Uncategorized

ऐसो बनिज साहु न करै, दानो खिलाय लीद घर भरै

 बनिया ऐसा व्यापार नहीं करता कि जिससे लाभ के बजाय उलटे हानि हो. इसकी एक कथा है कि किसी व्यक्ति को एक बनिये का रुपया उधार देना था. उनके चुकावरे में उसने बनिये को अपनी घोड़ी देनी चाही. इस पर बनिये कहा कि भाई मुझे तो अपने रुपये चाहिए. मैं ऐसी वस्तु को लेकर क्या करूँगा कि गाँठ का दाना खिलाना पड़े और बदले में लीद मिले.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *