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अगाड़ी तुम्हारी, पिछाड़ी हमारी

आगे का हिस्सा तुम्हारा, पीछे का हमारा. ऐसे स्वार्थी व्यक्ति के लिए जो किसी वस्तु का सबसे बड़ा भाग स्वयं लेना चाहे. दो भाइयों ने साझे में भैंस खरीदी. उनमें से एक बड़ा होशियार था. उसने दूसरे से कहा – देखो भाई, हम लोग इस भैंस का आधा – साझा कर लें तो हम लोगों में फिर कभी किसी बात का झगड़ा नहीं होगा. भैंस का आगे का हिस्सा तुम ले लो और पीछे का मुझे दे दो. दूसरे ने इस बँटवारे
को स्वीकार कर लिया. उसके अनुसार वह तो भैंस को चारा दाना खिलाया करता और दूध दूसरा भाई दुह लिया करता.

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