किसी मियाँ ने पक्षियों का मांस न खाने की कसम खा रखी थी। एक दिन उसकी औरत ने बहुत सा घी-मसाला डालकर मुर्गी पकाई। मियाँ को जब यह बात मालूम हुई तो बड़ा नाराज हुआ, किंतु बाद में बहुत कहने पर थोड़ा शोरबा लेने के लिए राज़ी हो गया। औरत ने सावधानी से बोटियों को अलग करके शोरबा परोसना शुरू किया, लेकिन परोसते समय एक बोटी नीचे गिरने लगी। औरत ने उसे रोकना चाहा। इस पर मियाँ ने कहा – आप से आवे तो आने दे। कहावत का शाब्दिक अर्थ है कि अपने आप आ रही वस्तु के लिए मना नहीं करना चाहिए लेकिन इसे उन लोगों का मजाक उड़ाने के लिए प्रयोग करते हैं जो ईमानदार होने का ढोंग करते हैं और भ्रष्टाचार करने से नहीं चूकते.
आप से आवे तो आने दे
21
May