किसी स्त्री ने किसी साधु से छुटकारा पाने के लिए दो रोटियों में विष मिलाकर उसे दे दीं. उसने उन रोटियों को अपनी कुटी में ले जाकर रख छोड़ा. संयोग से उसी स्त्री का पति और लड़का कहीं से थके-हारे उस स्थान पर आ पहुंचे और साधु से पानी मांगा. साधु ने उन्हें भूखा जानकर वे दोनों रोटियां उन्हें खिला दीं, और पानी पिला दिया. वे दोनों रोटियां खाकर मर गए.
जैसा देवे वैसा पावे, पूत भतार के आगे आवे
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Jun