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ऊपर बरछी नीचे कुआँ, तासे बानिया फारखत हुआ
किसी व्यक्ति को एक बनिये का बहुत सा रुपया उधार देना था. ऋण चुका पाने का कोई उपाय न देख एक दिन उसने बनिये को अपने घर बुलाया और उसे कुँए की मुंडेर पर बैठा दिया. फिर उसने उसे बरछी दिखा कर मार डालने की धमकी दी और फारखती (कर्ज़ अदा होने की रसीद) लिखा ली. परन्तु बनिया बड़ा होशियार था. फारखती की पुर्जी की पीठ पर चुपचाप लिख दिया – ऊपर बरछी नीचे कुआँ, तासें बनिया फारखत हुआ. और बाद में अदालत में नालिश करके रुपये वसूल कर लिये.