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ई नहिं बूझो डाक निबुद्धि, नासे काल बिनासे बुद्धि

मिथिला में ‘डाक’ नामक एक व्यक्ति रहता था. उसके विषय में ज्योतिषियों ने भविष्यवाणी की थी कि वह स्नान करते समय सिर का बाल उलझ जाने के कारण पानी में डूबकर मरेगा. फलस्वरूप, डाक ने बाल रखना और नदी तालाब में स्नान करना छोड़ दिया. उसके माथे में, शिखा के रूप में, केवल एक ही लम्बा बाल था. एक दिन ऐसा संयोग हुआ कि वह पास के एक छोटे से पोखरे में स्नान करने गया, जिसमें बहुत थोड़ा पानी था. फिर भी, पोखरे के पाठ में अपने सिर का वही एक बाल उलझ जाने से बह पानी में डूबकर मर गया. कोई भी व्यक्ति मूर्ख नहीं होता, विनाश के समय उसको बुद्धि मारी आती है.

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