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टंटा विष की बेल है. जब तक राजी खुशी काम चले तब तक झगड़ा नहीं करना चाहिए. झगड़े से आपसी सम्बन्ध खराब होते हैं. झगड़ा बढ़े तो जान माल का नुकसान, मारपीट मुकदमेदारी की संभावना होती है. इस की पूरी कहावत इस प्रकार है – टंटा मत कर जब तलक बिन टंटे हो काम, टंटा बिस की बेल है, या का मत ले नाम.

टका धरो, पैसा उठाओ. टका – दो पैसे का सिक्का. टका रखो और पैसा उठाओ. किसी को मूर्ख बनाने का प्रयास.

टका धर्म: टका कर्म: टका देवो महेश्वर:, टका कर्ता टका हर्ता टका मोक्ष विधायका. टके का अर्थ यहाँ रपये पैसे से है. पैसे की ही सारी महिमा है. कुछ लोग इसके आगे बोलते हैं – टका सर्वत्र पूज्यते, बिन टका टकटकायते.

टका न खरचें गाँठ को नित्त बराते जायें. मुफ्तखोरों के लिए.

टका सा मुँह ले के रह गये. चुप हो गये, कुछ कहते नहीं बना.

टका है जिसके हाथ में, वही बड़ा है जात में. जिसके पास पैसा है उसकी जाति कोई नहीं पूछता.

टका हो जिसके हाथ में, वही बड़ा है बात में. जिसके पास पैसा हो उस की बात बड़ी  मानी जाती है.

टके का सब खेल है. सारा खेल पैसे का है. पैसा है तो आप सारे साधन जुटा सकते हैं.

टके की तरकारी और रूपये का तड़का. बहुत सस्ती चीज़ को बनाने में बहुत अधिक खर्च आ रहा हो तो यह कहावत कही जाती है.

टके की बुढ़िया, नौ टका मूड़ मुड़ाई. चीज़ तो बहुत सस्ती पर रखरखाव की कीमत (मेंटेनेंस कॉस्ट) बहुत अधिक.

टके की मुर्गी छै टके महसूल. माल बहुत सस्ता पर टैक्स बहुत अधिक. महसूल – टैक्स.

टके की लौंग बनियानी खाय, कहो घर रहे के जाय. बनिए की पत्नी ने टके की लौंग खा ली तो बनिया पूछता है कि इस तरह घर कैसे चलेगा.

टके के वास्ते मस्जिद ढहाना. छोटे से लाभ के लिए बहुत बड़ा अपराध करना.

टके बिना टुकुर टुकुर ताकते रहो (टके बिना टकटकी लगा के देखते रहो).  जिस के पास पैसा नहीं है उसे किसी भी काम के लिए दूसरों का आसरा देखना पड़ता है. 

टके भर की कमाई नहीं और पल भर की फुरसत नहीं. यह कहावत ऐसे लोगों पर व्यंग्य है जो कोई ठोस कार्य नहीं करते और अपने को बहुत व्यस्त दिखाते हैं. रूपान्तर – कुत्ते को काम न धाम पर फुरसत नाहीं.

टके वाली का बालक झुनझुना बजाएगा. पैसा देने वाले का ही काम होता है. सन्दर्भ कथा एक आदमी मेले में जा रहा था. पास पड़ोस की स्त्रियां उससे कहने लगीं कि मेरे लड़के के लिए मेले से अमुक चीज लाना, मेरे लड़के के लिए अमुक चीज लाना. लेकिन पैसा किसी ने भी नहीं दिया. तब एक स्त्री ने उसके हाथ एक टका देते हुए कहा कि मेरे लड़के के लिए एक झुनझुना ले कर आना. इस पर उस आदमी ने कहा कि अन्य स्त्रियों की फरमाइशें तो पूरी नहीं होंगी, लेकिन तुने टका दिया है, इसलिए तेरा मुन्ना अवश्य झुनझुना बजायेगा.

टटींगर काहे मोटा, लाभ गने न टोटा. आवारा आदमी मोटा इसलिए है क्योंकि उसे लाभ हानि की कोई चिंता नहीं है. टटींगर – मोटा ताजा आवारा आदमी.

टट्टर खोल निखट्टू आया. टट्टर – लोहे या बांस के जाल से बना दरवाजा. कोई निखट्टू व्यक्ति आवारागर्दी कर के घर लौटता है तो घर के लोग उपेक्षा से ऐसे बोलते हैं.

टट्टी की ओट शिकार. छिप कर बुरा काम करना. टट्टी माने सींको का बना पर्दा या चटाई.

टट्टू को कोड़ा और ताज़ी को इशारा. टट्टू बोझा धोने वाला सस्ता जानवर है और ताज़ी उन्नत किस्म का युद्ध में काम आने वाला अरबी घोड़ा. कहावत का अर्थ है कि मंदबुद्धि व अड़ियल व्यक्ति को मार कर काम कराना पड़ता है जबकि बुद्धिमान को इशारा काफी होता है.

टट्टू मारे घोड़ा काँपे (ताजी मारे तुर्की काँपे). किसी एक को सजा मिले तो दूसरों के मन में भी डर बैठ जाता है.  

टहल करो माँ बाप की हो समपूरन आस, टहल करे से जो फिरे नरक उन्हीं का वास. माँ बाप की सेवा करने से सारी आशाएं पूरी होती हैं और उन का दिल दुखाने से नरक मिलता है.

टहल न टकोरी, लाओ मजूरी मोरी. काम धाम कुछ नहीं, मजदूरी मांगने में सबसे आगे.

टहलुए को टहल सोहे, बहलिए को बहल सोहे. जो जिसका काम है वह उसी को करता हुआ अच्छा लगता है.

टाँग तले हो कर निकल जाएंगे. हार मान लेंगे, तुम्हारे चाकर बन जायेंगे. रूपान्तर – टांग के नीचे से निकाल दिया. नीचा दिखा दिया, काबू में कर लिया.

टांका पाना मिल गया. समझौता हो गया, दो आदमियों में आपस का झगड़ा ख़त्म हो गया और वे फिर मित्र बन गए. टांका पाना – कपड़े का जोड़ सीवन.

टांग उठे न, चढ़ना चाहे हाथी. टांग उठती नहीं है और हाथी पर चढ़ना चाहते हैं, अपनी औकात से बहुत अधिक इच्छा रखना.

टांग लम्बी धड़ छोटा, वोही आदमी खोटा. एक लोक विश्वास है कि जिस आदमी की टांगें लम्बी और धड़ छोटा होता है वह आदमी खोटा (मक्कार) होता है.

टांटे से नाटा भला, जो तुरत दे जवाब, वह टांटा किस काम का जो बरसों करे खराब. टांटा – झगड़ा या मुकदमा करने वाला, नाटा – वायदा कर के नट जाने (मुकर जाने) वाला. 

टाट का लंगोटा, नबाब से यारी. खुद इतने गरीब हैं कि टाट का लंगोटा पहने हैं पर दोस्ती बड़े बड़े लोगों से कर रखी है.

टाट के अंगिया, मूंज की तनी, देख मेरे देवरा मैं कैसी बनी. कोई फूहड़ स्त्री भद्दा श्रृंगार कर के अपनी तारीफ़ करवाना चाह रही हो तो. टाट – पटसन से बना मोटा कपड़ा जिससे बोरी बनाते हैं, मूँज – सरकंडे के रेशों से बनी पतली रस्सी जो खाट बुनने के काम आती है. आजकल फटी हुई जींस पहन कर घूमने वाले लोगों के लिए भी कहा जा सकता है.

टाट पर मूँज का बखिया.  घटिया माल बनाने के लिए घटिया सामान का ही प्रयोग किया जाएगा.

टाल बता उसको न तू जिससे किया करार, चाहे हो बैरी तेरा चाहे होवे यार. यदि किसी को कोई वचन दिया है तो उसका पालन अवश्य करें, चाहे वह आपका शत्रु क्यों न हो.

टालम टोला मत करे, किये बचन भुगताय, जो नर बचनों से गिरे, वह पत देय गवाँय. जो व्यक्ति अपने वचन को नहीं निभाता वह सम्मान खो देता है.

टिकटिक समझे, आ आ समझे, कहे सुने से रहे खड़ा, कहे कबीर सुनो भई साधो, अस मानुस से बैल भला. जैसे बैल केवल टिकटिक और आ आ की भाषा समझता है वैसे ही मूर्ख मनुष्य इसी प्रकार की भाषा समझते हैं. कबीर कहते हैं कि ऐसे मनुष्य से तो बैल ही भला.

टिटहरी समझे कि आकाश उसी पे टिका है. टिटहरी पक्षी मनुष्यों की भांति जमीन पर पीठ के बल सोती है और पैर ऊपर रखती है. एक मजाक भरा लोक विश्वास है कि टिटहरी समझती है आसमान उसके पैरों पर टिका है. कोई छोटी हैसियत वाला व्यक्ति अपने को बहुत महत्वपूर्ण बता रहा हो तो उस का मजाक उड़ाने के लिए.

टिड्डी का आना, काल की निशानी. जब टिड्डियों का कोई इलाज नहीं था तब टिड्डी दल देखते देखते पूरे के पूरे खेत खा जाते थे. उस समय टिड्डी दल को अकाल की निशानी मानते थे.

टीले ऊपर चील बोले, गली गली में पानी डोले. घाघ कवि कहते हैं कि यदि चील टीले के ऊपर बैठ कर बोले तो समझ लो बहुत वारिश होगी.

टुकड़ा डालने पर कुत्ता भी पूँछ हिलाता है. घटिया किस्म के रिश्वतखोर सरकारी मुलाजिमों पर व्यंग्य.

टुकड़े दे दे बछड़ा पाला, सींग लगे तब मारन चाला. गाय के बछड़े को टुकड़े दे कर पाला, अब उसके सींग निकल आये तो मारने चला है. आपका आश्रित कोई व्यक्ति थोड़ा सा समर्थ होने पर आपको ही हानि पहुँचाने लगे तो.

टूटते हुए आकाश को खम्भों से नहीं रोका जा सकता. बहुत बड़ी आपदा को छोटे प्रयासों से नहीं टाला जा सकता. 

टूटने से झुकना बेहतर. कभी कभी परिस्थितियों को देख कर अपमान जनक समझौता भी करना पड़ता है.

टूटा औजार और खोटा बेटा भी समय पर काम आते हैं (टूटा हथियार और लूला बेटा भी समय पर काम आवे). जिस चीज़ को हम बेकार समझते हैं वह आड़े समय में काम आ सकती है, किसी की उपेक्षा नहीं करनी चाहिए.

टूटी की बूटी नहीं, नहीं काल की टाल. रिश्ते टूट जाए तो फिर जुड़ नहीं सकते (इसलिए कभी किसी से सम्बन्ध तोड़ने नहीं चाहिए) और मृत्यु को कोई टाल नहीं सकता. बूटी – दवा.

टूटी की बूटी बता दो हकीम जी. अर्थ ऊपर वाली कहावत की भांति.

टूटी टांग पाँव न हाथ, कहे चलूं घोड़ों के साथ. क्षमता न होने पर भी अपने से बहुत अधिक क्षमता वान लोगों की बराबरी करना.

टूटी तान कसौरिया पे.  देहाती बाजों के साज में मृदंग और इकतारे के साथ काँसे की एक कटोरी भी रहती है, जो एक छोटी लकड़ी से बजायी जाती है. यह कसावरी कहलाती है और उसे बजाने वाला कसौरिया. बेसुरा तो हुआ कोई, परन्तु सारा गुस्सा उतरा कसौरिया पर. काम तो किसी से बिगड़ा और दोष मढ़ा गया किसी दूसरे के सिर.

टूटी नाड़ बुढ़ापा आया टूटी खाट दलिद्दर छाया. गर्दन हिलने लगती है तो इसका अर्थ यह है कि बुढ़ापा आ गया है और अगर खाट टूटी हुई है तो इसका अर्थ यह है कि घर में दलिद्दर छाया हुआ है.

टूटी बांह गले पड़ी. बांह टूट जाती है तो कपड़े की पट्टी के सहारे उसे गले से लटका देते हैं. कोई असहाय सगा सम्बन्धी किसी पर आश्रित हो जाए तो यह कहावत कही जाएगी.

टूटे पीछे फिर जुड़े, गाँठ गंठीली होय. जिस प्रकार धागा टूटने के बाद जोड़ा जाए तो उसमें गाँठ पड़ जाती है, उसी प्रकार सम्बन्ध टूटने के बाद जोड़ा जाए तो उसमें भी गाँठ पड़ जाती है. रहीम ने इस को इस प्रकार कहा है – रहिमन धागा प्रेम का मत तोड़ो चटकाए, टूटे से फिर न जुड़े, जुड़े गाँठ पड़ जाए.

टूटे सुजन मनाइए, जौ टूटे सौ बार, रहिमन फिरि फिरि पोहिए, टूटे मुक्‍ताहार. यदि आप की मोतियों की माला टूट जाए तो आप बड़े यत्न से उसे दुबारा पिरो लेते हैं. इसी प्रकार यदि कोई स्वजन आपसे रूठ जाए तो उसे यत्न कर के मना लीजिए.

टूटै टूटनहार तरु वायुहिं दीजत दोष. कमजोर वृक्ष अपने आप टूट जाते हैं पर वायु चलने को दोष देते हैं.

टेंट आँख में मुँह खुरदीला, कहे पिया मोरा छैल छबीला. जो स्त्री अपने कुरूप पति की बहुत शेखी बघारती हो. टेंट आँख में – भेंगापन.

टेंटी बेर काल के मीत, खाएँ किसान और गावें गीत. टेंटी और बेर जैसे फल अकाल के दिनों में ग़रीबों के काम आते हैं.

टेक उन्हीं की राखे साईं, गरब कपट नहिं जिनके माहीं. ईश्वर उन्हीं की सहायता करता है जिन के अंदर कपट और अहंकार नहीं है.

टेढ़ी उँगली से ही घी निकलता है.  केवल सिधाई से काम नहीं निकलता कुछ टेढ़ा होना पड़ता है.

टेढ़ी खीर. अज्ञानता के कारण कुछ का कुछ समझ लेना. सन्दर्भ कथा – एक आदमी ने किसी अंधे को अपने घर खीर खाने की दावत दी. अंधे ने पूछा खीर कैसी होती है? वह आदमी बोला मीठी-मीठी बिल्कुल सफेद रंग की. अंधे ने पूछा सफेद रंग कैसा होता है? वह आदमी बोला बगुले जैसा. अंधे ने फिर पूछा बगुला कैसा होता है? उस आदमी ने कहा लंबी लंबी टेढ़ी गर्दन वाला. अंधे ने कहा मैं कुछ समझा नहीं कैसी लंबी लंबी टेढ़ी गर्दन? उस आदमी ने अपने एक हाथ को दूसरे हाथ में फंसा कर चुल्लू जैसा बनाया और कहा इस तरह की. अंधे ने उसके हाथ को टटोलकर देखा और बोला अरे बाप रे ऐसी होती है खीर, इतनी टेढ़ी. मैं नहीं खाऊंगा, मेरे गले में फंस जाएगी. कोई काम मुश्किल हो तो उसे टेढ़ी खीर कहा जाता है. इसको मुहावरे के रूप में भी प्रयोग करते हैं जिसका अर्थ है बहुत मुश्किल कार्य.

टेढ़ी खुरपी को टेढ़ो बेंट. 1. खुरपी जैसे खुद टेढ़ी होती है वैसा ही टेढ़ा उसमें बट लगाया जाता है टेढ़े आदमी से काम लेने के लिए टेढ़ा ही होना पड़ता है. 2. दुष्ट लोगों की मित्रता दुष्टों से ही होती है.

टेढ़े देवता को सब नमते हैं (टेढ़े से सब डरें). दुष्ट व्यक्ति को सब नमस्कार करते हैं. सूर्य और वरुण की पूजा चाहे कोई न भी करे, शनि और राहू को सब पूजते हैं.

टेढ़े पेड़ की छाया टेढ़ी. दुष्ट व्यक्ति की कृपा भी बुरी होती है.

टेढ़े फंसे को काट कर निकाला जाए. जब सर्जरी द्वारा बच्चे का प्रसव कराने की सुविधा उपलब्ध नहीं हुई थी तब यदि कोई बच्चा टेढ़ा फंस जाए तो उसे काट कर निकाला जाता था. आजकल के लोगों को यह बात बड़ी वीभत्स लग सकती है लेकिन उस समय ऐसा करना मजबूरी थी. कहावत का अर्थ है कि जो सीधी तरह न माने उस को कैसा भी दंड देना पड़ सकता है.

टेढ़ों के निकले नाम, सीधों ने मारे दांव. कई बार ऐसा होता है कि सीधे माने जाने वाले लोग चुपचाप दांव मार लेते हैं और आरोप उन्हीं पर आता है जो टेढ़े समझे जाते हैं.

टेर टेर के रोवे, अपनी लाज खोवे. अपनी परेशानी का रोना सबके आगे रोने से अपनी इज्ज़त ही कम होती है.

टोटा तेरे तीन नाम, लुच्चा गुंडा बेईमान. टोटा – घाटा. जिस आदमी को व्यापार में घाटा हो जाता है वह लोगों का पैसा वापस नहीं कर पाता और सब उसे लुच्चा लफंगा बेईमान कहने लगते हैं.

टोलन में घर टोल भला, सब बाजों में ढोल भला. टोल माने मोहल्ला. सब मोहल्लों में वह मोहल्ला सबसे अच्छा है जहाँ अपना घर है. बाद की पंक्ति तुकबंदी के लिए जोड़ी गई है.

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