हिंदी भाषा में असंख्य मुहावरे हैं जिन्हें एकत्र कर के एक स्थान पर लिखना बहुत दुष्कर कार्य है. आदरणीय भोलानाथ तिवारी जी ने इस कठिन कार्य को अपनी पुस्तक ‘हिंदी मुहावरा कोश’ (हिंदी बुक सेंटर द्वारा प्रकाशित) में बखूबी किया है. पाठक गण इसको internet archives या e-pustakalay से डाउनलोड कर सकते हैं या नीचे दिए लिंक से भी पढ़ सकते हैं..

लखनऊ के रहने वाले श्री वीरेंद्र प्रसाद अग्रवाल जी (जोकि उत्तर प्रदेश सचिवालय में विधिक भाषा विभाग में अंडर सेक्रेटरी के पद पर कार्यरत थे), ने अनेक वर्ष परिश्रम कर के हिंदी मुहावरों का एक बहुत सुंदर संग्रह पुराने मैन्युअल टाइपराइटर पर स्वयं टाइप कर के तैयार किया था. उन के पुत्र श्री संजय अग्रवाल (चार्टर्ड अकाउंटेंट) के माध्यम से मुझे वह अमूल्य संग्रह प्राप्त हुआ. पुराने टाइप राइटर द्वारा टाइप किया हुआ होने के कारण उसको OCR के माध्यम से टेक्स्ट में बदलना संभव नहीं है. उन के द्वारा संग्रहीत लगभग ग्यारह हजार मुहावरों को टाइप भी वही व्यक्ति कर सकता है जिसे हिंदी साहित्य का अच्छा ज्ञान हो. समयाभाव के कारण मैं अभी इस कार्य को नहीं  कर पा रहा हूँ. मेरे कुछ मित्रों ने बहुत परिश्रम कर के इस वृहत कार्य को करने का प्रयास किया है, लेकिन उन्हें  हिंदी साहित्य का पूर्ण ज्ञान न होने के कारण इस में कई त्रुटियाँ हैं. मैं श्री वीरेंद्र अग्रवाल जी द्वारा किये गए मूल कार्य की छायाप्रतियाँ  इस वेबसाइट पर डाल रहा हूँ जिससे उनके द्वारा किया गया इतना बड़ा कार्य  अज्ञात न रह जाए. साथ ही मेरे मित्रों से  जैसा भी टाइपिंग  बन पड़ा है उस को भी webpage नाम से वेबसाइट पर डाल रहा हूँ. समय की उपलब्धता के साथ उस में सुधार करता रहूँगा.

हिंदी मुहावरा कोश PDF file, लेखक श्री भोलानाथ तिवारी

हिंदी मुहावरे Web page, लेखक श्री वीरेंद्र प्रसाद अग्रवाल

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