1. होली खेले रघुवीरा अवध में होली खेले रघुवीरा
होली खेले रघुवीरा अवध में होली खेले रघुवीरा।
कै मन केशर घोरी अवध में, कै मन उड़त अवीरा।
अवध में होली खेले रघुवीरा।
नौ मन कैमन केशर घोरी अवध में, दस मन उड़त अवीरा।
अवध में होली खेले रघुवीरा।
के के हाथ कनक पिचकारी, के के हाथ अवीरा।
अवध में होली खेले रघुवीरा।
राम के हाथ कनक पिचकारी, लछमन हाथ अवीरा।
अवध में होली खेले रघुवीरा।
केकर भीजै पाग पिछौरा, केकर चोली चीरा।
अवध में होली खेले रघुवीरा।
राम के भीजै पाग पिछौरा, सीता की चोली चीरा।
अवध में होली खेले रघुवीरा।
कहवा धुवइला पाग पिछोरा, कहवा चोली चीरा।
अवध में होली खेले रघुवीरा।
गंगा धुवइला पाग पिछोरा, सरजू चोली चीरा।
अवध में होली खेले रघुवीरा।
2. आज बिरज में होली रे रसिया
आज बिरज में होली रे रसिया, आज बिरज में होली हो रसिया ।
होली रे रसिया बरजोरी रे रसिया
ग्वाल बाल मिलि खेलें होली, और करें बरजोरी रे रसिया।
कौन गाँव के कुँअर कन्हाई, कौन की राधा गोरी रे रसिया।
आज बिरज में होली रे रसिया।
नन्दगाँव के कुँअर कन्हाई, बरसाने की राधा गोरी रे रसिया।
आज बिरज में होली रे रसिया।
उड़त गुलाल लाल भये बादल, केशर के रंग घोरी रे रसिया।
आज बिरज में होली रे रसिया।
बाजत ताल मृदंग झांझ ढप, और मंजीरन जोड़ी रे रसिया।
आज बिरज में होली रे रसिया।
दोऊ मिल के फाग खेलत हैं, कहि-2 होरी रे होरी रे रसिया।
आज बिरज में होली रे रसिया।
कौन के हाथ कनक पिचकारी, कौन के हाथ करौरी रे रसिया।
आज बिरज में होली रे रसिया।
कान्हा के हाथ, कनक पिचकारी, राधा के हाथ करौरी रे रसिया।
आज बिरज में होली रे रसिया।
भर पिचकारी, कन्हैया ने मारी, भीगी चूनर कोरी रे रसिया।
आज बिरज में होली रे रसिया,
होली के रंग मगन सब नाचें, गावें दै दै ताली हो रसिया।
आज बिरज में होली है रसिया।
राधा श्याम सँग होली खेलें, करत हैं प्रेम ठिठोली रे रसिया।
आज बिरज में होली है रे रसिया।
(इस गीत को इस प्रकार से भी गाया जाता है)
आज बिरज में होरी रे रसिया, होरी रे रसिया, बरजोरी रे रसिया॥
आज बिरज में …
कौन के हाथ कनक पिचकारी, कौन के हाथ कमोरी रे रसिया॥
आज बिरज में …
कृष्ण के हाथ कनक पिचकारी, राधा के हाथ कमोरी रे रसिया॥
आज बिरज में …
अपने-अपने घर से निकसीं, कोई श्यामल, कोई गोरी रे रसिया॥
आज बिरज में …
उड़त गुलाल लाल भये बादर, केशर रंग में घोरी रे रसिया॥
आज बिरज में …
बाजत ताल मृदंग झांझ ढप, और नगारे की जोड़ी रे रसिया॥
आज बिरज में …
कै मन लाल गुलाल मँगाई, कै मन केशर घोरी रे रसिया॥
आज बिरज में …
सौ मन लाल गुलाल मगाई, दस मन केशर घोरी रे रसिया॥
आज बिरज में …
‘चन्द्रसखी’ भज बाल कृष्ण छबि, जुग-जुग जीयौ यह जोरी रे रसिया॥
आज बिरज में …
3. पहली पिचकारी मोरे माथे पे मारी
पहली पिचकारी मोरे माथे पे मारी, बिंदिया की आब बिगारी रे रसिया।
दूजी पिचकारी मोरी अंगिया पे मारी, चुनरी की आब बिगारी रे रसिया।
तीजी पिचकारी गले बिच मारी, हरवा की आब बिगारी रे रसिया।
चौथी पिचकारी मोरे पैरो पे मारी, पायल की आब बिगारी रे रसिया।
4. हरा रंग डालो बसंती मिलाय के
हरा रंग डालो बसंती मिलाय के, बसंती मिलाय के 2
हरा रंग..
माथे पै बेंदी, बेंदी सोहे लाला, नथिया बचाय के.
हरा रंग..
कानो में झुमकी, झुमकी सोहे लाला, कुंडल बचायके.
हरा रंग..
अंग में चुनरी, चुनरी सोहे लाला लहंगा बचाय के.
हरा रंग..
पैरों में पायल, पायल सोहे लाला बिछुआ बचाय के.
हरा रंग..
5. मेरो खोय गयो बाजूबंद, रसिया होरी में
मेरो खोय गयो बाजूबंद, रसिया होरी में,
बाजूबंद मेरो बड़ो रे मोल को,
तो पे बनवाऊँ पूरे तोल को,
नन्द के परजंद, रसिया होरी में,
मेरो खोय गयो बाजूबंद, रसिया होली में।
सास लड़ेगी मेरी नंदुल लड़ेगी,
खसम की सिर पे मार पड़ेगी,
हुई जाय रस भंग, रसिया होरी में,
मेरो खोय गयो बाजूबंद, रसिया होली में ।
उधम तैने लाला बहुत मचायो,
लाज शरम जाने कहाँ धरि आयो,
मैं तो होय गई तोसे तंग, रसिया होरी में,
मेरो खोय गयो बाजूबंद, रसिया होली में।
तेरी मेरी प्रीत पुरानी,
तूने मोहन नाय पहचानी,
मोकू ले चल अपने संग, रसिया होरी में,
मेरो खोय गयो बाजूबंद, रसिया होली में।
6. लाल मेरी अँगिया न छूऔ
लाल मेरी अँगिया न छूऔ, तिहारे करूँगी कपोलन लाल॥
यह अँगिया नाहिं धनुष जनक को, छुबत टुटौ तत्काल॥
लाल मेरी अँगिया न छूऔ . . .
नहिं अँगिया गौतम की नारी, छुबत उठी नन्दलाल॥
लाल मेरी अँगिया न छूऔ . . .
जावौ तुम खाबौ सुदामा के तन्दुल, गैयन के प्रतिपाल॥
लाल मेरी अँगिया न छूऔ . . .
कहा बिलोकत कुटिल भृकुटि कर, नाहिं है पूतना काल॥
लाल मेरी अँगिया न छूऔ . . .
यह अँगिया कालीनाग न समझो, नथ्यौ जाय पाताल॥
लाल मेरी अँगिया न छूऔ . . .
इतनी सुन मुसकाय साँवरे, लियौ अबीर गुलाल॥
लाल मेरी अँगिया न छूऔ . . .
‘सूरश्याम’ मुख मसक छिड़क अंग, सखियाँ करीं निहाल॥
लाल मेरी अँगिया न छूऔ . . .