एक सेठ जी शालिग्राम के बड़े भक्त थे और दिन भर उनकी पूजा किया करते थे. उनकी स्त्री इस बात से काफी तंग थी. एक दिन उसने ने उनके इस अभ्यास को छुड़ाने के लिए शालिग्राम की मूर्ति के स्थान पर एक बड़ा सा जामुन लाकर रख दिया. नित्यप्रति की तरह सेठ जी पूजा करने बैठे तो नहलाते समय ही उँगली की रगड़ से जामुन घुल गया. सेठ जी ने घबरा कर अपनी स्त्री को बुलाया और कहा, देखो आज हमारे शालिग्राम जी को क्या हो गया है? स्त्री ने कहा – हो क्या गया. दिन भर पानी से नहलाते थे, इसलिए घुल गये हैं. इतनी पूजा मत किया करो.
नित चंदन, नित पानी, सालिगराम धुल गये तब जानी
20
Jun