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तिरिया तेल, हमीर हठ, चढ़ै न दूजी बार

सिंह सुवन, सत्पुरुष वचन, कदली फलै इक बार, तिरिया तेल, हमीर हठ, चढ़ै न दूजी बार. सिंह एक ही बार संतान को जन्म देता है. सच्चे लोग बात को एक ही बार कहते हैं. केला एक ही बार फलता है. स्त्री को एक ही बार तेल एवं उबटन लगाया जाता है अर्थात उसका विवाह एक ही बार होता है. ऐसे ही राव हमीर का हठ है. वह जो ठानते हैं, उस पर दुबारा विचार नहीं करते. अलाउद्दीन की सेना ने गुजरात पर आक्रमण किया था. वहां से लूट का बहुत सा धन दिल्ली ला रहे थे. मार्ग में लूट के धन के बंटवारे को लेकर कुछ सेनानायकों ने विद्रोह कर दिया. वे विद्रोही सेनानायक राव हम्मीरदेव की शरण में रणथम्भौर आ गए. सुल्तान अलाउद्दीन ने राव हम्मीर से इन विद्रोहियों को सौंप देने की मांग की. क्षत्रिय धर्म का पालन करते हुए राव हम्मीर ने शरण में आए हुए सैनिकों को नहीं लौटाया. इस पर अलाउद्दीन ने क्रोधित होकर रणथम्भौर पर हमला कर दिया. इसके बाद अलाउद्दीन खिलजी व हम्मीर देव के बीच युद्ध हुआ जिस में हम्मीर देव शहीद हुए.

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