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मुरगे की एक ही टांग थी

जब कोई आदमी सरासर झूठ बोलकर उसे सही साबित करने की कोशिश करे तब. कोई बावर्ची अपने मालिक के लिए खाना पकाकर लाया. उसमें मुर्गे की एक ही टांग थी. एक टांग बावर्ची ने चुपचाप खा ली थी. मालिक ने पूछा-इसकी दूसरी टांग कहां गई. बावर्ची ने जवाब दिया – हुजूर, किसी किसी मुर्गे के सिर्फ एक ही टांग होती है. संयोगवश किसी दिन एक मुर्गा कूड़े के ढेर पर एक टांग से खड़ा था. बावर्ची ने मुर्गे की ओर इशारा करके कहा – हुजूर, एक टांग के मुर्गे को देखिए. मालिक ने ताली बजाई, तो मुर्गे ने झट दूसरा पैर जमीन पर रख दिया. तो उसने बावर्ची से कहा – देख, इसके दोनों पैर हैं कि एक. इस पर उसने जवाब दिया – हुजूर, ताली बजाने से दो पैर दीख पड़े. अगर उस समय भी आपने ताली बजाई होती, तो दूसरा पैर भी सामने आ जाता.

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