एक चरवाहा दूर जंगल में भेड़ें चराया करता था. एक दिन वह मज़ाक मजाक में चिल्लाने लगा – भेड़िया आया, भेडिया आया. आसपास के लोग उसकी मदद के लिए दौड़े तो देखा कि वह झूठ मूठ चिल्ला रहा है. लोगों से मज़ा लेने के लिए उसने दो तीन बार फिर यही हरकत की. हर बार लोग आते और वापस लौट जाते. एक दिन सचमुच में भेड़िया आ गया और उस की एक भेड़ को उठा कर ले जाने लगा. अब की बार वह बहुत चिल्लाया पर लोगों ने सोचा कि वह फिर से मज़ाक कर रहा होगा इसलिए कोई उस की मदद को नहीं आया. कहावत का अर्थ है कि सामाजिक मसलों में ठिठोली नहीं करनी चाहिए
भेड़िया आया, भेड़िया आया
19
Apr