19
Jun
केसव केसन अस करी, जो अरिहू न कराहिं, मधुर वचन मृग लोचनी, बाबा कहि कहि जाहिं
केशव दास हिंदी के आरंभिक कवियों में से एक हैं जोकि बहुत सौन्दर्य प्रेमी थे. उन के बाल जल्दी सफेद हो गये थे. एक बार कुछ सुंदर स्त्रियों...