
इचक दाना बिचक दाना दाने ऊपर दाना
इचक दाना बिचक दाना दाने ऊपर दाना इचक दाना……
छज्जे ऊपर बन्नी बैठी बन्ना है दिवाना इचक…
रोज सवेरे उठकर बन्ना गर्म जलेबी लाता है
मम्मी को दिखला-दिखला कर बन्नी को खिलाता है
मम्मी के मुंह पानी आये कैसा है जमाना है इचक दाना…..
इचक दाना बिचक दाना दाने ऊपर दाना
इचक दाना बिचक दाना दाने ऊपर दाना इचक दाना……
छज्जे ऊपर बन्नी बैठी बन्ना है दिवाना इचक…
रोज सवेरे उठकर बन्ना गर्म कचौड़ी लाता है
भाभी को दिखला-दिखला कर बन्नी को खिलाता है
भाभी के मुंह पानी आये कैसा है जमाना है इचक दाना…..
इचक दाना बिचक दाना दाने ऊपर दाना

9. बागों मे बन्ना क्यों जाता है, मालन से इश्क लड़ाता है

 बागों मे बन्ना क्यों जाता है, मालन से इश्क लड़ाता है,
बन्नी तेरी कसम, तेरे दिल की कसम मालिन को माता समझता हूँ।
पनघट पर बन्ना क्यों जाता है, पनिहारी से आँख मिलाता है,
बन्नी तेरी कसम, तेरे दिल की कसम पनिहारी को चाची समझता हूँ।
पिक्चर में बन्ना क्यों जाता है, एक्टरनी से आँख मिलाता है,
बन्नी तेरी कसम तेरे दिल की कसम एक्टरनी को साली समझता हूँ।
बन्ना रोज देर से आता है, बन्नी का जिया जलाता है,
बन्नी तेरी कसम, तेरे दिल की कसम, मेरे दिल में तू ही रहती है।

10. ताला दे कर ताली क्यों न लाया रे बन्ने, तूने किस के भरोसे घर छोड़ा रे बन्ने

ताला दे कर ताली क्यों न लाया रे बन्ने
तूने किस के भरोसे घर छोड़ा रे बन्ने।
मैं ने दादी के भरोसे घर छोड़ा री बन्नी
मैंने नानी के भरोसे घर छोड़ा री बन्नी,
तेरी दादी का भरोसा मुझे नाहीं रे बन्ने
तेरी नानी का भरोसा मुझे नाही रे बन्ने,
वो तो खावे और लुटावे घर को मेरे बन्ने।
मेरी जल्दी से विदा कर ले चल रे, मैं तो थोड़ा थोड़ा खाऊँ और जोडूं रे बन्ने
मैं ने ताई के भरोसे घर छोड़ा री बन्नी
मैंने चाची के भरोसे घर छोड़ा री बन्नी,
तेरी ताई का भरोसा मुझे नाहीं रे बन्ने
तेरी चाची का भरोसा मुझे नाही रे बन्ने,
वो तो खावे और लुटावे घर को मेरे बन्ने।
मेरी जल्दी से विदा कर ले चल रे, मैं तो थोड़ा थोड़ा खाऊँ और जोडूं रे बन्ने
(इसी रकार मौसी – बुआ, भाभी – बहना).

11. बन्ना बुलाये, बन्नी नहीं आये, चली आओ जीने से, अटरिया सूनी पड़ी

बन्ना बुलाये, बन्नी नहीं आये, चली आओ जीने से, अटरिया सूनी पड़ी,
मैं कैसे आऊँ, बाबा खड़े हैं दादी मेरी जागे रे, अटरिया सूनी पड़ी.
पायल उतार के, लम्बा घूंघट काढ़ के, नैना नीचे डाल के,
बिल्ली चाल आओ रे, अटरिया सूनी पड़ी.
बन्ना बुलाये बन्नी नहीं आये, चली आओ जीने से अटरिया सूनी पड़ी
मैं कैसे आऊं पापा जी खड़े हैं, मम्मी मेरी जागे रे, अटरिया सूनी पड़ीं.
लम्बा घूंघट काढ़ के, पायल उतार के, नैना नीचे डाल के, धीरे धीरे आओ रे अटरिया सूनी पड़ी

12. जय रघुनन्दन, जय सियाराम, रघुपति राघव राजाराम

जय रघुनन्दन, जय सियाराम, रघुपति राघव राजाराम।
जय रघुनन्दन जय सियाराम, ऐसा पति मुझे दे भगवान।
रोज सवेरे चाय बनावे, चाय बनाकर मुझे जगाये,
और कहे चाय पीओ मेरी जान, ऐसा पति मुझे दे भगवान।
दस बजे जब ऑफिस जाये, खाना बनाकर मुझे खिलाए,
और कहे खाना खाओ मेरी जान, ऐसा पति मुझे दे भगवान।
पाँच बजे ऑफिस से आये, और मुझे पिक्चर ले जाय,
खाना बनाना छोड़ो मेरी जान, ऐसा पति मुझे दे भगवान।
पहली तारीख को तनखा लाये, तनखा लाकर मुझे थमाये,
और कहे शॉपिंग करो मेरी जान, ऐसा पति मुझे दे भगवान।
दस बजे वो बिस्तर लगाये, बिस्तर लगाकर मुझे बुलाये,
और कहे अब सोवो मेरी जान, ऐसा पति मुझे दे भगवान।

13. ऊँची-2 पीहर की दीवारें बन्ने तोड़ के रे छोड़ के

(तर्ज – ऊँची-2 दुनिया की दीवारें पिया)
ऊँची-2 पीहर की दीवारें, बन्ने तोड़ के रे छोड़ के,
मैं आई रे तेरे लिये बाबुल का घर छोड़ के
मै आई रे तेरे लिये मम्मी पापा छोड़ के।
सास मिली मुझे ससुर मिले, एक नया परिवार मिला,
मात पिता के लाड़ प्यार को छोड़ के जी छोड़ के
मैं आई रे तेरे लिये बाबुल का घर छोड़ के।
सासुल का मुझे प्यार मिला, ससुर जी का दुलार मिला,
माता की ममता को भी मैं छोड़ के मुँह मोड़ के,
मैं आई रे तेरे लिये बाबुल का घर छोड़ के।
जेठ का मुझे प्यार मिला, जेठानी का दुलार मिला,
भाई भाभी के लाड प्यार को छोड़ के जी छोड़ के,
मै आई रे तेरे लिये बाबुल का घर छोड़ के
मैं आई रे तेरे लिये बाबुल का घर छोड़ के।
देवर का मुझे प्यार मिला, नन्दी का दुलार मिला,
मम्मी के दुलार को मैं छोड़, मुख मोड़ के
मैं आई रे तेरे लिये बाबुल का घर छोड़ के।
मैं आई रे तेरे लिये बाबुल का घर छोड़ के।

14. अब सखियों के बीच बन्नी, सुघड़ वर मांगे

 अब सखियों के बीच बन्नी, सुघड़ वर मांगे।
सास भी होवे, ससुर भी होवें, होवे पूरा परिवार,
बन्नी सुघड़ वर मांगे।
जेठ भी होवे, देवर भी होवे, होवे एक छोटी ननद,
बन्नी सुघड़ वर मांगे।
कोठी भी होवे बंगला भी होवे, होवे छोटा सा बाग,
बन्नी सुघड़ वर मांगे।
बाइक भी होवे, मारूति भी होवे, होवे बड़ी इक कार, बन्नी सुघड़ वर मांगे।
डॉक्टर होवे इंजीनियर होवे, होवे अति गुणवान,
बन्नी सुघड़ वर मांगे ।

15. पुत्तर पुत्तर मत कर सासो अब बन्ना यह मेरा है

पुत्तर पुत्तर मत कर सासो अब बन्ना यह मेरा है।
जब पीता था दूध की बोतल तब बेटा वह तेरा था,
अब पीवे ये लैमन सोडा, अब ये बन्ना मेरा है।
जब सीखे था का खा गा घा, तब ये बेटा तेरा था,
अब बोले ये फरफर इंगलिस, अब ये बन्ना मेरा है।
जब कहता था मम्मी मम्मी, तब बेटा वह तेरा था,
अब कहता है डार्लिंग- डार्लिंग, अब साजन यह मेरा है।
पुत्तर पुत्तर मत कर सासो अब बन्ना यह मेरा है।
जब सासो मंदिर ले जाये, तब बेटा वह तेरा है,
जब हमको वो सैर कराये, तब बन्ना वह मेरा है।
जब चलता था हाथ पकड़ के, तब ये बेटा तेरा था,
अब ये डोले फटफटिया पे, अब ये बन्ना मेरा है।
पुत्तर पुत्तर मत कर सासो अब यह साजन मेरा है।
जब राशन में लाइन लगाये, तब बेटा वह तेरा है,
जब हमको पिक्चर दिखलाए तब बन्ना वह मेरा है।
पुत्तर पुत्तर मत कर सासो अब यह साजन मेरा है।

16. मेरी बन्नी है नन्हीं नादान, जरा बड़ी हो जाने दो

मेरी बन्नी है नन्हीं नादान, जरा बड़ी हो जाने दो।
बाबा जी उनका डोला सजाते,
दादी रानी न जाने दें जरा बड़ी हो जाने दो।
नाना जी उनका डोला सजाते,
नानी रानी न जाने दें, जरा बड़ी हो जाने दो।
मामा जी उनका डोला सजाते,
मामी रानी न जाने दें। जरा बड़ी हो जाने दो।
भैया जी उनका डोला सजाते,
भाभी रानी न जाने दें, जरा बड़ी हो जाने दो।

17. बन्नी मैं तो देखूंगा तू कितनी पढ़ी लिखी आई

 बन्नी मैं तो देखूंगा तू कितनी पढ़ी लिखी आई
बन्ने जी मुझको क्या देखो
थारी दादी से ज्यादा सुन्दर आयी
बन्ने जी मुझको क्या देखो
थारी ताई से ज्यादा पढ़ी लिखी आयी।
किरण की छन्नी में बन्ने ने रास रचाई
बन्नी मैं तो देखूंगा तू कितनी सुन्दर आई
बन्नी मैं तो देखूंगा तू कितनी पढ़ी लिखी आई
बन्ने जी मुझको क्या देखो
थारी मम्मी से ज्यादा सुन्दर आयी
बन्ने जी मुझको क्या देखो
थारी चाची से ज्यादा पढ़ी लिखी आयी।
किरण की छन्नी में बन्ने ने रास रचाई
बन्नी मैं तो देखूंगा तू कितनी सुन्दर आई
बन्नी मैं तो देखूंगा तू कितनी पढ़ी लिखी आई
बन्ने जी मुझको क्या देखो
थारी बुआ से ज्यादा सुन्दर आयी
बन्ने जी मुझको क्या देखो
थारी मौसी से ज्यादा पढ़ी लिखी आयी।

18. कोका कोला मिलेगा दो-दो तोला मिलेगा

कोका कोला मिलेगा दो-दो तोला मिलेगा
बन्ने की बारात में
मैंने कहा था बन्ने तुम बाबा मत लाना
तुम ताऊ मत लाना, हमारी मुलाकात में
तुमने एक ना मानी, तुम बाबा संग आऐ
तुम ताऊ संग आऐ, हमारी मुलाकात में
फेरे तो ना लूंगी तेरे साथ में
मैनें कहा था बन्ने तुम अकेले ही आना
हमारी मुलाकात में
कोका कोला मिलेगा दो-दो तोला मिलेगा
बन्ने की बारात में
मैंने कहा था बन्ने तुम पापा मत लाना
तुम चाचा मत लाना, हमारी मुलाकात में
तुमने एक ना मानी, तुम पापा संग आऐ
तुम चाचा संग आऐ, हमारी मुलाकात में
फेरे तो ना लूंगी तेरे साथ में
मैनें कहा था बन्ने तुम अकेले ही आना
हमारी मुलाकात में
कोका कोला मिलेगा दो-दो तोला मिलेगा
बन्ने की बारात में
मैंने कहा था बन्ने तुम मामा मत लाना
तुम फूफा मत लाना, हमारी मुलाकात में
तुमने एक ना मानी, तुम मामा संग आऐ
तुम फूफा संग आऐ, हमारी मुलाकात में
फेरे तो ना लूंगी तेरे साथ में
मैनें कहा था बन्ने तुम अकेले ही आना
हमारी मुलाकात में
कोका कोला मिलेगा दो-दो तोला मिलेगा
बन्ने की बारात में
मैंने कहा था बन्ने तुम यार मत लाना
तुम दोस्त मत लाना, हमारी मुलाकात में
तुम मेरी ही मानी, तुम अकेले ही आये
हमारी मुलाकात में
फेरे तो मैं लूंगी तेरे साथ में।
कोका कोला मिलेगा दो-दो तोला मिलेगा
बन्ने की बारात में

19. छज्जे ऊपर बन्ना बैठा दिल खोल के

 छज्जे ऊपर बन्ना बैठा दिल खोल के
बन्नी को बुलाये टेलीफोन कर के
कमरे में से दादी बोली हंस-हंस के
बन्नी नहीं आये टेलीफोन सुन के
जाओ जी बन्ने तो घोड़ी चंढ के
लाओ जी बन्ने गठ जोड़ा कर के
छज्जे ऊपर बन्ना बैठा दिल खोल के
बन्नी को बुलाये टेलीफोन कर के
कमरे में से मम्मी बोली हंस-हंस के
बन्नी नहीं आये टेलीफोन सुन के
जाओ जी बन्ना तो घोड़ी चंढ के
लाओ जी बन्ने गठ जोड़ा कर के
छज्जे ऊपर बन्ना बैठा दिल खोल के
बन्नी को बुलाये टेलीफोन कर के
कमरे में से भाभी बोली हंस-हंस के
बन्नी नहीं आये टेलीफोन सुन के
जाओ जी बन्ने तो घोड़ी चंढ के
लाओ जी बन्ने गठ जोड़ा कर के

20.  बन्नी धीरे चलो ससुराल गलियाँ

 बन्नी धीरे चलो ससुराल गलियाँ
बन्नी बेंदी सम्हारेगीं वही सखियाँ
जिनके गोरे गोरे गाल, रसीली अंखियाँ
जिनकी नरम कलाई, हरेरी चूड़ियाँ
बन्नी धीरे चलो ससुराल गलियाँ
बन्नी हरवा सम्हारेगीं वही सखियाँ
जिनके गोरे गोरे गाल, रसीली अंखियाँ
जिनकी नरम कलाई, हरेरी चूड़ियाँ
बन्नी धीरे चलो ससुराल गलियाँ
बन्नी कुंडल सम्हारेगीं वही सखियाँ
जिनके गोरे गोरे गाल, रसीली अंखियाँ
जिनकी नरम कलाई, हरेरी चूड़ियाँ
बन्नी धीरे चलो ससुराल गलियाँ
बन्नी चूनर सम्हारेगीं वही सखियाँ
जिनके गोरे गोरे गाल, रसीली अंखियाँ
जिनकी नरम कलाई, हरेरी चूड़ियाँ

21. बन्नी हमें कॉलेज के पास मिलना 

बन्नी हमें कॉलेज के पास मिलना -२
मैं तो लाऊंगा बन्नी तुम्हारी बेंदी
बन्नी हमें लड़ियाँ सम्हार मिलना
बन्नी हमें–
मैं तो लाऊंगा बन्नी तुम्हारे झाले
बन्नी हमें लटकन सम्हार मिलना
बन्नी हमें—
मैं तो लाऊंगा बन्नी तुम्हारे कंगना
बन्नी हमें चुड़ियाँ सम्हार मिलना
बन्नी हमें—–
मैं तो लाऊंगा बन्नी तुम्हारी चुनरी
बन्नी हमें साड़ी सम्हार मिलना
बन्नी हमें—–
मैं तो लाऊंगा बन्नी तुम्हारे बिछुआ
बन्नी हमें पायल सम्हार मिलना
बन्नी हमें——
मैं तो लाऊंगा बन्नी तुम्हारा डोला
बन्नी हमें एक दम तैयार मिलना
बन्नी हमें कॉलेज के पास मिलना -२

22. बन्ने मेरे घर आना जमाई बन के

बन्ने मेरे घर आना जमाई बन के
बन्ने बेंदी गढ़वाना कमाई करके
दोनों हाथों से पहनाना अरमान भर के
बन्ने मेरे घर आना जमाई बन के
बन्ने कँगना गढ़वाना कमाई करके
दोनों हाथों से पहनाना अरमान भर के
बन्ने मेरे घर आना जमाई बन के
बन्ने झूमका गढ़वाना कमाई करके
दोनों हाथों से पहनाना अरमान भर के
बन्ने मेरे घर आना जमाई बन के
बन्ने बिछुआ गढ़वाना कमाई करके
दोनों हाथों से पहनाना अरमान भर के

23. मानो बन्ने मानो बराबर लडूंगी

 मानो बन्ने मानो बराबर लडूंगी
कोर्ट लडूंगी हाई कोर्ट लडूगी
दिल्ली के कोर्ट में जरूर लडूंगी
ससुर जी को भेजो ज़रा बात करूंगी
सासु जी का मन्दिर जाना बन्द करूंगी
मानो बन्ने मानो बराबर लडूंगी
कोर्ट लडूंगी हाई कोर्ट लडूंगी,
दिल्ली की कोर्ट में जरूर लडूंगी
जेठ जी को भेजो जरा बात करूंगी,
जेठानी का झगड़ा करना बन्द करूंगी,
कोर्ट लडूंगी हाई कोर्ट लडूंगी
दिल्ली के कोर्ट में जरूर लडूंगी
मानो बन्ने मानो बराबर लडूंगी
देवर जी को भेजो जरा बात करूंगी,
देवरानी का पीहर जाना बन्द करूंगी
कोर्ट लडूंगी हाई कोर्ट लडूंगी,
दिल्ली के कोर्ट में जरूर लडूंगी
मानो बन्ने मानो बराबर लडूंगी
नन्दोई जी को भेजो जरा बात करूंगी,
ननद जी का चुगली चाला बन्द करूंगी
कोर्ट लडूंगी हाई कोर्ट लडूंगी,
दिल्ली के कोर्ट में जरूर लडूंगी
मानो बन्ने मानो बराबर लडूंगी

24. दइया ओ दइया बन्नी के नजर लागी

दइया ओ दइया बन्नी के नजर लागी-2
मैं डिबिया काजल की लेकर भागी
शीश बन्नी के टीका सोहे, कान बन्नी के कुण्डल सोहे
दइया ओ दइया झूमर पे नजर लागी,
दइया ओ दइया झुमके पे नजर लागी, मैं डिबिया …….
गले बन्नी के हरवा सोहे, हाथ बन्नी के कंगना सोहे
दइया ओ दइया लटकन पे नजर लागी
दइया ओ दइया चूड़े पे नजर लागी, मैं डिबिया …….
कमर बन्नी के तगड़ी सोहे, पांव बन्नी के पायल सोहे
दइया ओ दइया गुच्छे पे नजर लागी
दइया ओ दइया बिछुवे पे नजर लागी, मैं डिबिया…..
अंग बन्नी के साड़ी सोहे, संग बन्नी के बन्ना सोहे
दइया ओ दइया, चूनर पे नजर लागी
दइया ओ दइया जोड़ी पे नजर लागी, मैं डिबिया…..
दइया ओ दइया बन्नी के नजर लागी-2
मैं डिबिया काजल की लेकर भागी

25. सिया रघुवर जी के संग 

सिया रघुवर जी के संग, परन लागीं हरे हरे
परन लागी भांवरियाँ
छायो चहुंदिस प्रेम का रंग, परन लागीं हरे हरे
परन लागी भांवरियाँ

देख के छवि अति न्यारी उनकी, मोह में पड़ गई सीता प्यारी
इक टक ऐसे उनको निहारे, वो तो उन पे जाए वारी
सिया रघुवर जी के संग, परन लागीं हरे हरे
परन लागी भांवरियाँ

प्रीत का धागा उन संग जोड़े, राम पे वो दिल जाए हारी
गौरी माँ से विनती करे वो, बन जाए वो राम की प्यारी
सिया रघुवर जी के संग, परन लागीं हरे हरे
परन लागी भांवरियाँ

वो है अयोध्या जाने को बैठी, चूनर ओढ़े लागे प्यारी
राम सिया के ब्याह की घड़ियाँ, देखके चहुंदिस है खुशियारी
ये पावन कमल कदम, बढ़न लागे हरे हरे
परन लागी भांवरियाँ
सिया रघुवर जी के संग, परन लागीं हरे हरे
परन लागी भांवरियाँ
छायो चहुंदिस प्रेम का रंग, परन लगी हरे हरे
परन लागी भांवरियाँ

26. आलू-मटर वाले ने, गलियों में जा के शोर किया रे 

आलू-मटर वाले ने, गलियों में जा के शोर किया रे
बन्नी के बाबा बड़े कमाऊ, भर भर दोने लाते है
बन्नी की दादी बड़ी चटोरी, भर भर दोने खाती है
चाटा पत्ता फेंक दिया, गलियों में जा के शोर किया रे

आलू-मटर वाले ने, गलियों में जा के शोर किया रे
बन्नी के ताऊ बड़े कमाऊ, भर भर दोने लाते है
बन्नी की ताई बड़ी चटोरी, भर भर दोने खाती है
चाटा पत्ता फेंक दिया, गलियों में जा के शोर किया रे

आलू-मटर वाले ने, गलियों में जा के शोर किया रे
बन्नी के पापा बड़े कमाऊ, भर भर दोने लाते है
बन्नी की मम्मी बड़ी चटोरी, भर भर दोने खाती है
चाटा पत्ता फेंक दिया, गलियों में जा के शोर किया रे

(इसी प्रकार फूफा – बुआ,  चाचा – चाची,  जीजा –  जीजी, भईया –  भाभी)

27. नीचे पान की दुकान, ऊपर बन्नी का मकान 

नीचे पान की दुकान, ऊपर बन्नी का मकान
बोलो बोलो मेरी जान, किराया कितना
मैंने खाना बनाया तुम्हारे लिए,
सब खा गए मेहमान, जिनकी जान न पहचान
बोलो बोलो मेरी जान, किराया कितना
नीचे पान की दुकान, ऊपर बन्नी का मकान
बोलो बोलो मेरी जान, किराया कितना
मैंने पानी मँगाया तुम्हारे लिए,
सब पी गए मेहमान, जिनकी जान न पहचान
बोलो बोलो मेरी जान किराया कितना
नीचे पान की दुकान, ऊपर बन्नी का मकान
बोलो बोलो मेरी जान, किराया कितना
मैंने बीड़े लगाए तुम्हारे लिए,
सब खा गए मेहमान, जिनकी जान न पहचान
बोलो बोलो मेरी जान किराया कितना
नीचे पान की दुकान, ऊपर बन्नी का मकान
बोलो बोलो मेरी जान, किराया कितना
मैंने सेज बिछाया तुम्हारे लिए,
सब सो गए मेहमान, जिनकी जान न पहचान
बोलो बोलो मेरी जान किराया कितना
नीचे पान की दुकान, ऊपर बन्नी का मकान
बोलो बोलो मेरी जान, किराया कितना

28. तेरी पायल की मीठी आवाज

तेरी पायल की मीठी आवाज
बन्नी जरा धीरे चलो
सास ससुर से मिल कर रहना
मिलकर रहना, मिलकर रहना
पाओगी मां जैसा प्यार
बन्नीजरा धीरेचलो
जिठानी जी से मिलकर
रहना मिलकर रहना, मिलकर रहना
पाओगी भाभी जैसा प्यार
बन्नी जरा धीरे चलो
ननद रानी से मिलकर रहना
मिलकर रहना, मिलकर रहना
पाओगी बहना जैसा प्यार
बन्नी जरा धीरे चलो
पास पड़ोसी से मिलकर रहना
मिलकर रहना, मिलकर रहना
पाओगी सखियों जैसा प्यार
बन्नी जरा धीरे चलो

29. कहो राजा जनक कहो सिया प्यारी 

कहो राजा जनक कहो सिया प्यारी
किन तेरी गोद भरी मेवा से
किन तेरी रूच-रूच मांग सवांरी
बाबा मेरी गोद भरी मेवा से
दादी रानी रूच-रूच मांग सवांरी
कहो राजा जनक कहो सिया प्यारी
किन तेरी गोद भरी मेवा से
किन तेरी रूच-रूच मांग सवांरी
पापा मेरी गोद भरी मेवा से
मम्मी रानी रूच-रूच मांग सवांरी
कहो राजा जनक कहो सिया प्यारी
किन तेरी गोद भरी मेवा से
किन तेरी रूच-रूच मांग सवांरी
भईया मेरी गोद भरी मेवा से
भाभी रानी रूच-रूच मांग सवांरी
कहो राजा जनक कहो सिया प्यारी

30. बन्नी उड़ी उड़ी डोले, बन्नी फूली फूली डोले 

बन्नी उड़ी उड़ी डोले, बन्नी फूली फूली डोले
मेरी दूरों से आएगी बारात, मुझे तो ससुराल जाना
वहाँ बाबा नहीं होगें वहाँ दादी नहीं होगीं
मेरे कैसे कटेगें दिन-रात, मुझे तो ससुराल जाना
बन्नी उड़ी उड़ी डोले, बन्नी फूली फूली डोले
मेरी दूरों से आएगी बारात, मुझे तो ससुराल जाना
वहाँ पापा नहीं होगें वहाँ मम्मी नहीं होगीं
मेरे कैसे कटेगें दिन-रात, मुझे तो ससुराल जाना
बन्नी उड़ी उड़ी डोले, बन्नी फूली फूली डोले
मेरी दूरों से आएगी बारात, मुझे तो ससुराल जाना
वहाँ भईया नहीं होगें वहाँ भाभी नहीं होगीं
मेरे कैसे कटेगें दिन-रात, मुझे तो ससुराल जाना
बन्नी उड़ी उड़ी डोले, बन्नी फूली फूली डोले
मेरी दूरों से आएगी बारात, मुझे तो ससुराल जाना
वहाँ जीजा नहीं होगें वहाँ दीदी नहीं होगीं
मेरे कैसे कटेगें दिन-रात, मुझे तो ससुराल जाना

31. बन्नी दूर खेलन मत जइयो, विदेशी तुझे ले जाएगें 

बन्नी दूर खेलन मत जइयो, विदेशी तुझे ले जाएगें
मैं तो बैठूँगी बाबा की गोदी, विदेशी मुझे न पाएगें
बन्नी बाबा वचन हार आए, विदेशी तुझे ले जाएगें
बन्नी दूर खेलन मत जइयो, विदेशी तुझे ले जाएगें
मैं तो बैठूँगी ताऊ की गोदी, विदेशी मुझे न पाएगें
बन्नी ताऊ वचन हार आए, विदेशी तुझे ले जाएगें
बन्नी दूर खेलन मत जइयो, विदेशी तुझे ले जाएगें
मैं तो बैठूँगी पापा की गोदी, विदेशी मुझे न पाएगें
बन्नी पापा वचन हार आए, विदेशी तुझे ले जाएगें
बन्नी दूर खेलन मत जइयो, विदेशी तुझे ले जाएगें
मैं तो बैठूँगी चाचा की गोदी, विदेशी मुझे न पाएगें
बन्नी चाचा वचन हार आए, विदेशी तुझे ले जाएगें

32. बड़ी दूर से आया बन्ना, लेकिन बन्नी न बोले 

बड़ी दूर से आया बन्ना, लेकिन बन्नी न बोले
बन्नी का कजरा बोले, बन्नी का गजरा बोले,
बन्नी की मेंहदी बोले लेकिन बन्नी न बोले.
बड़ी दूर–
बन्नी के बाबा बोले, बन्नी के ताऊ बोले,
बन्नी के पापा बोले लेकिन बन्नी न बोले.
बड़ी दूर–
बन्नी की चुनरी बोले, बन्नी की मुदरी बोले,
बन्नी का झूमर बोले लेकिन बन्नी न बोले.
बड़ी दूर–
बन्नी के भईया बोले, बन्नी के जीजा बोले,
बन्नी के चाचा बोले लेकिन बन्नी न बोले.
बड़ी दूर–
बन्नी की अदाएँ बोले, बन्नी की निगाहें बोले
बन्नी की हँसी बोले लेकिन बन्नी न बोले.
बड़ी दूर—
बन्नी के मामा बोले,बन्नी के फूफा बोले,
बन्नी के मौसा बोले लेकिन बन्नी न बोले.
बड़ी दूर से आया बन्ना लेकिन बन्नी न बोले

33. अब महलों के बीच बन्नी ने केश सुखाये 

अब महलों के बीच बन्नी ने केश सुखाये
अब बाबा सुघर वर ढूँढों, अब ताऊ नवल वर ढूंढो
दादी लेगीं कन्यादान, ताई लेगीं कन्यादान बन्नी ने केश सुखाये
अब महलों के बीच बन्नी ने केश सुखाये
अब पापा सुघर वर ढूँढों, अब चाचा नवल वार ढूंढो
मम्मी लेगीं कन्यादान, चाची लेगीं कन्यादान बन्नी ने केश सुखाये
अब महलों के बीच बन्नी ने केश सुखाये
अब भैया सुघर वर ढूँढों, अब जीजा नवल वार ढूंढो
भाभी लेगीं कन्यादान, दीदी लेगीं कन्यादान बन्नी ने केश सुखाये
अब महलों के बीच बन्नी ने केश सुखाये

34. चिक डाल दो कमरे में बन्नी कैरम खेलेगी 

चिक डाल दो कमरे में बन्नी कैरम खेलेगी

अगर मैं बाजी जीती तो सुबह का नाश्ता बना देना
चिक डाल दो कमरे में बन्नी कैरम खेलेगी

अगर मैं बाजी जीती तो तुम सारे कपड़े धो देना
चिक डाल दो कमरे में बन्नी कैरम खेलेगी

अगर मैं बाजी जीती तो सुबह के बर्तन धो देना
चिक डाल दो कमरे में बन्नी कैरम खेलेगी

अगर मैं बाजी जीती तो रात का बिस्तर लगा देना
चिक डाल दो कमरे में बन्नी कैरम खेलेगी

35. छोटी सी बन्नी पारवती शिव पूजा करने जाती है 

छोटी सी बन्नी पारवती शिव पूजा करने जाती है
बाबा के बागों जाती, वो फूल तोड़कर लाती है
फूलों का हार बना करके शिव शंकर को पहनाती है
छोटी सी बन्नी पारवती शिव पूजा करने जाती है
पापा के बागों जाती, वो फूल तोड़कर लाती है
फूलों का हार बना करके शिव शंकर को पहनाती है
छोटी सी बन्नी पारवती शिव पूजा करने जाती है
चाचा के बागों जाती, वो फूल तोड़कर लाती है
फूलों का हार बना करके शिव शंकर को पहनाती है

36. लीपो आँगना, बाँधो बाँधना आज बन्नी की शादी है 

लीपो आँगना, बाँधो बाँधना आज बन्नी की शादी है
बन्ने के बाबा ने खत लिख भेजा, कैसी बन्नी ढूँढी है
पढ़ी-लिखी होशियार बहुत है, बोली मधुर रसीली है
लीपो आँगना, बाँधो बाँधना आज बन्नी की शादी है
बन्ने के ताऊ ने खत लिख भेजा, कैसी बन्नी ढूँढी है
पढ़ी-लिखी होशियार बहुत है, बोली मधुर रसीली है
लीपो आँगना, बाँधो बाँधना आज बन्नी की शादी है
बन्ने के पापा ने खत लिख भेजा, कैसी बन्नी ढूँढी है
पढ़ी-लिखी होशियार बहुत है, बोली मधुर रसीली है
लीपो आँगना, बाँधो बाँधना आज बन्नी की शादी है
बन्ने के चाचा ने खत लिख भेजा, कैसी बन्नी ढूँढी है
पढ़ी-लिखी होशियार बहुत है, बोली मधुर रसीली है

37. सुहाग बरसे बन्नी तेरे अँगनवा 

सुहाग बरसे बन्नी तेरे अँगनवा- २
दादी के आँगन सुहाग बन्नी मांगे
अमर रहे बन्नी तेरो सिंदुरवा
सुहाग बरसे बन्नी तेरे अँगनवा- २
बुआ के आँगन सुहाग बन्नी मांगे
अमर रहे बन्नी तेरो कंगनवा
सुहाग बरसे बन्नी तेरे अँगनवा- २
भाभी के आँगन सुहाग बन्नी मांगे
अमर रहे बन्नी तेरी चुनरियां
सुहाग बरसे बन्नी तेरे अँगनवा- २
मौसी के आँगन सुहाग बन्नी मांगे
अमर रहे बन्नी तेरो बिछुवा
सुहाग बरसे बन्नी तेरे अँगनवा- २
दीदी के आँगन सुहाग बन्नी मांगे
अमर रहे बन्नी तेरो सजनवा

38. हम तो हो गए हैरान लाड़ो तेरे लिए

हम तो हो गए हैरान लाड़ो तेरे लिए…
आगरा भी ढूँढा लाड़ो लखनऊ भी ढूँढा
ढूँढा – ढूँढा रे गुडगाँव लाड़ो तेरे लिए…
सारे कॉलिज के लड़के भी ढूँढे
ढूँढा – ढूँढा ये लल्लू लाड़ो तेरे लिए…
बिन्दी भी देंगे लाड़ो टीका भी देंगे
देंगे- देंगे ये झूमर लाड़ो तेरे लिए…

39. मेरी बन्नी का रचा है ब्याह सखी री मंगल गाओ

मेरी बन्नी का रचा है ब्याह सखी री मंगल गाओ
शीश बन्नी के टीका सोहे
नाक बन्नी के बेसर सोहे
झूमर पै इतर लगाओ सखी री मंगल गाओ
मेरी बन्नी का रचा है ब्याह सखी री मंगल गाओ
कान बन्नी के कुण्डल सोहे
हाथ बन्नी के मेंहदी सोहे
कंगन पै इतर लगाओ सखी री मंगल गाओ
मेरी बन्नी का रचा है ब्याह सखी री मंगल गाओ
गले बन्नी के हरवा सोहे
पैर बन्नी के पायल सोहे
बिछुवों पै इतर लगाओ सखी री मंगल गाओ
मेरी बन्नी का रचा है ब्याह सखी री मंगल गाओ
अंग बन्नी के साड़ी सोहे
संग बन्नी के बन्ना सोहे
जोड़े पै इतर लगाओ सखी री मंगल गाओ
मेरी बन्नी का रचा है ब्याह सखी री मंगल गाओ