एक कहानी है कि एक राजा ने किसी भिखारी की बहुत सुंदर लड़की से शादी कर ली. वह लड़की रानी बन कर महल में तो आ गई पर भीख मांगे बिना उस को रोटी नहीं पचती थी. सब दस दासियों और अन्य रानियों के सामने वह ऐसा कोई काम भी नहीं कर सकती थी. तो उस ने चुपचाप भीख मांगने का एक तरीका निकाला. वह अपना कमरा बंद कर के दीवार में बने आले में रोटी का टुकड़ा रख देती और आला दे निवाला कह कर उस से रोटी का टुकड़ा मांग कर खाती थी. कहावत का अर्थ है कि कोई आदमी कहीं भी पहुँच जाए उसकी बुनियादी आदतें नहीं छूटतीं. कोई नीची मानसिकता वाला व्यक्ति यदि उच्च पद पर आसीन हो जाए और फिर भी ओछी हरकतें करे तो उस का मजाक उड़ाने के लिए यह यह कहावत कही जाती है.
आला दे निवाला

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Apr