Uncategorized

ठीकरा हाथ में और उसमें बहत्तर छेद

उर्दू के मशहूर शायर मिर्ज़ा ग़ालिब ने ठीकरे के बारे में एक रोचक घटना लिखी है. उन्होंने एक दिन अपने नौकर को ठीकरे में से अंगारे उठाकर चिलम में रखते देखा. वह अपने मालिक के लिए तमाखू भर रहा था और बड़बड़ाता जाता था. मिर्जा ने उससे पूछा कि तू ठीकरे के सामने क्या कह रहा था? नौकर बोला-यही कह रहा था कि आठ महीने से तनख्वाह नहीं मिली, मैं खाऊं क्या? मिर्जा ने फिर पूछा-ठीकरे ने तुझे क्या जवाब दिया? नौकर बोला-ठीकरे ने मुझसे कहा कि कोई फ़िक्र नहीं, मैं तुम्हारे साथ हूं अर्थात मुझे हाथ में लेकर तुम भीख मांगना.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *