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काली भली न सेत, दोनहूँ मारो एकहि खेत

 जब दोनों ही विकल्प खतरनाक हों तो दोनों से छुटकारा पा लेना चाहिएइस के पीछे एक कहानी कही जाती है. एक राजा के दो रानियाँ थीं. राजा को नहीं मालूम था कि वे दोनों ही जादूगरनी थीं. वे दोनों राजा को अपने वश में करना चाहती थीं. एक बार दोनों आपस में लड़ रही थीं. एक ने सफ़ेद (श्वेत, सेत) चिड़िया का रूप बनाया और एक ने काली चिड़िया का और आसमान में उड़ कर एक दूसरे पर हमला करने लगीं. राजा को मालूम हुआ तो उसने मंत्री से पूछा इनमें से किस जादूगरनी को मार दूँ. इस पर मंत्री ने जवाब दिया कि काली और सफ़ेद दोनों ही खतरनाक हैं दोनों को एक साथ मार दो. कहीं कहीं इस कहानी में चार रानियों का जिक्र है – काली भली न कबरी, भूरी भली न सेत, चारों मारो एकहि खेत.

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