Uncategorized

ना बात बिरानी कैये, ना ऐंचा तानी सैये

न व्यर्थ दूसरे की बात किसी से कहो और न इँचे-खिंचे फिरो. एक बार किसी सियार की स्त्री ने एक शेर की माँद में जाकर बच्चे दिये. उस समय शेर बाहर था. परन्तु, जब वह लौट कर आया तो सियार और सियारनी बड़े घबराये. अंत में कोई और उपाय न देख सियार ने सियारनी से कहा- देख, अब तू एक काम कर, किसी प्रकार बच्चों को रुला दे. मैं आवाज बदल कर पूछूंगा-रानी चकचुइया, बच्चे रोते क्यों हैं? तुम कहना – राजा शालिवाहन, वे भूखे हैं, शेर का ताजा मांस खाने को माँगते हैं. मैं कहूँगा – अच्छी बात है, इस जंगल में शेरों की क्या कमी. एक नहीं, अभी दस मार कर लाता हूँ. माँद के निकट आकर शेर ने उन दोनों की जो इस प्रकार की बातचीत सुनी तो डर के मारे उल्टे पैरों भाग खड़ा हुआ. रास्ते में एक दूसरे सियार से उसकी भेंट हुई. उसके पूछने पर कि महाराज आप इस तरह तेजी से कहाँ भागे जा रहे हैं, शेर ने सारा किस्सा बताया. सुन कर सियार ने हँस कर कहा — महाराज आप भी किसकी बातों में आ गए, वह तो हमारी बिरादरी का ही एक सियार है. उसकी स्त्री ने वहाँ बच्चे दिये हैं. विश्वास न हो तो चल कर देख लीजिए. शालवाहन यहाँ कहाँ रखे. परन्तु शेर को इसका विश्वास नहीं हुआ. तब सियार ने कहा अच्छी बात है. आप अगर समझते हो कि मैं आपको धोखा दे रहा हूँ तो मैं आपकी पूँछ से अपनी पूंछ बाँध लेता हूँ जिसमें मैं कहीं भागकर जा न सकूं. बात झूठ निकले तो आप जो समझो सो करना. शेर इस बात पर राजी हो गया. एक दूसरे की पूंछ से अपनी पूंछ बाँध कर दोनों माँद की तरफ चल पड़े. इधर पहले सियार ने जब उनको इस प्रकार आते देखा तो मांद के भीतर से ही चिल्ला कर कहा – शाबाश भाई, शाबाश, तुम अच्छे मौके से आये. मैं स्वयं शेर के शिकार के लिए जा ही रहा था. बच्चे बड़ी देर से भूखे रो रहे हैं. परन्तु यह क्या? मैंने तुमसे दो शेर पकड़ कर लाने को कहा था. परन्तु तुम एक ही लाये? सियार की यह बात सुन कर शेर वहाँ से प्राण लेकर भागा. दूसरा सियार चिल्लाता ही रहा कि महाराज! ठहरिये, ठहरिये, मुझे कम से कम अपनी पूँछ तो छुड़ा लेने दें. परन्तु शेर ने एक नहीं सुनी, बराबर भागता ही गया और सियार भी उसके पीछे-पीछे बड़ी दूर तक घिसटता गया. लगातार झटके लगने से बेचारे की पूंछ टूट गयी और कई जगह सिर में चोट भी आयी. अपनी यह दुर्दशा देख कर उसने कहा – ना बात बिरानी कैये, ना ऐंचा तानी सैये.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *