Uncategorized

इस मुर्दे का पीला पाँव, के पीछे पीछे तुम भी आओ

कुछ चोरों ने एक मंदिर से सोने की आदमकद मूर्ति चुराई. अब उसे शहर के बाहर अपने अड्डे तक ले कैसे जाएँ? तो उन्होंने इस के लिए एक नायाब तरीक...

Continue reading

Uncategorized

आला दे निवाला

एक कहानी है कि एक राजा ने किसी भिखारी की बहुत सुंदर लड़की से शादी कर ली. वह लड़की रानी बन कर महल में तो आ गई पर भीख मांगे बिना उस को रोट...

Continue reading

Uncategorized

आया कुत्ता खा गया तू बैठी ढोल बजा

  लापरवाही में गृहस्थी का नुकसान करने वाली महिलाओं के लिए यह कहावत कही जाती है. यह कहावत अमीर खुसरो की एक कहानी पर आधारित है जिसमें वह...

Continue reading

Uncategorized

आधी छोड़ सारी को धावे, आधी मिले न सारी पावे (आधी छोड़ एक नै धावै, बाकी आधी मुंह से जावै)

  एक कुत्ते को कहीं से आधी रोटी मिल गई. वह उसे मुँह में दबा कर नदी के किनारे किनारे जा रहा था कि उसे पानी में अपनी परछाईं दिखी. वह समझा...

Continue reading

Uncategorized

अमर सिंह को मरते देखा, धनपत मांगें भीख, लछमी कंडा बीनतीं, इसे नाम छुछइयाँ ठीक

पहले के जमाने में यह प्रथा थी कि यदि किसी दंपत्ति की बहुत सी संतानें जन्म लेने के बाद मृत्यु को प्राप्त हो जाएं तो वे बचने वाली सन्तान ...

Continue reading

Uncategorized

अन्ते मति सो गति

मरते समय व्यक्ति के मन में जो भाव रहते हैं वैसी ही उस की गति होती है. इस बारे में एक कहानी कही जाती है. एक ऋषि को वन में एक मृग शावक मि...

Continue reading

Uncategorized

हाथी खरीदना आसान है पर पालना मुश्किल

इस बारे में एक कहानी कही जाती है. एक बार जमीदार के यहां एक आदमी हाथी बेचने आया. जमीदार के लड़के ने पूछा, हाथी कितने का? वह आदमी बोला एक...

Continue reading

Uncategorized

हमारे साथ रहोगे तो मजे में रहोगे

 एक जाट शेखचिल्ली के साथ कहीं जा रहा था. रास्ते में सड़क पर एक मूंगफली पड़ी दिखी. शेखचिल्ली ने जाट से कहा, इसे उठाओ, जाट ने उठा लिया, फ...

Continue reading

Uncategorized

सावन में गधा उदासा

गधे के गधेपन पर एक कहानी कही जाती है. सावन में जब गधा सब तरफ़ बहुत सारी खास देखता है तो तनाव में आ जाता है कि मैं इतनी सारी घास कैसे खा...

Continue reading

Uncategorized

सत्तू मनभत्तू जब घोले तब खइबे तब जइबे, धान बिचारे भल्ले कूटे खाए चल्ले

 कहावत का अर्थ है किसी को मूर्ख बना कर अपना घटिया माल उसे भिड़ा देना और उसका अच्छा माल उस से ठग लेना. इस के पीछे एक कहानी है. गाँव के क...

Continue reading