गणित के एक शिक्षक अपने परिवार के साथ एक छोटी नदी पार कर रहे थे. नदी के बीच में पहुँचे तो पत्नी ने कहा, सुनो नदी गहरी है, कहीं हम डूब तो नहीं जाएंगे. इस पर उन्होंने फीता निकाल कर नदी की गहराई नापी जो चार फुट थी. फिर उन्होंने अपनी, अपनी पत्नी की और बच्चों की लम्बाई नाप कर उसका औसत निकाला तो साढ़े चार फुट आया. उन्होंने सोचा सब निकल जाएंगे. परिवार जब नदी पार करने लगा तो पत्नी और बच्चे डूबने लगे. किनारे बैठे लोगों ने उन्हें बचाया. शिक्षक महोदय ने किनारे पहुँच कर सोचा कि हिसाब लगाने में कोई गलती तो नहीं हुई. फिर हिसाब जोड़ा तो वही साढ़े चार फुट आया. तब उन्होंने उपरोक्त बात कही. किसी पढ़े लिखे मूर्ख व्यक्ति द्वारा बिना बुद्धि का प्रयोग किए किताबी ज्ञान द्वारा कोई काम करने पर यह कहावत प्रयोग करते हैं.
औसत मेरा ज्यों का त्यों, कुनबा मेरा डूबा क्यों
20
Apr