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नकलची बन्दर

बंदर की आदत होती है कि वह इंसान की नकल करता है. इंसानों में कोई किसी की नकल करता हो तो उसे नकलची बन्दर कह कर चिढ़ाते हैं. विशेष कर बच्चों में यह कहावत खूब बोली जाती है. इस विषय में एक कहानी सुनाई जाती है. एक टोपी बेचने वाला गाँव से शहर जा रहा था. रास्ते में वह थक कर एक पेड़ के नीचे सो गया. पेड़ पर बहुत सारे बन्दर रहते थे, वे उसकी गठरी खोल कर उस में से टोपियाँ उठा उठा कर ले गए. जागने पर जब उसने यह दृश्य देखा तो उसकी बुद्धि चकरा गई. फिर उसे एक तरकीब सूझी. उसने एक टोपी अपने सर पर लगा ली. बंदरों ने भी सर पर टोपी लगा ली. अब उसने सर से टोपी उतार कर जमीन पर फेंक दी, तो बंदरों ने भी अपने अपने सर से टोपियाँ उतार कर नीचे फेंक दीं.