राजा विक्रमादित्य पर शनि की साढ़ेसाती लगी तो उन्हें अपना राज्य छोड़ना पड़ा. किसी मित्र के घर पर ठहरे थे तो वहाँ उन्होंने देखा कि आधी रात के समय एक खूँटी ने उस पर हीरों का हार निगल लिया. राजा पर उसकी चोरी का इल्जाम लगाया गया. आगे भी बहुत कुछ घटनाएं हुईं. साढ़ेसाती का समय पूरा होने पर सारे इल्जाम खत्म होते गए और खूँटी ने भी हार वापस उगल दिया.
खूँटी हार लील गई
19
Jul