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विद्या पढ़ी संजीवनी, निकले मति से हीन, ऐसे निर्बुद्धी जने, सिंह ने खा लये तीन

 विद्या प्राप्त करने के साथ बुद्धि होना आवश्यक है, वरना विद्या पाना खतरनाक हो सकता है. एक बार तीन युवक संजीवनी विद्या पढ़ कर लौट रहे थे. रास्ते में जंगल में उन्होंने सिंह की हड्डियाँ पड़ी देखीं. उन्होंने सोचा क्यों न अपनी विद्या को यहाँ आजमाया जाए. एक ने अस्थियों को जोड़ कर अस्थिपंजर बनाया, दूसरे ने उस पर मांस चढाया और तीसरे ने उस में प्राण डाल दिए. सिंह जिन्दा होते ही उन तीनों को खा गया.

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