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राजा के दरबार में रोता जाए वो भी मार खाए, हँसता जाए वो भी मारा जाए (राजा के हुआ बेटा, राजा का मरा बाप, न हंसते बने, न रोते बने)

किसी दिन एक राजा की माँ मर गई. ठीक उसी दिन उसको प्रथम बार पुत्र पैदा हुआ. अब उसके यहाँ माँ की मृत्यु के कारण, जो रोता हुआ जाता, उसे भी वह दंड देता था और जो पुत्र-जन्म की खुशी में हंसता हुआ जाता, उसे भी. अन्त में एक चतुर भाट विचित्र भाव-भंगिमा बनाये, अस्त-व्यस्त अवस्था में वहाँ पहुँचा. राजा ने उसकी ऐसी स्थिति का कारण पूछा, तो उसने बताया – सुना है, सरकार की माँ मर गई हैं और उसी समय सरकार को पुत्र भी पैदा हुआ है. ऐसी दशा में समझ नहीं आ रहा कि में हँसू या रोऊँ. राजा उसके ऐसे स्पष्टीकरण से बहुत प्रसन्न हुआ और उसने उसे पर्याप्त पुरस्कार दिया.

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