Uncategorized

बैरी लायो गेह में, किया कुटुम पर रोस, आप कमाया कामड़ा, दई न दीजे दोस

बैरी लायो गेह में, किया कुटुम पर रोस, आप कमाया कामड़ा, दई न दीजे दोस (बैरी न्यूत बुलाइयाँ कर भायां से रोस). दई – दैव, ईश्वर; कामड़ा – द...

Continue reading

Uncategorized

बुद्धिमान शत्रु से मूर्ख मित्र अधिक खतरनाक होता है.

कहावत का अर्थ तो स्पष्ट है. इस को आसानी से समझाने के लिए एक कहानी कही जाती है. एक शिकारी जंगल में शेर का शिकार करने गया. शेर बहुत चालाक...

Continue reading

Uncategorized

बंद है मुठ्ठी तो लाख की, खुल गई तो फिर ख़ाक की.

जब तक कोई रहस्य खुलता नहीं है तब तक लोगों को उसके विषय में बहुत उत्सुकता रहती है. रहस्य खुलने के बाद उसकी पूछ खत्म हो जाती है. इस विषय ...

Continue reading

Uncategorized

निन्यानवे के फेर में जो पड़ा वो दीन दुनिया से गया

इसके पीछे एक कहानी है. एक नेक लकड़हारा जंगल से लकड़ियाँ बीन कर दो पैसे रोज कमाता था और उनसे अपने परिवार का पेट पालता था. वह हर समय भगवा...

Continue reading