ए, ऐ
ए माँ मक्खी, बेटा उड़ा दे, माँ माँ दो हैं. बहुत ही आलसी व्यक्ति पर व्यंग्य.
एक अंडा, वह भी गंदा. कोई एक चीज़ हो वह भी खराब हो.
एक अकेला, दो ग्यारह (एक अकेला दो का मेला). यदि दो लोग मिल कर काम करें तो उनकी शक्ति कई गुना बढ़ जाती है.
एक अनार सौ बीमार. बीमारियों को दूर करने वाला अनार तो एक ही है पर बीमार बहुत सारे हैं, कैसे सब का इलाज हो? जहाँ आवश्यकता से बहुत कम साधन उपलब्ध हों वहाँ यह कहावत कही जाती है.
एक अहारी सदा व्रती, एक नारी सदा जती. दिन में एक बार भोजन करने वाले को हमेशा व्रत रखने वाला (सदाव्रती) माना जाता है और एक ही स्त्री रखने वाला ब्रह्मचारी माना जाता है.
एक अहीर की एक ही गाय, ना लागे तो छूछी जाय. किसी अहीर के पास एक ही गाय है. वह किसी दिन दूध न दे तो बहुत परेशानी की बात है. जैसे घर में कोई एक ही कमाने वाला हो, जिस दिन काम नहीं कर पाया उस दिन फाका करना पड़ेगा.
एक आँख फूटे तो दूसरी पर हाथ रखते हैं. कोई एक बड़ा नुकसान होने पर व्यक्ति दूसरे नुकसान से बचने का उपाय तुरंत ही करता है.
एक आँख से रोवे, एक आँख से हँसे. झूठ बोलने वाले बहरूपिये व्यक्ति के लिए.
एक आंसू, लाख फ़साने. लाख बार अपना दुखड़ा सुनाने के मुकाबले एक आंसू अधिक बात कह देता है.
एक इतवार के व्रत से जनम का कोढ़ नहीं जाता. कोई एक व्रत या पूजा पाठ कर लेने से सारे संकट नहीं मिट जाते. (कुछ लोग मानते हैं कि इतवार के व्रत रखने से कुष्ठ रोग ठीक हो जाता है.
एक इल्ली सौ मन अनाज बिगाड़े. एक लार्वा बहुत सारे अनाज को बर्बाद कर सकता है, क्योंकि वह तेजी से अनाज को खाता है और गंदगी करता है. इसी प्रकार किसी भी संगठन या समाज को एक ही गलत आदमी बदनाम कर सकता है.
एक ओर चार वेद, एक ओर चतुराई. पोथियों का ज्ञान चतुराई की बराबरी नहीं कर सकता.
एक और एक ग्यारह होते हैं. इस कहावत का अर्थ है कि यदि दो लोग मिल कर काम करें तो उनकी शक्ति कई गुना बढ़ जाती है.
एक और एक तो दो ही हों, पर एका हो तो ग्यारह हों. एकता में बहुत शक्ति है.
एक कनक अरु कामनी, दोऊ अगिन की झाल, देखें हीं तन प्रज्जलै, परस्यां पैमाल. कबीर कहते हैं कि सोना और स्त्री दोनों आग के समान हैं. इनको देखने से ही शरीर जल जाता है और छूने से बर्बाद हो जाता है.
एक करे सब लाजें. घर या समाज में एक आदमी की गलती से सब को लज्जित होना पड़ता है.
एक कहो न दस सुनो. यदि हम किसी को भला-बुरा न कहेंगे तो दूसरे भी हमें कुछ न कहेंगे.
एक कान से दो कान, दो कान से बियाबान. कोई बात दूसरे व्यक्ति से कहते ही सारे में फ़ैल जाती है.
एक की दारू दो. दारु – दवा. अकेलेपन की एक ही दवा है, एक से दो हो जाओ.
एक की दो बनाए. एक की दो बनाने वाला. बात को बढ़ा चढ़ा कर कहने वाला. झूठा दोषारोपण करने वाला.
एक की सैर, दो का तमाशा, तीन का पिटना, चार का स्यापा. एक आदमी की मौज होती है, दो हो जाएं तो काम कुछ नहीं केवल तमाशा होगा, तीन में मार पीट झगड़ा और कहीं चार मिल गए तब तो रोने पीटने ही पड़ जाएंगे. यह कहावत उन कहावतों की उलट है जिनमें जमात में करामात जैसी बातें बताई गई हैं. सन्दर्भ कथा 39. एक आदमी की मौज होती है, दो हो जाएं तो काम कुछ नहीं केवल तमाशा होगा, तीन में मार पीट झगड़ा और कहीं चार मिल गए तब तो रोने पीटने ही पड़ जाएंगे. यह कहावत उन कहावतों की एकदम उलट है जिनमें एक और एक ग्यारह और जमात में करामात जैसी बातें बताई गई हैं. इस बारे में एक कहानी कही जाती है. एक व्यक्ति के चार बेटे थे. उनको एकता का महत्त्व समझाने के लिए उसने उन चारों को एक एक लकड़ी दी और उसे तोड़ने कहा. सबने फ़ौरन लकड़ी तोड़ दी. फिर उसने चार लकड़ियाँ बाँध कर गट्ठर बना दिया और तब तोड़ने को कहा. तब उसे कोई नहीं तोड़ पाया. उसने लड़कों को समझाया कि मिल कर रहोगे तो सब का फायदा होगा.
उसकी इस बात का जबाब देने के लिए छोटा लड़का पाँच गमले ले कर आया. एक गमले में चार छोटे छोटे सूखे सूखे पौधे लगे थे, और चार गमलों में एक एक भरा पूरा पौधा लगा था. उसने कहा – देखो बापू! जो साथ साथ रह रहे हैं उन में से कोई नहीं पनप पा रहा है, और जो अलग अलग रह रहे हैं वे सब तरक्की कर रहे हैं.
रूपान्तर – एक की सैर, दो का तमाशा, तीन का मेला, चार का झमेला.
एक कील ठोंके दूसरा टोपी टाँगे. 1.पहले वाला आदमी कोई काम करता है और बाद वाले उसका फायदा उठाते हैं. 2. छोटे से काम में कई लोगों का लगना.
एक कुंजड़न नहीं आएगी तो क्या हाट नहीं भरेगा. कुंजड़न – सब्जी बेचने वाली. जो आदमी यह समझता हो कि उसके न आने से सब काम रुक जाएंगे, उसको सीख देने के लिए.
एक कुत्ता चोरी करे, कुत्ता जात बदनाम होए. किसी जाति या समाज का एक सदस्य चोरी करे तो सारा समाज बदनाम होता है.
एक कुत्ते को रोता देख सब कुत्ते रोवें (कुत्ते को सुन कर कुत्ता रोवे). बिना सोचे समझे एक दूसरे की नकल करने वालों पर व्यंग्य.
ए कूकुर तुम दुर्बल काही, दसियों घर की आवाजाही. कुत्ते से कोई पूछता है कि तुम दुबले क्यों हो, वह कहता है, क्या करूँ, पेट भरने के लिए दस घरों में आना जाना पड़ता है.
एक के दूने से सौ के सवाए भले. 1.अधिक लाभ के चक्कर में पड़ के धन गँवाने से अच्छा है कम लाभ वाला सुरक्षित निवेश. 2.बहुत कम पूँजी से व्यापार नहीं हो सकता. एक के दो भी होंगे तो लाभ का तो एक ही रुपया हुआ, उससे गृहस्थी नहीं चलेगी, अधिक पूँजी में सौ के सवाए भी होंगे तो पचीस रूपये से जीवन चल जाएगा.
एक के पुन्न से सब गाँव तर जात. एक आदमी के अच्छे काम का पूरे समाज पर प्रभाव पड़ता है.
एक को गड़ही, एक को गंगा. किसी के भाग्य में पोखरे के स्नान बदे होते हैं और किसी के में गंगा के.
एक कौड़ी मेरी गांठी, चूड़ा बनवाऊं या माठी. मेरे पास बहुत थोड़े से पैसे हैं, उसमें क्या क्या अरमान पूरे कर लूँ. मेरी गांठी – मेरी गाँठ में (मेरे पास), माठी – बांह में पहनने वाला आभूषण.
एक खजेली कुतिया सौ कुत्तों को खजेला करे. एक कुतिया को खुजली हो तो उस से सौ कुत्तों को खुजली हो सकती है. समाज में एक गलत व्यक्ति अनेक लोगों को गलत रास्ते पर चलने के लिए प्रेरित कर सकता है.
एक खम्बे से दो हाथी नहीं बंध सकते. कोई दो शक्तिशाली लोग एक व्यक्ति के अधीन नहीं रह सकते.
एक खसम नहिं होवे जिसके सहस खसम हो जाएं. जिस स्त्री का पति नहीं रहता उस पर जोर जमाने वाले हजार लोग हो जाते हैं. सहस – सहस्त्र, हजार.
एक खाए मलीदा, एक खाए भुस. अपना अपना भाग्य, एक व्यक्ति हलवा खा रहा है और एक भूसा खा कर पेट भरने को बाध्य है. विस्तार – एक खावे घी मलीदा, एक खावे भुस्सा, अपना अपना भाग है, काहे करे गुस्सा.
एक गाँव में नकटा बसै, छिन में रोवै छिन में हंसै. नकटे व्यक्ति की मजाक उड़ाने के लिए बच्चों की कहावत.
एक गुना चूना, दो गुना कत्था, तीन गुना सुपारी लगे तब मिले रस. उत्तम पान का फार्मूला.
एक ग्रह के नौ अवसान. एक छोटी परेशानी के लिए बहुत से उपाय करना. अवसान – उपाय.
एक घंटा मांगे तो सवा सेर, दिनभर मांगे तो भी सवा सेर. मेहनत कितनी भी करो फल उतना ही मिले तो.
एक घड़ी का राग रंग, छोड़ सैंया मेरो संग. यदि तुम केवल एक घड़ी के राग रंग के लिए ही मेरे पास आना चाहते हो तो इससे अच्छा कि मेरा साथ छोड़ ही दो.
एक घड़ी की नाक कटाई, सारे दिन की बादशाही (एक घड़ी की बेहयाई, सारे दिन का आराम). किसी काम के लिए मना कर देने में कुछ देर बेशर्मी दिखानी पड़ती है पर फिर बहुत आराम रहता है.
एक घड़ी, आधी घड़ी, आधी में पुनि आध, तुलसी संगत साधु की, हरे लाख अपराध. एक घड़ी से भी कम समय यदि साधु की संगत की जाए तो लाख अपराध भी हरे जा सकते हैं.
एक घर तो डायन भी छोड़ देती है. डायन के बारे में कहा जाता है कि वह बच्चों को खा जाती है, लेकिन एक घर वह भी छोड़ देती है. जो घूस खोर बिना घूस लिए कोई काम करने को राजी न हों उन्हें उलाहना देने के लिए यह कहावत कही जा सकती है.
एक घर में सौ मर्द खुशी से रह सकते हैं, दो औरतें चैन से नहीं रह सकतीं. स्त्रियों में आपसी डाह की प्रवृत्ति को दर्शाने के लिए.
एक चन्द्रमा नौ लख तारा, एक सखी और नग्गर सारा. असंख्य तारे होते हुए भी एक चन्द्रमा ही प्रकाश देता है. नगर में असंख्य लोग होते हुए भी एक सखी (दानी व्यक्ति) को ही कीर्ति मिलती है.
एक चादर जने पचास, सभी करें ओढ़न की आस. उपयोग में आने वाली वस्तुएँ कम और जरूरतमंद बहुत अधिक.
एक चीज को तलाश करो तो दूसरी मिल जाती है. अक्सर ऐसा होता है कि हम कोई चीज़ तलाश रहे हों तो बहुत दिन से खोई हुई कोई और चीज़ मिल जाती है.
एक चुटकी सतुआ, गाँव भर को नेवता. बहुत थोड़े से साधन होते हुए भी बड़े बड़े मंसूबे बांधना.
एक चुप सौ को हरावे. दस लोग आप को बुरा कह रहे हों, यदि आप चुप रहते हैं तो वे अंततः चुप हो जाते हैं.
एक चुप हजार सुख. कोई कितना भी क्रोध दिलाने की कोशिश करे यदि आप उस समय चुप रहते हैं तो बहुत सुखी रहते हैं. इंग्लिश में कहावत है – Silence is golden.
एक जंगल में दो शेर. दो दबंग लोग एक स्थान पर एक साथ नहीं रह सकते.
एक जना झख मार मरे, पांच का काम पांचै करें. जो काम पांच आदमियों के करने का है उसे एक आदमी कितना भी प्रयास करें नहीं कर सकता.
एक जना नाखून काटे, चार जने नेहन्ना लाएँ. नेहन्ना या नहरना एक लोहे का छोटा सा औजार होता था जिस से नाई लोग नाखून काटते थे. कहावत में कहा गया है कि छोटे से काम में फ़ालतू में बहुत से लोग लग रहे हैं.
एक जनी आ गई, झगड़ा लगा गई, खुद गायब हो गई, सब को उलझा गई. जो धूर्त लोग दूसरों में झगड़ा करा कर स्वयं अलग हो जाते हैं, उनके लिए.
एक जो होए सो बुद्धि सिखाइये, कूपहि में यहाँ भांग पड़ी है. जहाँ एक व्यक्ति मूर्खतापूर्ण हरकतें कर रहा हो वहाँ उसे बुद्धि सिखाने का कार्य किया जा सकता है, यहाँ तो ऐसा लगता है कि कुएं में ही भांग पड़ी है (सब के सब दीवाने हैं).
एक जोरू का जोरू, एक जोरू का भतार, एक जोरू का सीसफूल, एक पशम का बार. अलग अलग तरह के पति गिनाए गए हैं. एक पत्नी का गुलाम है एक स्वामी, एक पत्नी के लिए शीशफूल (माथे का गहना) के समान प्रिय और महत्वपूर्ण है और एक पशम के बाल की तरह तुच्छ और अवांछित. पशम – जननेन्द्रियों का बाल.
एक जोरू सारे कुनबे को बस है. एक स्त्री पूरे परिवार को संभालती है.
एक झूठ के सबूत में सत्तर झूठ बोलने पड़ते हैं (एक झूठ छिपाने के लिए दस झूठ बोलने पढ़ते हैं). एक झूठी बात को सिद्ध करने के लिए बहुत से झूठ बोलने पड़ते हैं.
एक टका दहेज, नौ टका दक्षिणा. विवाह में जितना दहेज मिला उससे कई गुना पंडित जी दक्षिणा मांग रहे हैं.
एक टका मेरी गांठी, मगद खाऊं के माठी. मगद – शादी ब्याह में बनने वाले बेसन के बड़े लड्डू, माठी – बड़ी मठरी. जेब में थोड़े से पैसे हैं उसमें क्या क्या शौक पूरे कर लें.
एक ठौर बोली, एक ठौर गाली. वही बात कहीं पर सामान्य बोलचाल की भाषा मानी जाती है और कहीं पर गाली.
एक तरफ चार वेद एक तरफ चातुरी, एक तरफ सब मंतर एक तरफ गात्तरी. गात्तरी – गायत्री मंत्र. चार वेदों का ज्ञान रखने वाला भी चतुर व्यक्ति से हार जाता है. साथ में गायत्री मन्त्र की महिमा भी बताई गई ई.
एक तवे की रोटी क्या पतली क्या मोटी. (एक तवे की रोटी, क्या मोटी क्या छोटी). एक कुटुम्ब के मनुष्यों में बहुत कम अन्तर होता है.
एक तिनके से हवा का रुख मालूम हो जाता है. हवा किधर को चल रही है, यह मालूम करना है तो घास के तिनके को देखिये. वह उधर को ही झुका होगा. चुनाव आदि में केवल कुछ लोगों से बात कर के ही जनता का मन भांपा जा सकता है.
एक तीर से दो शिकार. जब कोई एक ही काम करने से दो प्रयोजन सिद्ध हो जाएँ तो. इंग्लिश में कहावत है – To kill two birds with one stone.
एक तो अंधे को खिलाओ, फिर घर छोड़ के आओ. असहाय व्यक्ति की मदद करने की कोशिश करो तो उस में भी बड़ी मुसीबतें हैं.
एक तो कानी बेटी की माई, दूजे पूछने वालों ने जान खाई. बेटी कानी है इसी का माँ को बहुत कलेस है ऊपर से पूछने वाले और जान खाते रहते हैं.
एक तो गड़ेरन, दूसरे लहसुन खाए. एक तो गड़ेरन वैसे ही गन्दी रहती है ऊपर से लहसुन खाती है जिससे और बदबू आती है.
एक तो गोरी अपने गोर, दुसरे लीन्ही कमरी ओढ़. किसी काली कलूटी स्त्री के लिए व्यंग्य में कहा जा रहा है कि एक तो वे स्वयं इतनी गोरी हैं और ऊपर से काली कमली ओढ़ ली है.
एक तो डाकिन ऊपर से जरख पे चढ़ी. जरख – लकड़बग्घा. लोक विश्वास है कि डाकिन की सवारी लकड़बग्घा है इसीलिए उसे जरखवाहिनी भी कहते हैं. डाकिन अकेली ही बच्चों को खा जाती है ऊपर से लकड़बग्घे पर सवार हो तो क्या कहने. देखिए परिशिष्ट.
एक तो डायन दूजे ओझा से ब्याह. एक तो डायन वैसे ही खतरनाक होती है ऊपर से ओझा से शादी करके और खतरनाक हो गई है.
एक तो डायन, दूसरे हाथ लुआठ (जलती हुई लकड़ी). भयंकर चीज़ का और भयंकर हो जाना.
एक तो था ही दीवाना, उस पर आई बहार. कोई आदमी वैसे ही पगलाया हुआ हो और ऊपर से बहार का मौसम आ जाए तो उसका बौरानापन और बढ़ जाता है.
एक तो बाई नाचनी और घुंघरू पहने बाजनी, एक तो नाचने का शौक, और ऊपर से पैरों में घुंघरू पहिन रखे हैं
एक तो भालू, दूसरे कांधे कुदाल. भयंकर चीज़ का और भयंकर हो जाना.
एक तो मियाँ अपने मिट्ठू, दूसरे खाई प्याज. एक तो मियाँ के मुँह से मीठी मीठी सुगंध (दुर्गन्ध के लिए व्यंग्य में) आती है, ऊपर से प्याज खा ली है.
एक तो मियाँ बावले, दूजे खाई भाँग, तले हुआ सर, ऊपर हुई टांग. एक तो मियाँ वैसे ही पगले थे ऊपर से भांग खा ली तो बुरा हाल हो गया. समझदार व्यक्ति के मुकाबले कोई मूर्ख नशा कर ले तो बहुत अधिक नुकसान है.
एक तो विदेसी, ऊपर से तोतला. एक तो विदेशियों की बोली वैसे ही समझ में नहीं आती, उपर से वह तोतला है.
एक तो शेर, ऊपर से बख्तर पहने. शेर वैसे ही इतना खतरनाक और अजेय ऊपर से कवच और पहन ले.
एक थैली के चट्टे बट्टे. एक परिवार के लोग यदि एक जैसे हों तो.
एक दम में हजार दम. एक आदमी हजार लोगों का पेट पाल सकता है.
एक दम, हजार उम्मीद. जब तक सांस है तब तक हजार उम्मीदें रहती हैं.
एक दर बंद, हजार दर खुले. यदि किसी को सहायता देने का एक रास्ता बंद कर दिया जाए तो उसके लिए अन्य बहुत सी संभावनाओं के द्वार खुल जाते हैं.
एक दाँत का मोल करा, बत्तीसों खोल दिये. व्यर्थ दाँत निकालने वालों का मजाक उड़ाने के लिए
एक दिन का दिखावा, हजार दिन का सियापा (एक दिन की शोभा, सहस दिन का रोबा). विवाह आदि बड़े आयोजन में लोग झूठी शान दिखाने के लिए क़र्ज़ ले कर अनाप शनाप खर्च करते हैं और फिर उन्हें बहुत समय तक उस की भरपाई करनी पड़ती है.
एक दिन पाहुना, दूजे दिन अनखावना, तीजे दिन अपने घर भला. अनखावना – खीझ पैदा करने वाला (अनखनाना माने खीजना) कोई अतिथि पहले दिन प्रिय लगता है और दूसरे दिन उससे खीझ होने लगती है. तीसरे दिन उसे अपने घर चला जाना चाहिए. रूपान्तर – एक दिना को पावनो, दो दिना को मुसाफिर, तीसरे दिन रहे तो बेसरम.
एक दिन मेहमान, दो दिन मेहमान, तीजे दिन बलाए जान. घर आया हुआ मेहमान एक दिन अच्छा लगता है, दूसरे दिन भी झेल लिया जाता है, तीसरे दिन तो वह मुसीबत लगने लगता है. इंग्लिश में कहावतें हैं – ‘Two days guest, third day a pest’ ; ‘Fish and guest smell in three days’.
एक दिन व्रत, नौ दिन उद्यापन. कुछ व्रत कई सप्ताह तक रखने के बाद उन का उद्यापन किया जाता है जिस में बहुत से लोगों को बुला कर खाने पीने का आयोजन किया जाता है. कहावत ऐसे लोगों के प्रति कही गई है जिनकी रूचि व्रत में नहीं केवल उद्यापन के दिन मिलने वाले खाने पीने में ही है.
एक दीप से जले दूसरा. (चिराग से चिराग जलता है). 1. ज्ञान के प्रकाश से प्रकाशित होने वाला एक व्यक्ति दूसरे को प्रकाशित करता है. 2. एक मनुष्य से दूसरा मनुष्य जन्म लेता है.
एक देखा राजा ढोर, मारे शाह और छोड़े चोर. भ्रष्ट शासक पर व्यंग्य.
एक देश का बगला, दूजे में बकलोल. एक ही व्यक्ति को कहीं पर बुद्धिमान समझा जाता है और कहीं पर मूर्ख.
एक धमकी सौ निहोरे. जो बार बार अनुरोध करने पर भी काम न कर रहा हो वह एक बार धमकाने से ही मान जाता है. निहोरे करना – अनुरोध करना.
एक न शुद दो शुद. क्या एक मुसीबत कम थी जो अब दूसरी भी गले पड़ गई. सन्दर्भ कथा 40. किसी व्यक्ति ने एक जादूगर से तीन मंत्र सीखे. एक से मृत को जीवित किया जा सकता था, दूसरे से उसके मन का हाल जाना जा सकता था और तीसरे से उसे फिर मृतक बनाया जा सकता था. इन मंत्रों की परीक्षा के लिए एक दिन उसने एक मुर्दे को जीवित किया और उसका सब हाल जान लिया. किंतु उसे फिर मृतक बनाने का मंत्र वह भूल गया. नतीजा यह हुआ कि उस मुर्दे का प्रेत उसके पीछे लग गया. इस मुसीबत से छुटकारा पाने के लिए उसने अपने मरे हुए गुरु (उस जादूगर) को मंत्र द्वारा जीवित किया, पर दुर्भाग्यवश वह इस बार दूसरा मंत्र भूल गया और जीवित को फिर मृतक बनाने का मंत्र नहीं जान सका. इस प्रकार एक के स्थान पर अब दो प्रेत उसके साथ लग गए.
एक नकटा सौ को नकटा करे. जिस व्यक्ति में कोई बहुत बड़ी कमी है वह चाहता है कि सब में वह कमी हो जाए तो उसे कोई कुछ नहीं कहेगा. सन्दर्भ कथा – एक व्यक्ति की नाक धोखे से कट गई. उसे बड़ी चिंता हुई कैसे सबको मुंह दिखाएगा. फिर उसने सोचा कि यदि सब नकटे हो जाएं तो उसे कोई नहीं चिढ़ाएगा. उसने सबसे कहना शुरू किया कि नाक कटने के बाद उसे स्वर्ग दिखाई दे रहा है. कुछ लोग उसकी बातों में आ गये और स्वर्ग देखने के लालच में उन्हों ने भी नाक कटवा ली. जब उन्हें स्वर्ग नहीं दिखा तो उन्होंने उस नकटे से शिकायत की. तो नकटे ने उन सब से कहा कि अगर तुम्हें बेइज्जती से बचना है तो सब से कहो कि तुम्हें भी स्वर्ग दिख रहा है जिससे बाकी सब लोग भी अपनी नाक कटा लें. अगर कोई धूर्त व्यक्ति स्वयं नुकसान उठाने के बाद दूसरे लोगों को भी नुकसान पहुँचाना चाहे तो यह कहावत कही जाती है.
एक नजीर सौ नसीहत. सौ उपदेश देने के मुकाबले एक उदाहरण पेश कर के दिखाना अधिक कारगर होता है. इंग्लिश में कहावत है – Example is better than precept.
एक नथ और दो बहुएँ, बात कैसे पटेगी. चीज़ एक हो और दावेदार दो हों तो बहुत मुश्किल आती है.
एक नयन अमृत झरे, एक नयन में बिष भरे. मन में कुछ ऊपर से कुछ. प्यार का दिखावा पर मन में जहर.
एक नाक दो छींक, काम बनेगा ठीक. किसी काम से पहले कोई छींक दे तो यह अपशकुन होता है पर यदि कोई व्यक्ति दो बार छींके तो वह शुभ शकुन माना जाता है.
एक नारी यथा ब्रह्मचारी. यदि किसी व्यक्ति के पास कई विवाह करने का विकल्प हो पर वह एक ही स्त्री से विवाह करे तो उसे भी ब्रह्मचारी ही माना जाता है. (मजबूरी में एक स्त्री रखने वाले को नहीं)
एक नाहीं, सत्तर बला टाले (एक नाहीं, सौ दुख हरे). किसी काम को मना कर देने से बहुत सी परेशानियाँ कम हो जाती हैं. इस कहावत में उन लोगों को नसीहत दी गई है जो किसी काम को मना न कर पाने के कारण मुसीबत में पड़ जाते हैं. रूपान्तर – एक नन्नो सौ लफड़ा टाले. नन्नो – ‘न’ का अक्षर.
एक नींबू मनों दूध फाड़ देता है. 1. एक छोटी सी युक्ति बहुत बड़े बड़े काम कर सकती है. 2. एक कुटिल आदमी पूरे समाज को दो फाड़ कर सकता है.
एक नीम, सौ कोढ़ी. ऐसा मानते हैं कि नीम की पत्तियों को उबाल कर उसका पानी लगाने से कुष्ठ रोग में लाभ होता है. कहावत में कहा गया है कि नीम एक है और कोढ़ी बहुत सारे हैं. (एक अनार सौ बीमार).
एक नूर आदमी, हजार नूर कपड़ा. व्यक्ति की सुन्दरता में कपड़ों का बहुत अधिक महत्त्व है.
एक ने कही दूजे ने जानी, नानक कहें दोनों ज्ञानी. वैसे तो शाब्दिक अर्थ स्पष्ट है लेकिन इस बात को मजाक के रूप में प्रयोग करते हैं जैसे कोई मूर्ख व्यक्ति किसी दूसरे कम बुद्धि वाले व्यक्ति को कोई ऐसी बात बता रहा हो जिसे वह बड़े ज्ञान की बात समझता हो तो मजाक में यह कहावत कही जाती है.
एक पंथ दो काज. एक ही रास्ते पर जाने से दो काम हो जाएँ तो. एक काम से दो लाभ होना.
एक पग उठावे और दूसरे की आस नहीं. जीवन इतना क्षण भंगुर है कि एक पग रखने के बाद दूसरे का भी भरोसा नहीं है.
एक पजामा दो भाई, फेरा फेरी कचहरी जाई. अत्यधिक निर्धनता की स्थिति. रूपान्तर – एक सारी, फेरा फारी.
एक पड़े लोटते हैं, दूसरे चोखी मांगते हैं. चोखी – शराब. दो शराबियों में से एक जमीन पर लोट रहा है, दूसरा और दारु मांग रहा है. दो नालायक लोग एक से बढ़ कर एक हों तो.
एक पहिए से गाड़ी नहीं चलती. घर गृहस्थी एक व्यक्ति से नहीं चल सकती.
एक पाख दो गहना, राजा मरे कि सेना. एक पाख (कृष्ण पक्ष या शुक्ल पक्ष) में दो ग्रहण पड़ें तो बहुत अशुभ होते हैं. वैसे यह बहुत मुश्किल है क्योंकि चन्द्रग्रहण पूर्णिमा को और सूर्यग्रहण अमावस्या को होता है.
एक पापी सारी नाव डुबोए (एक के पाप से नाव डूबे). ऐसा मानते हैं कि नाव में कोई पापी बैठा हो तो उस के पाप के बोझ से नाव डूब जाती है. किसी एक व्यक्ति के कर्मों का फल बहुत से लोगों को भुगतना पड़े तो.
एक पूत को पूत और एक आँख को आँख नहीं कहा जाता. एक पुत्र होना और एक ही आँख पर्याप्त नहीं होते.
एक पूत बिन जग अंधियार. जिसके एक भी पुत्र नहीं है उस के लिए संसार अंधियारा है.
एक पूत मत जनियो माय, घर रहे या बाहर जाय. पुत्र एक से अधिक होना चाहिए. यदि एक पुत्र को काम के लिए परदेस जाना पड़े तो दूसरा तो साथ में रहेगा. रूपान्तर – एक पूत से निपूत भला.
एक पूत, ढाई हाथ कलेजा. एक पुत्र होने से ही व्यक्ति की हिम्मत बहुत बढ़ जाती है.
एक पेड़ हर्रे, सब गाँव खांसी. ऐसा मानते हैं कि हरड़ (हर्र) खाने से खांसी कम हो जाती है. समस्या यह है कि हर्र का एक ही पेड़ है और सारे गाँव को खांसी है. आवश्यकता अधिक और साधन कम.
एक प्राण दो पिंजर. एक दूसरे से अत्यधिक प्रेम करने वालों के लिए.
एक फूल खिलने से बहार नहीं आती. किसी एक घर में ख़ुशी हो इस का अर्थ यह नहीं होता कि समाज में सुख शान्ति है.
एक फूल से माला नहीं गूँथी जावे. 1. समाज के महत्वपूर्ण कार्य अकेला व्यक्ति नहीं कर सकता. 2. किसी आयोजन में अकेले आदमी से शोभा नहीं होती है.
एक फूहड़ दूजी के घर गई, जा कुठला सी ठाड़ी भई. कुठला – अनाज रखने का मिटटी का बड़ा सा बर्तन. फूहड़ स्त्रियों पर कटाक्ष किया गया है कि एक फूहड़ स्त्री दूसरी फूहड़ स्त्री के घर गई. न कोई आचार व्यवहार न कोई काम की बात बस फूहड़ की तरह खड़ी हो गई.
एक बंदरिया के रूठे क्या अयोध्या खाली होवे. कुछ लोग अपने को बहुत महत्वपूर्ण समझते हैं और सोचते हैं कि उन के चले जाने से सारे काम रुक जाएंगे, ऐसे लोगों को मजाक मजाक में उनकी हैसियत बताने के लिए.
एक बढ़ई, दो लुहार, बाले बच्चे लगें कुम्हार. बढ़ई अकेला काम कर सकता है, लुहार को कम से कम दो लोग चाहिए, कुम्हार को तो पूरा परिवार ही लगाना पड़ता है तब उसका काम हो पाता है.
एक बनिये से बाजार नहीं बसता. समाज की अर्थ व्यवस्था एक व्यक्ति से नहीं चल सकती.
एक बांबी में दो सांप. दो दबंग लोग एक स्थान परएक साथ नहीं रह सकते.
एक बार खाय योगी, दो बार खाय भोगी, तीन बार खाय रोगी. पहले के लोगों का विश्वास था कि खाना जितनी कम बार खाया जाए उतना ही अच्छा है. सामान्य लोग दो बार खाना खाते थे, तीन बार खाना केवल राजा महाराजा ही खाते थे.
एक बार खावे नेमी धेमी, दो बार खावे बड़ा (व्यस्क), तीन बार खावें बालक बूलक, चार बार खावे गधा. नियम पालन करने वाले योगी दिन में एक बार भोजन करते हैं, सामान्य वयस्क लोग दो बार और बालक तीन बार. इस से अधिक बार तो केवल गधे ही खाते हैं.
एक बार जाय योगी, दो बार जाय भोगी, तीन बार जाय रोगी. खाने के अलावा शौच जाने में भी यही सिद्धांत लागू होता है.
एक बार ठगाए, सहस बुद्धि आए. धोखा खा कर ही व्यक्ति बुद्धिमान बनता है.
एक बार भूले सो भूला कहाए, बार बार भूले सो मूरख कहाए. भूल चूक सभी से हो सकती है लेकिन एक बार भूलकर जो उससे शिक्षा ले वह समझदार कहलाएगा और जो उसी गलती को बार बार करे वह मूर्ख कहलाएगा.
एक बार लाज टूटी सो टूटी. एक बार शर्म टूट जाए उसके बाद आदमी कुछ भी कर सकता है.
एक बिगड़े तो दस समझावें, दस बिगड़ें तो कौन समझावे. कोई एक व्यक्ति बिगड़ा हुआ हो तो बहुत से लोग मिल कर उसको समझा सकते हैं, बहुत से लोग बिगड़े हुए हों तो उन्हें कौन संभाल सकता है.
एक बिच्छू के नौ-नौ डंक. महादुष्ट आदमी बहुत तरह से परेशान कर सकता है.
एक बिछौना सोओ और अंग से अंग लगे नई. कोई गलत काम करे और उसके परिणाम से भी बचना चाहे तो.
एक बिहारी सौ पर भारी. बिहार के लोगों ने अपने खुद की प्रशंसा की है.
एक बुजदिल दस बुजदिल पैदा करता है. कायर व्यक्ति बहुत से लोगों के अंदर कायरता का भाव पैदा करता है.
एक बुरे से बुराई नहीं होती. आम तौर पर अकेला आदमी दुष्टता पूर्ण कार्य नहीं करता, बहुत से गलत लोग मिल कर गलत काम करते हैं.
एक बुलावे तेरह धावे. ब्राह्मणों के लिए कहा गया है, एक बुलाओ तो तेरह आते हैं.
एक बेटी लाइ, दूजी मिठाइ, तीसरी होय तो तीनों बलाइ. एक या दो बेटियां प्रिय लगती हैं लेकिन अगर तीन हो जाएं तो तीनों मुसीबत लगने लगती हैं.
एक बैल इक्यावन खूँटा. 1.जब एक व्यक्ति से कई स्थानों पर काम करने को बोला जाए. 2. आवश्यकता से बहुत अधिक साधन होना.
एक बोली तीन काम. केवल मीठा बोलने से ही बहुत सारे काम निकाले जा सकते हैं.
एक भेड़ कुएं में पड़े तो सब जा पड़ें. जो लोग बिना अपनी बुद्धि का प्रयोग करे किसी का अंधानुसरण करते हैं उनके लिए (जैसे आजकल के कलियुगी बाबाओं के भक्त).
एक मखौल, सौ गाली. किसी को सौ गाली देने से अधिक बुरा है उसका मजाक उड़ाना.
एक मछली सारे तालाब को गंदा करती है. एक गलत व्यक्ति से सारा समाज बदनाम होता है. एक गलत व्यक्ति से बहुत से लोग गलत बातें सीखते हैं.
एक मरता सौ पर भारी. जो अपनी जान की परवाह किए बगैर लड़ता है वह अकेला ही सौ पर भारी होता है.
एक माँ के पूत सात, सातों के सात भाग्य. एक ही माँ के पुत्र भी अलग अलग भाग्य ले कर आते हैं
एक माला के मनके. सारे लोग एक से हों तो.
एक मास ऋतु आगे धावे, आधा जेठ असाढ़ कहावे. ऋतु बदलने से एक महीने पहले ही मौसम में उसके अनुरूप परिवर्तन दिखाई देने लगता है.
एक मुँह दो बात. अपनी बात पर स्थिर न रहना.
एक मुर्गी नौ जगह हलाल नहीं होती. एक कर्मचारी एक साथ कई जगह काम नहीं कर सकता. इसको इस तरह भी प्रयोग कर सकते हैं कि किसी एक आदमी से दफ्तर के हर कर्मचारी को रिश्वत नहीं मांगनी चाहिए.
एक में आवा जाही, दूसर में बिछौना चाही. एक बार थोड़ी सुविधा दे दी तो घर में आना जाना शुरू कर दिया, दुबारा लिफ्ट देंगे तो बिछौना मांगेगा.
एक मौनी सौ लबारों को हराए. लबार – अपनी झूठी तारीफ़ करने वाला. एक चुप रहने वाला सौ लबारों पर भारी पड़ता है.
एक म्यान में दो तलवारें नहीं समा सकतीं (एक म्यान में दो खड्ग, दीठा सुना न कान). एक घर में या एक संगठन में दो जबर लोग एक साथ नहीं रह सकते.
एक राम इक रावन्ना, एक छत्री इक बामन्ना, बा ने बा की त्रिया हरी, बा ने बा की लंक जरी, बात को बन गयो बातन्ना, तुलसी लिख गए पोथन्ना. रामायण का उदाहरण दे कर मजेदार ढंग से कहा गया है कि कैसे बात का बतंगड़ बन जाता है. एक राम थे और एक रावण, एक क्षत्रिय थे और एक ब्राह्मण. एक ने दूसरे की स्त्री का अपहरण किया तो दूसरे ने उसकी लंका जला दी. इतनी सी बात का बतंगड़ बना कर तुलसीदास पोथी लिख गये. कहावतों में कही गई बात का किसी को बुरा नहीं मानना चाहिए.
एक रोता सौ को रुलाए. एक व्यक्ति के दुख को देख कर सौ व्यक्ति दुखी होते हैं.
एक लख पूत सवा लख नाती, ता रावण घर दिया न बाती. किसी अत्यंत ऐश्वर्यशाली किन्तु अहंकारी व्यक्ति के पूर्ण विनाश हो जाने पर इस लोकोक्ति का प्रयोग किया जाता है.
एक लड़की नौ दामाद, लड़ुआ खाए बड़ा सवाद. किसी ऐसे महानीच आदमी के लिए जो अपनी बेटी से वैश्यावृत्ति करा के गुलछर्रे उड़ा रहा हो.
एक लिखा और सौ वाचा. सौ बार कही हुई बात का इतना मूल्य नहीं है जितना एक लिखी हुई बात का.
एक लोटा सात भाई, बेरा बेरी पैखाना जाई. अत्यंत निर्धनता की स्थिति. अत्यधिक कंजूस लोगों का मजाक उड़ाने के लिए भी इस प्रकार की कहावत कही जाती है.
एक शेर शिकार करे, सौ लोमड़ियाँ पेट भरें (एक शेर शिकार करे, बहुतों के पेट भरें). एक शक्तिशाली व्यक्ति बहुत से लोगों को आश्रय और जीविका देता है.
एक सवार दो घोड़ों पर सवारी नहीं कर सकता. 1. एक व्यक्ति दो विरोधाभासी संस्थाओं का सदस्य नहीं बन सकता. 2. एक व्यक्ति दो महत्वपूर्ण और कठिन काम एक साथ नहीं कर सकता.
एक साँड़ के हगे बिटौरा नई जुरत. बिटौरा – कंडों का ढेर. एक साँड के गोबर से कंडों का ढेर इकट्ठा नहीं होता. एक आदमी के प्रयास से बड़े बड़े काम नहीं हो सकते इस बात को हास्यपूर्ण ढंग से कहा गया है.
एक सियार हुआँ हुआँ, सबहिं सियार हुआँ हुआँ. जंगल में जब एक सियार हुआ हुआ बोलता है तो सभी सियार बोलने लगते हैं. यदि किसी एक मूर्ख व्यक्ति की बात का समर्थन बहुत से मूर्ख लोग करें तो व्यंग में यह कहावत बोली जाती है. आजकल संसद की कार्यवाही के दौरान ऐसे दृश्य देखने को मिलते हैं.
एक से दो भले. कहीं जाना हो या कोई काम करना हो तो एक आदमी के मुकाबले दो अच्छे रहते हैं. सन्दर्भ कथा – एक लड़का कमाने लिए परदेस जाने लगा तो उसकी माँ ने उससे कहा कि अकेले जाना ठीक नहीं. एक की अपेक्षा दो अच्छे होते हैं. लेकिन और कोई उसके साथ जाने वाला नहीं था, अतः उसकी मां ने एक नेवले को उसकी पिटारी में रख दिया. रास्ते में लड़का एक वृक्ष के नीचे सोया तो एक सांप ने बांबी से निकल कर उसे डसना चाहा. लेकिन नेवले ने सांप के साथ युद्ध कर के उस को मार डाला
एक से भले दो, दो से भले चार. जितने अधिक लोग उतना अधिक आनंद आएगा और काम अच्छा होगा. इंग्लिश में कहावत है – The more, the merrier.
एक सेर की मुंडी हिले, एक तोले की जबान न हिले. जो लोग मुँह से बोले बिना सिर्फ सर हिला कर जवाब देते हैं उन का मजाक उड़ाने के लिए.
एक सो आधो, दो सो चार. एक है तो आधे के बराबर है, और यदि दो हो जायें तो चार की शक्ति आ जाती है.
एक हड्डी सौ कुत्ते (एक बोटी सौ कुत्ते). जहाँ पर आवश्यकता अधिक हो और उपलब्धता कम.
एक हरदसिया, सबरा गाँव रसिया. हरदसिया नाम की कोई एक ही सुंदर कन्या है और गाँव के सभी लड़के उसे वरना चाहते हैं. जहाँ मांग अधिक और उपलब्धता कम हो.
एक हल हत्या, दो हल काज, तीन हल खेती, चार हल राज. एक हल की खेती सत्यानाश, दो हल की काम चलाऊ, तीन हल सही सही और चार हल हों तो उत्तम.
एक हांडी तेरह चीजें मांगे. रसोई की एक हंडिया को पकाने के लिए तेरह प्रकार की वस्तुएं चाहिए होती हैं. घर गृहस्थी या व्यापार के किसी भी काम में बहुत सी वस्तुएं और व्यक्ति चाहिए होते हैं.
एक हाथ देना, दूजे हाथ लेना. किसी को कुछ देना और हाथ की हाथ बदले में कुछ और ले लेना.
एक हाथ से घर चले, सौ हाथ से खेती. घर का काम एक व्यक्ति के करने से पूरा हो सकता है परन्तु खेती में बहुत लोगों को लगना पड़ता है.
एक ही पत्थर से दो बार ठोकर खाना लज्जाजनक है. किसी गलती को दुबारा करना शर्म की बात है.
एक ही बिल के चूहे. एक घर के सभी सदस्य निकृष्ट वृत्ति के हों तो.
एक ही साड़ी में नौ रे नौ, कहे सुने न मनियो रीस, तोहे लगा के पूरे बीस. एक कीमती साड़ी दिखा कर नौ स्त्रियों से शादी करने वाले धूर्त व्यक्ति को अंततः उससे भी सयानी पत्नी मिली. सन्दर्भ कथा – एक व्यक्ति के पास कोई एक बेशकीमती साड़ी थी. उसे दिखा कर वह किसी स्त्री को फंसाता, उससे शादी कर के कुछ दिन बाद उसे छोड़ कर फिर नया शिकार तलाश करता. जब उसने नौवीं शादी की तो अपनी चालाकी पर खुश हो कर गुनगुनाने लगा, एक ही साडी में नौ रे नौ. पत्नी भी कुछ कम नहीं थी. सारा माजरा समझ के बोली, बुरा मत मानना तुम मेरे बीसवें पति हो. जब दो लोग एक से बढ़ कर एक धूर्त हों तब यह कहावत कही जाती है.
एक हुस्न आदमी, हजार हुस्न कपड़ा, लाख हुस्न जेवर, करोड़ हुस्न नखरा. व्यक्ति की सुन्दरता को अच्छे कपड़े हजार गुना बढ़ाते हैं, अच्छे गहने लाख गुना बढ़ाते हैं और उस की भाव भंगिमा करोड़ गुना बढ़ाती हैं.
एकला सो बेकला. बेकल – बेचैन. अकेला आदमी घबराहट और बेचैनी का शिकार हो सकता है इसलिए कोई भी काम मिल बांटकर करना चाहिए.
एकांत वासा, झगड़ा न झांसा. जो एकांत में रहते हैं उनके साथ झगड़े इत्यादि का कोई झंझट नहीं होता.
एकादशी की कसर द्वादशी को पूरी होती है. एकादशी के व्रत की कसर द्वादशी को खूब खा कर पूरी करते हैं.
एकै दार एकै चाउर, किसी को गुन, किसी को बाउर. वही दाल है और वही चावल, किसी को लाभ करता है और किसी को वायु पैदा करता है.
एकै नीम, सब गाँव सितलहा. चेचक को लोग शीतला माता का प्रकोप मानते हैं और नीम के पत्तों से झाड़ते हैं. कहावत में कहा गया है कि गाँव के सारे घरों में चेचक निकली हुई है और एक ही नीम का पेड़ है. आवश्यकता बहुत अधिक और उपलब्धता बहुत कम. सितलहा – शीतला माता का प्रकोप, चेचक.
एकै फूंक चांदी. चांदी एक बार तपाने से ही शुद्ध हो जाती है. कोई व्यक्ति एक ही बार की परीक्षा में खरा उतरता है तब यह कहावत कही जाती है.
एकै भले सपूत सों, सब कुल भलो कहाय. एक योग्य संतान सारे कुल का नाम रोशन करती है.
एकै लाठी सबै न हंकाय. किसी व्यापार में सब कर्मचारियों के साथ एक सा व्यवहार नहीं किया जा सकता.
एकै साधे सब सधै, सब साधे सब जाय, (रहिमन सींचे मूल को, फूलै फलै अघाय). किसी भी कार्य के लिए सब से मुख्य जो व्यक्ति है उसी को साध लेने से सारा कार्य सिद्ध हो जाता है. जड़ को सींचने से पौधा फूलता फलता है, पत्तों पर पानी डालने से नहीं.
एकौ न आँख, कजरौठा नौ ठो. शक्ल सूरत कुछ भी नहीं है और सौन्दर्य प्रसाधन बहुत सारे इकट्ठे किए हैं. कजरौठा – काजल बना कर रखने की डिब्बी. (देखिये परिशिष्ट).
एक्के मियाँ खर खरिहान, एक्के मियाँ दर दोकान. जहाँ एक ही व्यक्ति पर बहुत सारी जिम्मेदारियां हों.
एरंड को मृदंग. बेतुका काम करना. एरंड की लकड़ी बड़ी कमजोर और रेशेवाली होती है. उसका मृदंग तो क्या कोई वस्तु नहीं बन सकती.
एरे ताड़ वृक्ष, एतो बढ़ कर कहा कियो. ताड़ के पेड़ से पूछा जा रहा है कि तू ने इतना लम्बा हो कर क्या किया? ऊँचा पद पा कर किसी के काम न आने वालों के लिए व्यंग्य. (बड़ा हुआ तो क्या हुआ, जैसे पेड़ खजूर).
एहसान लीजे सब जहान का, न एहसान लीजे शाहेजहान का. राजा या बड़े अधिकारी का एहसान लेना ठीक नहीं.
ऐ मियाँ टेढ़े, तुम से हम डेढ़े. तुम अपने को टेढ़ा समझते हो तो हम तुम से डेढ़ गुने टेढ़े हैं.
ऐ मेरे करम, जहाँ टटोलो वहाँ नरम. कोई अत्यधिक अभागा व्यक्ति अपने लिए कह रहा है.
ऐंचन छोड़ घसीटन में पड़े. ऐंचना माने खींचना, जैसे किसी को रस्सी का फंदा डाल कर खींचना. घसीटन माने घसीटना. कहावत का अर्थ है कि एक मुसीबत से निकल कर दूसरी में पड़ गए.
ऐब को हुनर चाहिए. कोई गलत काम करने के लिए भी होशियारी चाहिए.
ऐरे गैरे पचकल्यान (ऐरे गैरे नत्थू खैरे). फ़ालतू और अशुभ आदमी. पचकल्यान एक प्रकार के घोड़े को कहते हैं जो अशुभ माना जाता है.
ऐरे गैरे, फ़सल बहुतेरे. खाने को मिल रहा हो तो बहुत से आलतू फ़ालतू और मुफ्तखोरे इकट्ठे हो जाते हैं.
ऐसा काम हमेशा कर जिसमें न होवे कुछ डर. सदैव ऐसे कर्म करना चाहिए जिनमें बदनामी का डर न हो.
ऐसा पूत पंडित भया, ईंट बाँध कचहरी गया (सब जजमानों को सरग ले गया). किसी योग्य पंडित या हुनरमंद व्यक्ति के मूर्ख पुत्र के लिए व्यंग्य में.
ऐसी करनी न करे, जो करके पछिताए. ऐसा कोई काम नहीं करना चाहिए जो कर के पछताना पड़े. तात्पर्य यह है कि सब काम सोच समझ कर ही करना चाहिए.
ऐसी कही कि धोए न छूटे. इतनी लगने वाली बात कही.
ऐसी छठी बलबल जाएं, नौ नौ पटरी भातें खायं. बच्चे की छठी पर किसी ने बहुत बड़ा भोज दिया है तो लोग आशीर्वाद दे रहे हैं. ऐसी छठी की बलिहारी जाएं जहां खूब सारा खाने को मिल रहा है.
ऐसी बहू सयानी, कि उधार मांगे पानी. बहू इतनी चालाक है कि किसी से पानी भी मांगती है तो उधार मांगती है जिससे लोग उससे ली हुई चीज़ तुरंत लौटा दें.
ऐसी बानी बोलिए मन का आपा खोय, (औरन को शीतल करे आपहु शीतल होय). हम सभी को ऐसी वाणी बोलना चाहिए जो अपने मन के अहम् को और दूसरे के मन के क्रोध को शांत करे.
ऐसी रातों के ऐसे ही सवेरे. जैसी परिस्थितियां बनती हैं, वैसे ही परिणाम सामने आते हैं.
ऐसी लक्ष्मी से निगोड़ा भला. बड़े घर की बदमिजाज बेटी से शादी करने के मुकाबले कुआंरा रहना अच्छा.
ऐसी सुहागन से तो रांड ही भली. दुष्चरित्र विवाहिता स्त्री के लिए कहा गया है की ऐसी विवाहिता से तो विधवा ही भली.
ऐसी होती कातनहारी तो काहे फिरती मारी मारी (काहे फिरती जांघ उघारी). इतनी होशियार होती तो मारी मारी क्यूँ फिरती और बेईज्ज़त क्यों होती.. (कातनहारी – सूत कातने वाली).
ऐसे ऊत रिवाड़ी जाएं, आटा बेचें गाजर खाएं. रिवाड़ी राजस्थान में एक शहर है जहाँ गल्ले की मंडी लगती है. किसी मूर्ख व्यक्ति का मज़ाक उड़ाया जा रहा है कि ये अगर मंडी में जाएंगे तो आटा बेच कर गाजर खाएंगे.
ऐसे गायब हुए जैसे गधे के सर से सींग. गधे के सर पर सींग का नामोनिशान भी नहीं होता उसी को लेकर कहावत बनी है. कोई बिल्कुल ही गायब हो जाए तो.
ऐसे घसकट्टा को ऐसी कमलगट्टा. घसकट्टा – घास काटने वाला, कमलगट्टा – कमल का फल. ऐसे रूखे और ताकतवर पुरुष के पल्ले ऐसी कोमल स्त्री पड़ गई है.
ऐसे घूमे जैसे नाई बिगड़े ब्याह में. यदि किसी विवाह में वर और वधु पक्ष में अनबन हो जाए, और मारपीट की नौबत आ जाए तो सबसे बुरा हाल विवाह तय कराने वाले नाई का होता है. वह दोनों के गुस्से का शिकार बनता है. कोई आदमी बहुत परेशान सा इधर उधर घूम रहा हो तो उसका मजाक उड़ाने के लिए.
ऐसे दाता से सूम भला, जो फट देय जबाब. जो लोग देने की बात कर के टालते रहते हैं उन से वह कंजूस अच्छा है जो फट से मना कर देता है.
ऐसे पिल्ले न पालियो जो जाड़े में रजाई मांगें. ऐसा नौकर मत रखो जो जरूरत से ज्यादा सुविधाएं मांगे.
ऐसे बूढ़े बैल को कौन बाँध भुस देय. (कहावत का पूर्वार्ध इस प्रकार है – दांत घिसे और खुर घिसे, पीठ बोझ न लेय). जब कोई कर्मचारी किसी कार्य के योग्य नहीं रहता तो.
ऐसे सुहाग से रंडापा भला. किसी अत्याचारी या निकम्मे पति से तंग आ कर उसकी पत्नी ऐसा बोलती है.
ऐसे ही हम ऐसा ही हमारा सगा, न हमारे सर पर टोपी न इस के तन पर झगा. जैसे हम गरीब वैसे ही हमारे रिश्तेदार. झगा – शरीर पर पहनने का कुर्ता नुमा वस्त्र.
ऐसे होते कंत तो काय को जाते अंत. अंत – अन्यत्र. यदि इतने योग्य होते तो घर छोड़ कहीं और क्यों जाते.
ऐसो कोऊ नाहिं जग माहीं, जाको काम नचावे नाहीं. काम – कामदेव. इस संसार में ऐसा कोई नहीं है जिसे कामदेव न सताते हों.
ऐसो बनिज साहु न करे, दाना खिलाय लीद घर भरे. साहु – बनिया, साहूकार. बनिया अपनी रकम के बदले घोड़ी कभी नहीं लेगा. बनिया ऐसा व्यापार नहीं करता जिस में लाभ के बजाय हानि हो. सन्दर्भ कथा – किसी व्यक्ति को एक बनिये का रुपया उधार देना था. उनके चुकावरे में उसने बनिये को अपनी घोड़ी देनी चाही. इस पर बनिये कहा कि भाई मुझे तो अपने रुपये चाहिए. मैं ऐसी वस्तु को लेकर क्या करूँगा कि गाँठ का दाना खिलाना पड़े और बदले में लीद मिले.