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भिश्ती को बादशाहत मिली तो चमड़े के सिक्के चला दिए

 

भिश्ती – चमड़े से बनी मशक में पानी भर कर सब स्थानों पर पहुँचाने वाला व्यक्ति. शेरशाह सूरी से हारने के बाद हुमायूं जब भाग रहा था तो एक भिश्ती ने उसकी जान बचाई थी. हुमायूं ने उससे वादा किया कि जब उसका राज्य वापस मिल जाएगा तो वह उस भिश्ती को एक दिन के लिए बादशाह बना देगा. हुमायूं ने राज्य वापस पाने के बाद अपना वादा पूरा किया और एक दिन के लिए उसे बादशाह बना दिया. कहते हैं भिश्ती ने उस एक दिन में चमड़े के सिक्के चलवा दिए थे. कहावत का अर्थ है कि बहुत क्षुद्र मानसिकता वाला व्यक्ति अधिकार पा कर भी अपनी मानसिकता नहीं छोड़ पाता.

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