28 Dec Uncategorized क्ष त्र ज्ञ August 11, 2024 By admin 0 comments क्ष त्र ज्ञ क्षमा बड़न को चाहिए, छोटन को उत्पात. जो धीर गम्भीर और बड़े लोग हैं उन्हें अपने से छोटों की उद्दंडता को क्षमा कर देना चाहिए. ... Continue reading
14 Dec Uncategorized जा को रखवाल गोपाल धनी, ता को बलदाऊ कहा करिहैं. December 17, 2023 By admin 0 comments गदा युद्ध के नियमों के अनुसार जांघ पर गदा मारना निषिद्ध होता है, लेकिन एक तो भीम ने द्रौपदी के चीरहरण के समय प्रतिज्ञा की थी कि वह दुर्... Continue reading
28 Nov Uncategorized पाप का बाप लोभ November 28, 2023 By admin 0 comments एक व्यक्ति अपनी सारी शिक्षा संपन्न करके घर आया। माता पिता ने आनन फानन में उसकी शादी करा दी। उसकी पत्नी ने उससे एक प्रश्न पूछा कि बताओ क... Continue reading
28 Nov Uncategorized ढपोर शंख November 28, 2023 By admin 0 comments प्राचीन समय में एक ब्राह्मण गरीबी के कारण भिक्षाटन से अपने परिवार का पेट पालता था। जब भुखमरी की नौबत आ गयी तो किसी ने बताया कि समुद्र द... Continue reading
22 Nov Uncategorized गीदड़ पट्टा May 17, 2024 By admin 0 comments कुछ लोग अपना महत्व दिखाने के लिए कुछ भी उल्टा सीधा करने को तैयार हो जाते हैं. इस के लिए वे झूठ भी बोल लेते हैं. ऐसे ही लोगों से सम्बंधि... Continue reading
01 Nov Uncategorized अंडे सेवे कोई, बच्चे लेवे कोई March 27, 2024 By admin 0 comments कौए और कोयल के विषय में एक कहानी कही जाती है. कोयल इतनी चालाक होती है कि खुद घोंसला नहीं बनाती है. जब अंडे देने का समय आता है तो वह कौए... Continue reading
26 Jun Uncategorized अपनी अपनी खाल में सब मस्त September 29, 2023 By admin 0 comments आम लोग अपने काम, अपने स्वार्थ और अपने परिवार की चिंता में ही व्यस्त रहते हैं. इस विषय में एक कथा कही जाती है. मृत्यु शैया पर पड़े एक धर्... Continue reading
21 May Uncategorized सौ सयाने एक मत June 21, 2023 By admin 0 comments निन्नानवे घड़े दूध में एक घड़ा पानी क्या जाना जाय? सौ सयाने एक मत। कथा है कि एक बार अकबर बादशाह ने बीरबल से पूछा कि किस जाति के लोग सब... Continue reading
21 May Uncategorized चलत फिरत धन पाइए, बैठे पावे कौन June 21, 2023 By admin 0 comments किसी गाँव में एक धनाढ्य व्यक्ति रहता था. उसके पास अच्छी खासी जमीन थी और बहुत सी गायें भी थीं पर वह न तो खेती पर ध्यान देता था और न ही अ... Continue reading
21 May Uncategorized हंसा थे सो उड़ गए कागा भये दिवान November 8, 2023 By admin 0 comments हंसा थे सो उड़ गए कागा भये दिवान, जा बामन घर आपने, सिंह काके जजमान। (जब किसी सज्जन के स्थान पर दुर्जन का आधिपत्य हो जाए, तब)। एक गरीब ... Continue reading