Uncategorized

केसव केसन अस करी, जो अरिहू न कराहिं, मधुर वचन मृग लोचनी, बाबा कहि कहि जाहिं

 केशव दास हिंदी के आरंभिक कवियों में से एक हैं जोकि बहुत सौन्दर्य प्रेमी थे. उन के बाल जल्दी सफेद हो गये थे. एक बार कुछ सुंदर स्त्रियों...

Continue reading

Uncategorized

काशी दुर्लभ ज्ञान पुंज, विश्वनाथ को धाम, मुअले पे गंगा मिले जीते लंगड़ा आम

काशी में रानी अहिल्याबाई होल्कर ने एक परम्परा शुरू की थी जो अब भी चालू है. सावन कृष्ण पक्ष एकादशी को बाबा विश्नाथ को 551 लंगड़े आमों का...

Continue reading

Uncategorized

फ़ारस गए फ़ारसी पढ़ आए बोले वहीं की बानी, आब आब कह पुतुआ मर गए खटिया तरे धरो रहो पानी

 मुगलों के जमाने में पढ़े लिखे लोग फ़ारसी पढ़ा करते थे (फ़ारसी एक प्रकार की उच्च शिक्षा थी, जैसे आजकल इंग्लिश है). फ़ारसी में पानी को आब कहत...

Continue reading

Uncategorized

आगी होती तो का पाहुनो मूंछें लैके चलो जातो.

यदि हम समर्थ होते तो कुछ कर न दिखाते. कोई स्त्री पड़ौस में किसी दूसरी स्त्री के यहाँ आग लेने गयी. संयोग से उस समय उसके यहाँ आग नहीं थी, ...

Continue reading

Uncategorized

न बेटा न बेटी, बेट होए

 एक ढोंगी महात्मा से किसी गर्भवती स्त्री ने पूछा कि उसके बेटा होगा या बेटी. महात्मा जी को कोई विद्या तो आती नहीं थी. वह तो केवल गोल मोल...

Continue reading

Uncategorized

छोड़ झाड़, मुझे डूबन दे

एक महिला बात बात में जान देने की धमकी देती थी. एक बार वह तालाब में डूब कर जान देने का नाटक कर रही था. वहाँ कुछ लोग उसे बचाने आ गए. तो व...

Continue reading

Uncategorized

सब से न्यारा बाल हठ

एक बार अकबर के दरबार में बालहठ पर चर्चा हो रही थी. बीरबल ने कहा कि बच्चे की जिद कोई पूरा नहीं कर सकता. अकबर इस बात से चिढ़ कर बोला कि मै...

Continue reading

Uncategorized

मत चूको चौहान

इस विषय में एक कथा कही जाती है (पता नहीं यह सच है या नहीं). पृथ्वीराज चौहान ने मोहम्मद गोरी को कई बार युद्ध में हराया लेकिन हर बार छोड़ ...

Continue reading