एक राजा के चार लड़के थे. एक दिन उसने उनको बुला कर पूछा – तुम सब किसके भाग्य से खाते हो. तीन ने उत्तर दिया – हम सब आपके भाग्य से खाते हैं. परन्तु चौथे ने उत्तर दिया – संसार में सब मनुष्य अपने भाग्य से खाते-पीते हैं. मैं भी अपने भाग्य से खाता हूँ. लड़के की यह बात राजा को बहुत बुरी लगी और उसे घर से निकाल दिया कि देखें तुम किस प्रकार अपने भाग्य से खाते हो. लड़का कुछ दिनों इधर-उधर घूमने के पश्चात एक राजा के राज्य में पहुँचा जहाँ संयोग से उसकी पुत्री के साथ उसका विवाह हो गया और दहेज में आधा राज्य भी मिल गया. उसके पिता को जब यह समाचार मिला तो उसे स्वीकार करना पड़ा कि वास्तव में सब अपने-अपने भाग्य से खाते हैं .
अपने अपने भाग से खाते हैं सब कोय
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Jun