इस बारे में एक कहानी कही जाती है. एक बार जमीदार के यहां एक आदमी हाथी बेचने आया. जमीदार के लड़के ने पूछा, हाथी कितने का? वह आदमी बोला एक रूपए का. लड़के ने जमीदार की तरफ प्रश्नवाचक निगाह से देखा. जमीदार बोले, भाई बहुत महंगा है नहीं ले पाएंगे. छः महीने बाद कोई दूसरा आदमी हाथी बेचने आया. लड़के ने फिर पूछा, हाथी कितने का. वह आदमी बोला एक लाख का. जमीदार लड़के से बोले खरीद लो, काम आएगा. लड़का बोला पिता जी तब तो आपने एक रूपए में हाथी लेने को मना कर दिया था, अब एक लाख में लेने को कह रहे हैं, ऐसा क्यों? जमींदार बोले, बेटा तब हाथी को खिलाने के लिए पैसे नहीं थे, इसलिए हाथी बहुत महंगा था. इस कहावत में यह सीख दी गई है कि कोई चीज खरीदने से पहले यह गणित अवश्य लगाओ कि उसके रख रखाव में जो खर्च होगा वह हम कर पाएंगे या नहीं.
हाथी खरीदना आसान है पर पालना मुश्किल
20
Apr