Uncategorized

सोने वाले की भैंस तो पाड़ा ही जनेगी

दो पड़ोसियों की भैसें साथ-साथ ब्याहने वाली थीं। दोनों उनके ब्याहने की प्रतीक्षा कर रहे थे। रात अधिक हो गई तो एक ने कहा कि दोनों के जागने...

Continue reading

Uncategorized

सौ का भाई साठ

सौ और साठ तो भाई-भाई ही हे अर्थात् बराबर है । गाँव के साहूकार का एक आदमी पर सौ रुपये का ऋण था। बार-बार टोकने पर भी जब उस आदमी ने ऋण अद...

Continue reading

Uncategorized

क्या खुदा तेरी खुदाई, मारनी थी गधी मर गई गाइ

एक मियां के घर के पास ही कुम्हार का घर था। मियां की कुम्हार से अनबन हो गई तो उसने खुदा से फरियाद की कि वह कुम्हार की गधी को मार दे। लेक...

Continue reading

Uncategorized

घोड़ी के सींग थे

एक बनिये का लड़का अपने खेत की रखवाली कर रहा था कि एक चोर एक घोड़ी को चुरा कर उधर से गुजरा। पीछे-पीछे कोतवाल भी अपने सिपाहियों सहित वहाँ...

Continue reading

Uncategorized

टके वाली का बालक झुनझुना बजायेगा

एक आदमी मेले में जा रहा था। पास पड़ोस की स्त्रियां उससे कहने लगीं कि मेरे लड़के के लिए मेले से अमुक चीज लाना, मेरे लड़के के लिए अमुक ची...

Continue reading

Uncategorized

ऊँचे चढ़ चढ़ देखा तो घर-घर वो ही लेखा

एक विधवा स्त्री अपने छोटे से लड़के के साथ रहती थी। वह दुश्चरित्रा थी, इस लिए काजल बिंदी वगैरह श्रृंगार तो किया ही करती, लेकिन दिखावे के...

Continue reading

Uncategorized

ऊंट के गले में बिल्ली

किसी ग्रादमी का ऊँट खो गया तो उसने घोषणा कर दी कि यदि उसका ऊँट मिल जाए तो वह उसे ढूंढ कर लाने वाले को दो टके में बेच देगा। जिस आदमी को ...

Continue reading