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  1. ए कूकुर तुम दुर्बल काही, दस घर की आवाजाही.कुत्ते से कोई पूछता है कि तुम दुबले क्यों हो, वह कहता है, क्या करूँ, पेट भरने के लिए दस घरों में आनाजाना पड़ता है.
  2. ए माँ मक्खी, के बेटा उड़ा दे, माँ माँ दो हैं.बहुत ही आलसी व्यक्ति पर व्यंग्य.
  3. एक अंडावह भी गंदा.कोई एक चीज़ हो वह भी खराब हो.
  4. एक अकेलादो ग्यारह(एक अकेला दो का मेला). यदि दो लोग मिल कर काम करें तो उनकी शक्ति कई गुना बढ़ जाती है. 
  5. एक अनार सौ बीमार.अधिकतर लोग भ्रमवश यह समझते हैं कि अनार बीमारियों को दूर करता है. कहावत का अर्थ है कि बीमारियों को दूर करने वाला अनार तो एक ही है पर बीमार बहुत सारे हैं, कैसे सब का इलाज हो? जहाँ आवश्यकता से बहुत कम साधन उपलब्ध हों वहाँ यह कहावत कही जाती है.
  6. एक अहारी सदा व्रतीएक नारी सदा जती.दिन में एक बार भोजन करने वाला व्रती माना जाता है और एक ही स्त्री रखने वाला ब्रह्मचारी माना जाता है.
  7. एक अहीर की एक ही गायना लागे तो छूछी जाय.किसी अहीर के पास एक ही गाय है. वह किसी दिन दूध न दे तो बहुत परेशानी की बात है. जैसे घर में कोई एक ही कमाने वाला हो, जिस दिन काम नहीं कर पाया उस दिन फाका करना पड़ेगा.
  8. एक आँख फूटे तो दूसरी पर हाथ रखते हैं.कोई एक बड़ा नुकसान होने पर व्यक्ति दूसरे नुकसान से बचने का उपाय तुरंत ही करता है.
  9. एक आँख से रोवेएक आँख से हँसे.झूठ बोलने वाले बहरूपिये व्यक्ति के लिए.
  10. एक आंसूलाख फ़साने.लाख बार अपना दुखड़ा सुनाने के मुकाबले एक आंसू अधिक बात कह देता है.
  11. एक इतवार के व्रत से जनम का कोढ़ नहीं जाता.कोई एक व्रत या पूजा पाठ कर लेने से सारे संकट नहीं मिट जाते. (कुछ लोग मानते हैं कि इतवार के व्रत रखने से कुष्ठ रोग ठीक हो जाता है.
  12. एक इल्ली सौ मन अनाज बिगाड़े.एक लार्वा बहुत सारे अनाज को बर्बाद कर सकता है, क्योंकि वह तेजी से अनाज को खाता है और गंदगी करता है. इसी प्रकार किसी भी संगठन या समाज को एक ही गलत आदमी बदनाम कर सकता है.
  13. एक ओर चार वेदएक ओर चतुराई.पोथियों का ज्ञान चतुराई की बराबरी नहीं कर सकता.
  14. एक और एक ग्यारह होते हैं.इस कहावत का अर्थ है कि यदि दो लोग मिल कर काम करें तो उनकी शक्ति कई गुना बढ़ जाती है. 
  15. एक और एक तो दो होवें, पर एका हो तो ग्यारह हों.एकता में बहुत शक्ति है.
  16. एक करे सब लाजैं.घर या समाज में एक आदमी की गलती से सब को लज्जित होना पड़ता है.
  17. एक कहो न दस सुनो.यदि हम किसी को भला-बुरा न कहेंगे तो दूसरे भी हमें कुछ न कहेंगे.
  18. एक की दारू दो.अकेलेपन की एक ही दवा है, एक से दो हो जाओ. दारु – दवा.
  19. एक की सैरदो का तमाशातीन का पिटनाचार का स्यापा.एक आदमी की मौज होती है, दो हो जाएं तो काम कुछ नहीं केवल तमाशा होगा, तीन में मार पीट झगड़ा और कहीं चार मिल गए तब तो रोने पीटने ही पड़ जाएंगे. यह कहावत उन कहावतों की एकदम उलट है जिनमें एक और एक ग्यारह और जमात में करामात जैसी बातें बताई गई हैं. इस बारे में एक कहानी कही जाती है. एक व्यक्ति के चार बेटे थे. उनको एकता का महत्त्व समझाने के लिए उसने उन चारों को एक एक लकड़ी दी और उसे तोड़ने कहा. सबने फ़ौरन लकड़ी तोड़ दी. फिर उसने चार लकड़ियाँ बाँध कर गट्ठर बना दिया और तब तोड़ने को कहा. तब उसे कोई नहीं तोड़ पाया. उसने लड़कों को समझाया कि मिल कर रहोगे तो सब का फायदा होगा. उसकी इस बात का जबाब देने के लिए छोटा लड़का पाँच गमले ले कर आया. एक गमले में चार छोटे छोटे सूखे सूखे पौधे लगे थे, और चार गमलों में एक एक भरा पूरा पौधा लगा था. उसने कहा – देखो बापू! अलग अलग रहने में ही तरक्की है.
  20. एक की सैरदो का तमाशातीन का मेलाचार का झमेला.एक काम को अधिक लोग करें तो काम नहीं होता.
  21. एक कील ठोंके दूसरा टोपी टाँगे.पहले वाला आदमी कोई काम करता है और बाद वाले उसका फायदा उठाते हैं.
  22. एक कुंजड़न नहीं आएगी तो क्या हाट नहीं भरेगा.कुंजड़न – सब्जी बेचने वाली. जो आदमी यह समझता हूं कि उसके न आने से सब काम रुक जाएंगे उसको सीख देने के लिए.
  23. एक कुत्ते को रोता देख सब कुत्ते रोवें (कुत्ते को सुन कर कुत्ता रोवे)बिना सोचे समझे एक दूसरे की नकल करने वालों पर व्यंग्य.
  24. एक के दूने से सौ के सवाए भले.अधिक लाभ के चक्कर में पड़ के धन गँवाने से अच्छा है कम लाभ वाला सुरक्षित निवेश.
  25. एक खजेली कुतिया सौ कुत्तों को खजेला करे.एक कुतिया को खुजली हो तो उस से सौ कुत्तों को खुजली हो सकती है. समाज में एक गलत व्यक्ति अनेक लोगों को गलत रास्ते पर चलने के लिए प्रेरित कर सकता है.
  26. एक खम्बे से दो हाथी नहीं बंध सकते.कोई दो शक्तिशाली लोग एक व्यक्ति के अधीन नहीं रह सकते. 
  27. एक खसम नहिं होवे जिसके सहस खसम हो जाएं.जिस स्त्री का पति नहीं रहता उस पर जोर जमाने वाले हजार लोग हो जाते हैं. सहस – सहस्त्र, हजार.
  28. एक खाए मलीदाएक खाए भुस.अपना अपना भाग्य, एक व्यक्ति हलवा खा रहा है और एक भूसा खाने को बाध्य है.
  29. एक गाँव में नकटा बसै, छिन में रोवै छिन में हंसै.नकटे व्यक्ति की मजाक उड़ाने के लिए बच्चों की कहावत.
  30. एक घड़ी की नाक कटाई, सारे दिन की बादशाही (एक घड़ी की बेहयाई, सारे दिन का आराम).किसी काम के लिए मना कर देने में कुछ देर बेशर्मी दिखानी पड़ती है पर फिर बहुत आराम रहता है. 
  31. एक घर तो डायन भी छोड़ देती है.डायन के बारे में कहा जाता है कि वह बच्चों को खा जाती है, लेकिन एक घर वह भी छोड़ देती है. जो घूस खोर बिना घूस लिए कोई काम करने को राजी न हों उन्हें उलाहना देने के लिए यह कहावत कही जा सकती है.
  32. एक घर में सौ मर्द खुशी से रह सकते हैंदो औरतें चैन से नहीं रह सकतीं.स्त्रियों में आपसी डाह की प्रवृत्ति को दर्शाने के लिए.
  33. एक चन्द्रमा नौ लख ताराएक सखी और नग्गर सारा.असंख्य तारे होते हुए भी एक चन्द्रमा ही प्रकाश देता है. नगर में असंख्य लोग होते हुए भी एक सखी (दानी व्यक्ति) को ही कीर्ति मिलती है.
  34. एक चादर जने पचाससभी करें ओढ़न की आस.उपयोग में आने वाली वस्तुएँ कम और जरूरतमंद बहुत अधिक. 
  35. एक चुप सौ को हरावे.दस लोग आप को बुरा कह रहे हों, यदि आप चुप रहते हैं तो वे अंततः चुप हो जाते हैं.
  36. एक चुप हजार सुख.कोई कितना भी क्रोध दिलाने की कोशिश करे यदि आप उस समय चुप रहते हैं तो बहुत सुखी रहते हैं. इंग्लिश में कहावत है – Silence is golden.
  37. एक जंगल में दो शेर.दो दबंग लोग एक स्थान पर एक साथ नहीं रह सकते.
  38. एक जना झख मार मरे, पांच का काम पांचै करें.जो काम पांच आदमियों के करने का है उसे एक आदमी कितना भी प्रयास करें नहीं कर सकता.
  39. एक जना नाखून काटेचार जने नेहन्ना लाएँ.नेहन्ना या नहरना एक लोहे का छोटा सा औजार होता था जिस से नाई लोग नाखून काटते थे. कहावत में कहा गया है कि छोटे से काम में फ़ालतू में बहुत से लोग लग रहे हैं. (देखिये परिशिष्ट)
  40. एक जो होए सो बुद्धि सिखाइयेकूपहि में यहाँ भांग पड़ी है.जहाँ एक व्यक्ति मूर्खतापूर्ण हरकतें कर रहा हो वहाँ उसे बुद्धि सिखाने का कार्य किया जा सकता है, यहाँ तो ऐसा लगता है कि कुएं में ही भांग पड़ी है (सब के सब दीवाने हैं). 
  41. एक जोरू का जोरूएक जोरू का भतारएक जोरू का सीसफूलएक टांग का बार.अलग अलग तरह के पति गिनाए गए हैं. एक पत्नी का गुलाम है एक स्वामी, एक पत्नी के लिए शीशफूल (माथे का गहना) के समान प्रिय और महत्वपूर्ण है और एक टांग के बाल की तरह तुच्छ और अवांछित. 
  42. एक जोरू सारे कुनबे को बस है.एक स्त्री पूरे परिवार को संभालती है.
  43. एक झूठ के सबूत में सत्तर झूठ बोलने पड़ते हैं.झूठी बात को सिद्ध करने के लिए बहुत से झूठ बोलने पड़ते हैं. इंग्लिश में कहावत है – One lie makes many.
  44. एक झूठ छिपाने के लिए दस झूठ बोलने पढ़ते हैं.एक झूठ को छिपाने के लिए दूसरा झूठ, फिर उसे छिपाने के लिए एक और झूठ, इस प्रकार झूठ पर झूठ बोलने पड़ते हैं.
  45. एक टका दहेज, नौ टका दक्षिणा.विवाह में जितना दहेज दिया गया उससे कई गुना अधिक पंडित जी दक्षिणा मांग रहे हैं.
  46. एक कौड़ी मेरी गांठीचूड़ा बनवाऊं या माठी.मेरे पास बहुत थोड़े से पैसे हैं, उसमें क्या क्या अरमान पूरे कर लूँ. मेरी गांठी – मेरी गाँठ में (मेरे पास), माठी – बांह में पहनने वाला आभूषण.
  47. एक टका मेरी गांठीमगद खाऊं के माठी.मगद – शादी ब्याह में बनने वाले बेसन के बड़े लड्डू, माठी – बड़ी मठरी. जेब में थोड़े से पैसे हैं उसमें क्या क्या शौक पूरे कर लें.
  48. एक ठौर बोली, एक ठौर गाली.वही बात कहीं पर सामान्य बोलचाल की भाषा मानी जाती है और कहीं पर गाली. 
  49. एक तरफ चार वेद एक तरफ चातुरी, एक तरफ सब मंतर एक तरफ गात्तरी.गात्तरी – गायत्री मंत्र. अर्थ स्पष्ट है.
  50. एक तवे की रोटी क्या पतली क्या मोटी.(एक तवे की रोटीक्या मोटी क्या छोटी). एक कुटुम्ब के मनुष्यों में बहुत कम अन्तर होता है.
  51. एक तिनके से हवा का रुख मालूम हो जाता है. हवा किधर को चल रही है, यह मालूम करना है तो घास के तिनके को देखिये. वह उधर को ही झुका होगा.
  52. एक तीर से दो शिकार.जब कोई एक ही काम करने से दो प्रयोजन सिद्ध हो जाएँ तो. इंग्लिश में कहावत है – To kill two birds with one stone.
  53. एक तो अंधे को खिलाओफिर घर छोड़ के आओ.असहाय व्यक्ति की मदद करने की कोशिश करो तो उस में भी बड़ी मुसीबतें हैं.
  54. एक तो कानी बेटी की माईदूजे पूछने वालों ने जान खाई.बेटी कानी है इसी का माँ को बहुत कलेस है ऊपर से पूछने वाले और जान खाते रहते हैं.
  55. एक तो गड़ेरन, दूसरे लहसुन खाए.एक तो गड़ेरन वैसे ही गन्दी रहती है ऊपर से लहसुन खाती है जिससे और बदबू आती है
  56. एक तो डाकिन ऊपर से जरख पे चढ़ी.जरख – लकड़बग्घा. लोक विश्वास है कि डाकिन की सवारी लकड़बग्घा है इसीलिए उसे जरखवाहिनी भी कहते हैं. डाकिन अकेली ही बच्चों को खा जाती है ऊपर से लकड़बग्घे पर सवार हो तो क्या कहने.
  57. एक तो डायन दूजे ओझा से ब्याह.एक तो डायन वैसे ही खतरनाक होती है ऊपर से ओझा से शादी करके और खतरनाक हो गई है.
  58. एक तो डायनदूसरे हाथ लुआठ (जलती हुई लकड़ी)भयंकर चीज़ का और भयंकर हो जाना. (इक नागन अरु पंख लगाईं).
  59. एक तो था ही दीवानाउस पर आई बहार.कोई आदमी वैसे ही पगलाया हुआ हो और ऊपर से बहार का मौसम आ जाए तो उसका बौरानापन और बढ़ जाता है.
  60. एक तो भालूदूसरे कांधे कुदाल.भयंकर चीज़ का और भयंकर हो जाना.
  61. एक तो मियाँ बावलेदूजे खाई भाँग, तले हुआ सरऊपर हुई टांग.एक तो मियाँ वैसे ही पगले थे ऊपर से भांग खा ली तो बुरा हाल हो गया. समझदार व्यक्ति के मुकाबले यदि कोई कम अक्ल आदमी नशा कर ले तो बहुत अधिक नुकसान है.
  62. एक तो शेरऊपर से बख्तर पहने.शेर वैसे ही इतना खतरनाक और अजेय ऊपर से कवच और पहन ले.
  63. एक थैली के चट्टे बट्टे.एक ही परिवार के लोग एक से होते हैं.
  64. एक दम में हजार दम.एक आदमी हजार लोगों का पेट पाल सकता है.
  65. एक दमहजार उम्मीद.जब तक सांस है तब तक हजार उम्मीदें रहती हैं.
  66. एक दर बंदहजार दर खुले.यदि किसी को सहायता देने का एक रास्ता बंद कर दिया जाए तो उसके लिए अन्य बहुत सी संभावनाओं के द्वार खुल जाते हैं.
  67. एक दिन का दिखावा, हजार दिन का सियापा (एक दिन की शोभासहस दिन का रोबा). विवाह आदि बड़े आयोजन में लोग झूठी शान दिखाने के लिए क़र्ज़ ले कर अनाप शनाप खर्च करते हैं और फिर उन्हें बहुत समय तक उस की भरपाई करनी पड़ती है.
  68. एक दिन पाहुनादूजे दिन अनखावनातीजे दिन अपने घर भला.अनखावना – खीझ पैदा करने वाला. कोई अतिथि पहले दिन प्रिय लगता है और दूसरे दिन उससे खीझ होने लगती है. तीसरे दिन उसे अपने घर चला ही जाना चाहिए. 
  69. एक दिन मेहमानदो दिन मेहमानतीजे दिन बलाए जान.घर आया हुआ मेहमान एक दिन अच्छा लगता है, दूसरे दिन भी झेल लिया जाता है, तीसरे दिन तो वह मुसीबत लगने लगता है. इंग्लिश में कहावत है – Two days guest, third day a pest.
  70. एक दीप से जले दूसरा. (चिराग से चिराग जलता है).ज्ञान के प्रकाश से प्रकाशित होने वाला एक व्यक्ति दूसरे को प्रकाशित करता है. 2.एक मनुष्य से दूसरा मनुष्य जन्म लेता है.
  71. एक देखा राजा ढोर, मारे शाह और छोड़े चोर.भ्रष्ट शासक पर व्यंग्य.
  72. एक देश का बगला, दूजे में बकलोल.एक ही व्यक्ति को कहीं पर बुद्धिमान समझा जाता है और कहीं पर मूर्ख.
  73. एक न शुद दो शुद.जहां एक मुसीबत गले पड़ी है वहाँ एक और सही.
  74. एक नकटा सौ को नकटा करे.यह कहावत एक कहानी पर आधारित है. एक व्यक्ति की नाक धोखे से कट गई. उसे बड़ी चिंता हुई कैसे सबको मुंह दिखाएगा. फिर उसने सोचा कि यदि सब  नकटे हो जाएं  तो उसे कोई नहीं  चिढ़ाएगा.  उसने सबसे कहना शुरू किया कि नाक कटने के बाद उसे स्वर्ग दिखाई दे रहा है. बहुत से लोगों ने स्वर्ग देखने के लालच में नाक कटवा ली. अब नकटे ने उन सब से कहा कि अगर तुम्हें बेइज्जती से बचना है तो सब से कहो कि तुम्हें भी स्वर्ग दिख रहा है जिससे सब लोग अपनी नाक कटा लें.
  75. एक नजीर सौ नसीहत.सौ उपदेश देने के मुकाबले एक उदाहरण पेश कर के दिखाना अधिक कारगर होता है. इंग्लिश में कहावत है – Example is better than precept.
  76. एक नथ और दो बहुएँबात कैसे पटेगी.चीज़ एक हो और दावेदार दो हों तो बहुत मुश्किल आती है.
  77. एक नन्नो सौ लफड़ा टालेकिसी काम के लिए एक बार न कह देने से बहुत से झंझटों से बचा जा सकता है. नन्नो – ‘न’
  78. एक नयन अमृत झरेएक नयन में बिष भरे.मन में कुछ ऊपर से कुछ. लाड़ का दिखावा पर मन में जहर. 
  79. एक नाक दो छींक, काम बनेगा ठीक.किसी काम से पहले कोई छींक दे तो यह अपशकुन होता है पर यदि कोई व्यक्ति दो बार छींके तो वह शुभ शकुन माना जाता  है.
  80. एक नाहींसत्तर बला टाले (एक नाहींसौ दुःख हरे).किसी काम को मना कर देने से बहुत सी परेशानियाँ कम हो जाती हैं. इस कहावत में उन लोगों को नसीहत दी गई है जो किसी काम को मना न कर पाने के कारण मुसीबत में पड़ जाते हैं.
  81. एक नींबू मनों दूध फाड़ देता है.एक छोटी सी युक्ति बहुत बड़े बड़े काम कर सकती है. 2. एक कुटिल आदमी पूरे समाज को दो फाड़ कर सकता है.
  82. एक नीमसौ कोढ़ी.ऐसा मानते हैं कि नीम की पत्तियों को उबाल कर उसका पानी लगाने से कुष्ठ रोग में लाभ होता है. कहावत में कहा गया है कि नीम एक है और कोढ़ी बहुत सारे हैं. (एक अनार सौ बीमार).
  83. एक नूर आदमीहजार नूर कपड़ा.व्यक्ति की सुन्दरता में कपड़ों का बहुत अधिक महत्त्व है. इंग्लिश में कहावत है – Clothes make a man.
  84. एक ने कही दूजे ने जानीनानक कहें दोनों ज्ञानी.वैसे तो शाब्दिक अर्थ स्पष्ट है लेकिन इस बात को मजाक के रूप में प्रयोग करते हैं जैसे कोई मूर्ख व्यक्ति किसी दूसरे कम बुद्धि वाले व्यक्ति को कोई ऐसी बात बता रहा हो जिसे वह बड़े ज्ञान की बात समझता हो तो मजाक में यह कहावत कही जाती है.
  85. एक पंथ दो काज.एक ही रास्ते पर जाने से दो काम हो जाएँ तो. एक काम से दो लाभ होना.
  86. एक पग उठावे और दूसरे की आस नहीं.जीवन इतना क्षण भंगुर है कि एक पग रखने के बाद दूसरे का भी भरोसा नहीं है.
  87. एक पजामा दो भाई, फेरा फेरी कचहरी जाई.अत्यधिक निर्धनता की स्थिति.
  88. एक पड़े लोटते हैंदूसरे चोखी मांगते हैं.दो शराबियों में से एक जमीन पर लोट रहा है, दूसरा और दारु मांग रहा है. दो नालायक लोग एक से बढ़ कर एक हों तो.
  89. एक पहिए से गाड़ी नहीं चलती.घर गृहस्थी एक व्यक्ति से नहीं चल सकती. 
  90. एक पाख दो गहना, राजा मरे कि सेना.एक पाख (कृष्ण पक्ष या शुक्ल पक्ष) में दो ग्रहण पड़ें तो बहुत अशुभ होते हैं.
  91. एक पापी सारी नाव डुबोए (एक के पाप से नाव डूबे).ऐसा मानते हैं कि नाव में कोई पापी बैठा हो तो उस के पाप के बोझ से नाव डूब जाती है. किसी एक व्यक्ति के कर्मों का फल बहुत से लोगों को भुगतना पड़े तो.
  92. एक पूत को पूत और एक आँख को आँख नहीं कहा जाता.एक पुत्र होना और एक ही आँख पर्याप्त नहीं होते. 
  93. एक पूत मत जनियो माय, घर रहे या बाहर जाय.पुत्र एक से अधिक होना चाहिए. यदि एक पुत्र को काम के लिए परदेस जाना पड़े तो दूसरा तो साथ में रहेगा.
  94. एक पूत, ढाई हाथ कलेजा.एक पुत्र होने से ही व्यक्ति की हिम्मत बहुत बढ़ जाती है.
  95. एक पेड़ हर्रेसब गाँव खांसी.ऐसा मानते हैं कि हरड़ (हर्र) खाने से खांसी कम हो जाती है. समस्या यह है कि हर्र का एक ही पेड़ है और सारे गाँव को खांसी है. आवश्यकता अधिक और साधन कम.
  96. एक पैसे की खोज में चवन्नी का तेल जले.छोटे से लाभ के लिए उससे कई गुना खर्च.
  97. एक प्राण दो पिंजर.एक दूसरे से अत्यधिक प्रेम करने वालों के लिए.
  98. एक फूल खिलने से बहार नहीं आती.किसी एक घर में ख़ुशी हो इस का अर्थ यह नहीं होता कि समाज में सुख शान्ति है.
  99. एक फूल से माला नहीं गूँथी जावे.समाज के महत्वपूर्ण कार्य अकेला व्यक्ति नहीं कर सकता. 2 किसी आयोजन में अकेले आदमी से शोभा नहीं होती है. 
  100. एक फूहड़ दूजी के घर गईजा कुठला सी ठाड़ी भई.कुठला – अनाज रखने का मिटटी का बड़ा सा बर्तन. फूहड़ स्त्रियों पर कटाक्ष किया गया है कि एक फूहड़ स्त्री दूसरी फूहड़ स्त्री के घर गई. न कोई आचार व्यवहार न कोई काम की बात बस फूहड़ की तरह खड़ी हो गई.
  101. एक बंदरिया के रूठे क्या अयोध्या खाली होवे.कुछ लोग अपने को बहुत महत्वपूर्ण समझते हैं और सोचते हैं कि उन के चले जाने से सारे काम रुक जाएंगे, ऐसे लोगों को उनकी हैसियत बताने के लिए यह कहावत कही जाती है. 
  102. एक बनिये से बाजार नहीं बसता.समाज की अर्थ व्यवस्था एक व्यक्ति से नहीं चल सकती.
  103. एक बांबी में दो सांप.दो दबंग लोग एक स्थान पर नहीं रह सकते.
  104. एक बार खाय योगीदो बार खाय भोगीतीन बार खाय रोगी.पहले के लोगों का विश्वास था कि खाना जितनी कम बार खाया जाए उतना ही अच्छा है. सामान्य लोग दो बार खाना खाते थे, तीन बार खाना केवल राजा महाराजा ही खाते थे.
  105. एक बार खावे नेमी धेमी, दो बार खावे बड़ा (व्यस्क), तीन बार खावें बालक बूलक, चार बार खावे गधा.नियम पालन करने वाले योगी दिन में एक बार भोजन करते हैं, सामान्य वयस्क लोग दो बार और बालक तीन बार. इस से अधिक बार तो केवल गधे ही खाते हैं.
  106. एक बार जाय योगीदो बार जाय भोगीतीन बार जाय रोगी.खाने के अलावा शौच जाने में भी यही सिद्धांत लागू होता है.
  107. एक बार ठगाए, सहस बुद्धि आए.धोखा खा कर ही व्यक्ति बुद्धिमान बनता है.
  108. एक बार भूले सो भूला कहाए, बार बार भूले सो मूरख कहाए.भूल चूक सभी से हो सकती है लेकिन एक बार भूलकर जो उससे शिक्षा ले वह समझदार कहलाएगा और जो उसी गलती को बार बार करे वह मूर्ख कहलाएगा.
  109. एक बिहारी सौ पर भारी.बिहार के लोगों ने अपने खुद की प्रशंसा की है.
  110. एक बुरे से बुराई नहीं होतीआम तौर पर अकेला आदमी दुष्टता पूर्ण कार्य नहीं करता, बहुत से गलत लोग मिल कर गलत काम करते हैं.
  111. एक बुलावे तेरह धावे.ब्राह्मणों के लिए कहा गया है, एक बुलाओ तो तेरह आते हैं.
  112. एक बेटी लाइ, दूजी मिठाइ, तीसरी होय तो तीनों बलाइ. एक या दो बेटियां प्रिय लगती हैं लेकिन अगर तीन हो जाएं तो तीनों मुसीबत लगने लगती हैं.
  113. एक बैल इक्यावन खूँटा.जब एक व्यक्ति से कई स्थानों पर काम करने को बोला जाए.
  114. एक भेड़ कुएं में पड़े तो सौ जा पड़ें.जो लोग बिना अपनी बुद्धि का प्रयोग करे किसी का अंधानुसरण करते हैं उनके लिए (जैसे आजकल के कलियुगी बाबाओं के भक्त). 
  115. एक मखौल, सौ गाली.किसी को सौ गाली देने से अधिक बुरा है उसका मजाक उड़ाना.
  116. एक मछली सारे तालाब को गंदा करती है.एक गलत व्यक्ति से सारा समाज बदनाम होता है. एक गलत व्यक्ति से बहुत से लोग गलत बातें सीखते हैं.
  117. एक मरता सौ पर भारी.जो अपनी जान की परवाह किए बगैर लड़ता है वह अकेला ही सौ पर भारी होता है.
  118. एक माला के मनके.सारे लोग एक से हों तो.
  119. एक मास ऋतु आगे धावे.ऋतु बदलने से एक महीने पहले ही मौसम में उसके अनुरूप परिवर्तन दिखाई देने लगता है.
  120. एक मुँह दो बात.अपनी बात पर स्थिर न रहना.
  121. एक मुर्गी नौ जगह हलाल नहीं होती.एक कर्मचारी एक साथ कई जगह काम नहीं कर सकता. इसको इस तरह भी प्रयोग कर सकते हैं कि किसी एक आदमी से दफ्तर के हर कर्मचारी को रिश्वत नहीं मांगनी चाहिए.
  122. एक मौनी सौ लबारों को हराए. लबार – अपनी झूठी तारीफ़ करने वाला. एक चुप रहने वाला सौ लबारों पर भारी पड़ता है.
  123. एक म्यान में दो तलवारें नहीं समा सकतीं (एक म्यान में दो खड्गदीठा सुना न कान).एक घर में या एक संगठन में दो जबर लोग एक साथ नहीं रह सकते.
  124. एक राम इक रावन्नाएक छत्री इक बामन्ना, बा ने बा की त्रिया हरीबा ने बा की लंक जरीबात को बन गयो बातन्ना, तुलसी लिख गए पोथन्ना.रामायण का उदाहरण दे कर मजेदार ढंग से कहा गया है कि कैसे बात का बतंगड़ बन जाता है. एक राम थे और एक रावण, एक क्षत्रिय थे और एक ब्राह्मण. एक ने दूसरे की स्त्री का अपहरण किया तो दूसरे ने उसकी लंका जला दी. इतनी सी बात का बतंगड़ बना कर तुलसीदास पोथी लिख गये. कहावतों की बात का किसी को बुरा नहीं मानना चाहिए. 
  125. एक रोता सौ को रुलाए.एक व्यक्ति के दुःख को देख कर सौ व्यक्ति दुखी होते हैं.
  126. एक लख पूत सवा लख नातीता रावण घर दिया न बाती.किसी अत्यंत ऐश्वर्यशाली किन्तु अहंकारी व्यक्ति के पूर्ण विनाश हो जाने पर इस लोकोक्ति का प्रयोग किया जाता है.
  127. एक लिखा और सौ वाचा.सौ बार कही हुई बात का इतना मूल्य नहीं है जितना एक लिखी हुई बात का.
  128. एक लोटा सात भाई, बेरा बेरी पैखाना जाई.अत्यंत निर्धनता की स्थिति. अत्यधिक कंजूस लो का मजाक उड़ाने के लिए भी इस प्रकार की कहावतकही जाती है.
  129. एक शेर शिकार करे, सौ लोमड़ियाँ पेट भरें (एक शेर शिकार करे, बहुतों के पेट भरें).एक शक्तिशाली व्यक्ति बहुत से लोगों को आश्रय और जीविका दे सकता है.
  130. एक सवार दो घोड़ों पर सवारी नहीं कर सकता.एक व्यक्ति दो विरोधाभासी संस्थाओं का सदस्य नहीं बन सकता.
  131. एक सियार हुआँ हुआँ, सबहिं सियार हुआँ हुआँ.जंगल में जब एक सियार हुआ हुआ बोलता है तो सभी सियार बोलने लगते हैं. यदि किसी एक मूर्ख व्यक्ति की बात का समर्थन बहुत से मूर्ख लोग करें तो व्यंग में यह कहावत बोली जाती है. आजकल संसद की कार्यवाही के दौरान ऐसे दृश्य देखने को मिलते हैं.
  132. एक से दो भले.कहीं जाना हो या कोई काम करना हो तो एक आदमी के मुकाबले दो अच्छे रहते हैं.
  133. एक से भले दोदो से भले चार.जितने अधिक लोग उतना अधिक आनंद आएगा और काम अच्छा होगा. इंग्लिश में कहावत है – The more, the merrier. 
  134. एक सेर की मुंडी हिलेएक तोले की जबान न हिले.जो लोग मुँह से बोले बिना सिर्फ सर हिला कर जवाब देते हैं उन के लिए.
  135. एक हड्डी सौ कुत्ते (एक बोटी सौ कुत्ते).जहाँ पर आवश्यकता अधिक हो और उपलब्धता कम.
  136. एक हरदसियासबरा गाँव रसिया.हरदसिया नाम की कोई एक ही सुंदर कन्या है और गाँव के सभी लड़के उसे वरना चाहते हैं. जहाँ मांग अधिक और उपलब्धता कम हो. 
  137. एक हल हत्यादो हल काजतीन हल खेतीचार हल राज.एक हल की खेती सत्यानाश, दो हल की काम चलाऊ, तीन हल सही सही और चार हल उत्तम. 
  138. एक हांडी तेरह चीजें मांगे.रसोई की एक हंडिया को पकाने के लिए तेरह प्रकार की वस्तुएं चाहिए होती हैं.
  139. एक हाथ देनादूजे हाथ लेना.किसी को कुछ देना और हाथ की हाथ बदले में कुछ और ले लेना.
  140. एक हाथ से घर चले, सौ हाथ से खेती.घर का काम एक व्यक्ति के करने से पूरा हो सकता है परन्तु खेती में बहुत लोगों को लगना पड़ता है.
  141. एक ही बिल के चूहे.एक घर के सभी सदस्य निकृष्ट वृत्ति के हों तो.
  142. एक हुस्न आदमीहजार हुस्न कपड़ालाख हुस्न जेवरकरोड़ हुस्न नखरा.व्यक्ति की सुन्दरता को अच्छे कपड़े हजार गुना बढ़ाते हैं, अच्छे गहने लाख गुना बढ़ाते हैं और उस की भाव भंगिमा करोड़ गुना बढ़ाती हैं.
  143. एकनारी यथा ब्रह्मचारी.जो एक नारी तक सीमित रहते हैं वे भी ब्रह्मचारी के समान हैं. यहां ध्यान देने योग्य बात यह है कि जिनके लिए यह मजबूरी है (एक से अधिक नारी मिल ही नहीं सकती) उनकी कोई तारीफ़ नहीं है. जो लोग एक से अधिक नारियों के उपलब्ध होने पर भी एक तक ही सीमित रहते हैं उन्हीं को ब्रह्मचारी माना जाएगा.
  144. एकला सो बेकला.बेकल – बेचैन. अकेला आदमी घबराहट और बेचैनी का शिकार हो सकता है इसलिए कोई भी काम मिल बांटकर करना चाहिए.
  145. एकांत वासाझगड़ा न झांसा.जो एकांत में रहते हैं उनके साथ झगड़े इत्यादि का कोई झंझट नहीं होता.
  146. एकादशी की कसर द्वादशी को पूरी होती है.एकादशी के व्रत की कसर द्वादशी को खूब खा कर पूरी करते हैं.
  147. एकै दार एकै चाउरकिसी को गुनकिसी को बाउर.वही दाल है और वही चावल, किसी को लाभ करता है और किसी को वायु पैदा करता है.
  148. एकै नीमसब घर सितलहा.चेचक को लोग शीतला माता का प्रकोप मानते हैं और नीम के पत्तों से झाड़ते हैं. कहावत में कहा गया है कि गाँव के सारे ग्नरों में चेचक निकली हुई है और एक ही नीम का पेड़ है. आवश्यकता बहुत अधिक और उपलब्धता बहुत कम.
  149. एकै भले सपूत सों सब कुल भलो कहाय.एक योग्य संतान सारे कुल का नाम रोशन करती है.
  150. एकै साधे सब सधैसब साधे सब जाय, (रहिमन सींचे मूल कोफूलै फलै अघाय).किसी भी कार्य के लिए सब से मुख्य जो व्यक्ति है उसी को साध लेने से सारा कार्य सिद्ध हो जाता है. जड़ को सींचने से पौधा फूलता फलता है, पत्तों पर पानी डालने से नहीं.
  151. एकौ न आँखकजरौठा नौ ठो.शक्ल सूरत कुछ भी नहीं है और सौन्दर्य प्रसाधन बहुत सारे इकट्ठे किए हैं. कजरौठा – काजल बना कर रखने की डिब्बी. (देखिये परिशिष्ट).
  152. एक्के मियाँ खर खरिहानएक्के मियाँ दर दोकान.जहाँ एक ही व्यक्ति पर बहुत सारी जिम्मेदारियां डाल दी जाएं. 
  153. एरे ताड़ वृक्षएतो बढ़ कर कहा कियो.ताड़ के पेड़ से पूछा जा रहा है कि तू ने इतना लम्बा हो कर क्या किया? ऊँचा पद पा कर किसी के काम न आने वालों के लिए व्यंग्य.
  154. एहसान लीजे सब जहान कान एहसान लीजे शाहेजहान का.राजा या बड़े अधिकारी का एहसान लेना ठीक नहीं.
  155. ऐंचन छोड़ घसीटन में पड़े.ऐंचना माने खींचना, जैसे किसी को रस्सी का फंदा डाल कर खींचना. घसीटन माने घसीटना. कहावत का अर्थ है कि एक मुसीबत से निकल कर दूसरी में पड़ गए.
  156. ऐब को हुनर चाहिए.कोई गलत काम करने के लिए भी होशियारी चाहिए. जैसे कहते हैं नक़ल के लिए भी अक्ल चाहिए.
  157. ऐरे गैरे पचकल्यान (ऐरे गैरे नत्थू खैरे).फ़ालतू और अशुभ आदमी. पचकल्यान एक प्रकार के घोड़े को कहते हैं जो अशुभ माना जाता है.
  158. ऐरे गैरेफ़सल बहुतेरे.खाने को मिल रहा हो तो बहुत से आलतू फ़ालतू और मुफ्तखोरे इकट्ठे हो जाते हैं.
  159. ऐसी करनी न करेजो करके पछिताए.ऐसा कोई काम नहीं करना चाहिए जो कर के पछताना पड़े. तात्पर्य यह है कि सब काम सोच समझ कर ही करना चाहिए.
  160. ऐसी कही कि धोए न छूटे.इतनी लगने वाली बात कही.
  161. ऐसी छठी बलबल जाएंनौ नौ पटरी भातें खायं.बच्चे की छठी पर किसी ने बहुत बड़ा भोज दिया है तो लोग आशीर्वाद दे रहे हैं. ऐसी छठी की बलिहारी जाएं जहां खूब सारा खाने को मिल रहा है.
  162. ऐसी बहू सयानीकि उधार मांगे पानी.बहू इतनी चालाक है कि किसी से पानी भी मांगती है तो उधार मांगती है जिससे लोग उससे ली हुई चीज़ तुरंत लौटा दें.
  163. ऐसी बानी बोलिए मन का आपा खोय(औरन को शीतल करे आपहु शीतल होय).हम सभी को ऐसी वाणी बोलना चाहिए जो अपने मन के अहम् को और दूसरे के मन के क्रोध को शांत करे.
  164. ऐसी रातों के ऐसे ही सवेरे.ऐसी परिस्थितियों के ऐसे ही परिणाम होते हैं.
  165. ऐसी सुहागन से तो रांड ही भली.दुष्चरित्र विवाहिता स्त्री के लिए कहा गया है की ऐसी विवाहिता से तो विधवा ही भली. 
  166. ऐसी होती कातनहारी तो काहे फिरती मारी मारी.इतनी होशियार होती तो मारी मारी क्यूँ फिरती. (कातनहारी – सूत कातने वाली).
  167. ऐसे ऊत रिवाड़ी जाएंआटा बेचें गाजर खाएं.रिवाड़ी राजस्थान में एक शहर है जहाँ गल्ले की मंडी लगती है. किसी मूर्ख व्यक्ति का मज़ाक उड़ाया जा रहा है कि ये अगर मंडी में जाएंगे तो आटा बेच कर गाजर खाएंगे.
  168. ऐसे गायब हुए जैसे गधे के सर से सींग.गधे के सर पर सींग का नामोनिशान भी नहीं होता उसी को लेकर कहावत बनी है. कोई बिल्कुल ही गायब हो जाए तो.
  169. ऐसे घूमे जैसे नाई बिगड़े ब्याह में.यदि किसी विवाह में वर और वधु पक्ष में अनबन हो जाए, और मारपीट की नौबत आ जाए तो सबसे बुरा हाल विवाह तय कराने वाले नाई का होता है. वह दोनों के गुस्से का शिकार बनता है. कोई आदमी बहुत परेशान सा इधर उधर घूम रहा हो तो उसका मजाक उड़ाने के लिए. 
  170. ऐसे दाता से सूम भलाजो फट देय जबाब.जो लोग देने की बात कर के टालते रहते हैं उन से वह कंजूस अच्छा है जो फट से मना कर देता है.
  171. ऐसे बूढ़े बैल को कौन बाँध भुस देय.(कहावत का पूर्वार्ध इस प्रकार है – दांत घिसे और खुर घिसे, पीठ बोझ न लेय). जब कोई कर्मचारी किसी कार्य के योग्य नहीं रहता तो.
  172. ऐसे ही हम ऐसा ही हमारा सगान हमारे सर पर टोपी न इस के तन पर झगा.जैसे हम वैसे ही हमारे रिश्तेदार. झगा – शरीर पर पहनने का कुर्ता नुमा वस्त्र.
  173. ऐसो कोऊ नाहिं जग माहीं, जाको काम नचावे नाहीं.काम – कामदेव.इस संसार में ऐसा कोई नहीं है जिसे कामदेव न सताते हों.

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