एक बार अकबर के दरबार में बालहठ पर चर्चा हो रही थी. बीरबल ने कहा कि बच्चे की जिद कोई पूरा नहीं कर सकता. अकबर इस बात से चिढ़ कर बोला कि मैं किसी की भी कोई भी जिद पूरी कर सकता हू. अकबर के कहने पर एक बच्चे को बुलाया गया. अकबर ने उससे कहा कि तुम कुछ भी माँगो तुम्हें मिलेगा. वह बच्चा बोला मुझे हाथी चाहिए. तुरंत एक हाथी मंगवाया गया. फिर वह बोला मुझे लोटा चाहिए. लोटा भी फौरन हाजिर कर दिया गया. अकबर ने बीरबल की तरफ व्यंग्य भरी नजर से देखा. तब तक वह बच्चा बोला, इस हाथी को लोटे में डाल दो. अकबर ने उसे समझाने की कोशिश की कि ऐसा नहीं हो सकता तो वह जोर जोर से रोने लगा. हार कर अकबर को यह मानना पड़ा कि बालहठ कोई पूरा नहीं कर सकता.
सब से न्यारा बाल हठ
03
Jan