बड़गाँव का भागवत है, जो आरम्भ ही होता रहेगा. चम्पारन जिले में बड़गाँव नामक एक गाँव है. एक बार वहाँ एक कथावाचक आये. उन्होंने श्रीमद्भागवत की कथा आरम्भ की. कुछ देर कथा कह चुकने के बाद एक बाबू साहब आये और उन्होंने पण्डितजी से आग्रह किया कि वे आरम्भ से ही कथा कहें. पण्डितजी भला उनकी बात कैसे टालते. उन्होंने पुनः आरम्भ से हो कथा शुरू की. थोड़ी देर बाद एक दूसरे महाशय आये और उन्होंने भी पण्डितजी से वैसा ही आग्रह किया. पण्डितजी फिर आरम्भ से ही कथा कहने लगे. इसी प्रकार एक-एक कर लोग आते और पण्डितजी को उनकी बात रखने के लिए बार-बार आरम्भ से ही कथा कहने को विवश होना पड़ता. फलस्वरूप, कई दिनों तक कथा का आरम्भ ही होता रह गया. उसी समय से यह घटना कहावत बन गई
बड़गांव की भागवत शुरू ही से (बड़गाँव के भागवत जरिये से)
20
Jun