20 Feb Uncategorized ऊ August 11, 2024 By admin 0 comments ऊ ऊँच अटारी मधुर बतास, कहें घाघ घर ही कैलास. ऊंचा मकान और ठंडी हवा का आनंद जिस को प्राप्त हो उस के लिए घर पर ही कैलाश पर्वत है. ऊँच ... Continue reading
20 Feb Uncategorized उ August 11, 2024 By admin 0 comments उ उँगलियों से पाहुंचा भारी होत. संगठन में शक्ति है. ऊँगलियाँ दसों चिराग. कारीगर और कलाकार की दसों उंगलियाँ चिराग के समान होती हैं. ऊ... Continue reading
19 Feb Uncategorized ई August 11, 2024 By admin 0 comments ई ई जवानी मोहे ना भावे, सींक डोले हँसी आवे. बूढ़े लोगों को इस बात पर बड़ी चिढ मचती है कि जवान लोग बिना बात इतना क्यों हँसते हैं. सींक जै... Continue reading
19 Feb Uncategorized इ August 11, 2024 By admin 0 comments इ इंचा खिंचा वह फिरे, जो पराए बीच में पड़े. जो दूसरों के मसलों में बीच में पड़ता है वह खुद ही परेशानी में पड़ जाता है (अपनी टांगें खिंचवा... Continue reading
19 Feb Uncategorized आ, आं, आँ February 19, 2020 By admin 0 comments आ गई तो ईद बरात नहीं तो काली जुम्मेरात। भाग्य ने साथ दिया तो मौज ही मौज वर... Continue reading
19 Feb Uncategorized अं August 18, 2024 By admin 0 comments अं अंग लगी मक्खियाँ पीछा न छोड़तीं. जो लोग कोई लाभ पाने के लिए किसी के पीछे ही पड़ जाएं उन के लिए यह कहावत प्रयोग करते हैं. जानवर के घाव... Continue reading
19 Feb Uncategorized अ August 18, 2024 By admin 0 comments अ अकड़ी खेती, तड़की गाय तब जानो जब मुँह में जाय. अकड़ी - जिस खेत में बालियाँ न हों अथवा सूख रही हों, तड़की - जो गाय बिगड़ैल हो... Continue reading
18 Jan Uncategorized ह August 11, 2024 By admin ह हँड़िया चढ़ा नोन को रोवे. अदूरदर्शी लोगों के लिए यह कहावत कही गई है. हँड़िया को चूल्हे पर चढ़ा कर नमक ढूँढ़ रहे हैं. हँड़िया पकने तक कु... Continue reading
31 Dec Uncategorized संस्कृत कहावतें March 25, 2023 By admin 0 comments अजीर्णो भोजनम् विषं। &... Continue reading