जाड़े की रातों में जब लोमड़ी को ठंड लगती है तो वह ठिठुरते हुए सोचती है कि सुबह होने पर बड़ा बिल खोदुंगी और उस में घुस कर ठण्ड से बचूँगी. सुबह धूप निकल आती है और उसे गर्मी मिलती है तो उसे इतना बड़ा काम करने में आलस आने लगता है. काम को हमेशा टालने वालों के लिए यह कहावत कही जाती है. भिन्सार – सुबह.
होय भिन्सार बड़ी बिल खोदब
03
Jan