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रुपये को रूपया खींचता है (रुपया देख के रुपया आवेला)

किसी मूर्ख व्यक्ति ने यह सुन रखा था कि रुपया ही रुपये को खींचता है. उसने इसका प्रयोग करना चाहा. उसने कहीं कुछ व्यक्तियों को रुपये गिन-ग...

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राजा के दरबार में रोता जाए वो भी मार खाए, हँसता जाए वो भी मारा जाए (राजा के हुआ बेटा, राजा का मरा बाप, न हंसते बने, न रोते बने)

किसी दिन एक राजा की माँ मर गई. ठीक उसी दिन उसको प्रथम बार पुत्र पैदा हुआ. अब उसके यहाँ माँ की मृत्यु के कारण, जो रोता हुआ जाता, उसे भी ...

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बड़गांव की भागवत शुरू ही से (बड़‌गाँव के भागवत जरिये से)

बड़गाँव का भागवत है, जो आरम्भ ही होता रहेगा. चम्पारन जिले में बड़गाँव नामक एक गाँव है. एक बार वहाँ एक कथावाचक आये. उन्होंने श्रीमद्भागव...

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तू खेला आन से, हम खेली मान से, कुत्ता खेला पिसान से

कहीं एक पति-पत्नी बहते थे. दोनों दुश्चरित्र थे. एक दिन पत्नी बैठकर आटा गूंध रही थी. पति भी वहीं बैठा था. इतने में पति की प्रेमिका उधर स...

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तसलवा तोर कि मोर(तसला तेरा है या मेरा)

भोजपुरी क्षेत्र के लोग दूसरे की भी वस्तु को अपना कहकर जबरदस्ती उससे छीन लेते है. वे किसी व्यक्ति से उसकी वस्तु के विषय में पूछते हैं कि...

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चील रंग सब कोई सियारी रंग कोई न(चील्हो रंग सब कोय सियारो रंग कोय न)

सब लोग चील्हो की तरह हों, सियारो की तरह कोई नहीं. चील्हो (चील) और सियारो (सियारिन) दो सहेलियाँ थीं. दोनों ने जीवत्पुत्रिका-व्रत किया. स...

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गोनू झा की बिल्ली

गोनू झा एक राजा के दरबारी थे. राजा ने एक दिन सभी दरबारियों को एक-एक बिल्ली पालने को दी और साथ ही एक-एक ब्याई हुई भैंस भी. राजा ने दरबार...

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ई नहिं बूझो डाक निबुद्धि, नासे काल बिनासे बुद्धि

मिथिला में 'डाक' नामक एक व्यक्ति रहता था. उसके विषय में ज्योतिषियों ने भविष्यवाणी की थी कि वह स्नान करते समय सिर का बाल उलझ जाने के कार...

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