श
शंकर सहाय तो भयंकर क्या करे. भगवान भोले नाथ सहायता करें तो भूत पिशाच कुछ नहीं बिगाड़ सकते.
शंका डायन मनसा भूत. भूत प्रेत मन की उपज होते हैं. मनसा का अर्थ इच्छा भी होता है. कहावत का अर्थ यह भी हो सकता है कि शंकाएं और इच्छाएँ, मनुष्य के शत्रु हैं. देखिए सन्दर्भ कथा 156– भूत न मारे, मारे भय.
शकल भले ही मिले दो आदमियों की, अकल नहीं मिलती. अर्थ स्पष्ट है.
शकल भूत की सी, नाम अलबेले लाल. गुण के विपरीत नाम.
शक्करखोरे को शक्कर, मक्करखोरे को मक्कर. जो जैसा हो उस के साथ वैसी ही नीति अपनानी चाहिए.
शक्ल चुड़ैलों की मिजाज परियों के. कुछ स्त्रियाँ शक्ल सूरत अच्छी न होने पर भी बहुत अदाएँ दिखाती हैं, उनके लिए कहावत.
शक्ल से मोमन, करतूत से काफिर. मोमिन माने सच्चा मुसलमान काफिर माने गैर मुस्लिम. कोई व्यक्ति देखने में धार्मिक प्रवृत्ति का हो लेकिन काम अधर्मियों वाले करे तो.
शठ सन विनय, कुटिल सन प्रीती. दुष्ट व्यक्ति के समक्ष प्रार्थना और ओछे से प्रेम निरर्थक हैं.
शठे शाठ्यम समाचरेत. धूर्त व्यक्ति के साथ धूर्तता से ही पेश आना चाहिए.
शतरंज नहीं शत रंज है. शतरंज बहुत बेकार खेल है (सौ दुखों के बराबर है), इसमें समय की बहुत बर्बादी होती है और व्यायाम भी बिल्कुल नहीं होता. प्रेमचन्द की कहानी शतरंज के खिलाड़ी इसका सबसे अच्छा उदाहरण है.
शत्रु का शत्रु मित्र होता है. जो हमारे शत्रु का शत्रु है वह हमारे काम का आदमी हो सकता है.
शत्रु मरन सुन हर्ष न करो, तुम क्या सदा अमर ही रहोगे. शत्रु की मृत्यु की बात सुन कर खुश मत हो, मृत्यु सब को आनी है.
शत्रु लघु गनिये नहीं. शत्रु को कभी छोटा नहीं समझना चाहिए.
शनि सोमवारे पूरब जाए, बिन अपराधे धक्का खाए. मुहूर्त विचार करने वाले कहते हैं कि शनिवार और सोमवार को पूर्व दिशा में यात्रा नहीं करनी चाहिए.
शरन गुरु की आय के जो सुमिरे सियराम, यहाँ रहे आनंद से अंत बसे हरि धाम. जो गुरु की शरण में आ कर राम का नाम जपता है वह इस दुनिया में भी आनंद से रहता है और अंत में प्रभु के धाम में स्थान पाता है.
शरम की बहू नित भूखी मरे. संकोच करने वाला व्यक्ति भूखा ही रह जाता है.
शरमदार बोली से ही मर जाए, बेशरम गोली से भी न मरे. अर्थ स्पष्ट है.
शराफत की मार सबसे बुरी. किसी को बुरा भला कहना हो तो यह न कहो कि तुम बुरे आदमी हो, बल्कि यह कहो कि तुम जैसे शरीफ आदमी से यह उम्मीद नहीं थी तो वह अधिक लज्जित होगा.
शराब ख्वार, हमेशा ख्वार. शराब पीने वाले की हमेशा दुर्दशा होती है.
शराब भीतर, बुद्धि बाहर. शराब पीते ही विवेक नष्ट हो जाता है.
शराबी के दो ठिकाने, ठेके पै जावै या थाने. (हरयाणवी कहावत) शराबी या तो ठेके पर दिखता है या थाने में (शराब पी कर मारपीट करने या गाड़ी चलाने पर).
शहर की सलाम, देहात का दाल भात. शहर के लोग कोरा नमस्कार, हलो हाय करते हैं जबकि देहात के लोग प्रेम से खाना खिलाते हैं.
शांति में लक्ष्मी बसती है. जिस घर, समाज और देश में शांति होती है वहीं अर्थ व्यवस्था का विकास होता है.
शादी एक जुआ है. शादी से पहले वर या वधू पक्ष के लोग कितनी भी तहकीकात कर लें, शादी के बाद उन में कैसा सामंजस्य होगा यह कोई नहीं बता सकता. इंग्लिश में कहावत है – Marriage is a lottery.
शादी खाना आबादी. विवाह के बाद ही घर बसता है.
शान्त की बेर ज्यों दीपक की द्युति. बुझने से पहले दीपक की लौ तेज हो जाती है. मृत्यु से पहले मनुष्य को पुरानी स्मृतियाँ याद आती हैं.
शाम के मरे को कब तक रोवे. घर में किसी की मृत्यु होने पर अर्थी उठने तक रोना धोना चलता रहता है. अगर किसी की मृत्यु शाम को हुई हो और अर्थी अगले दिन उठनी हो तो कब तक कोई रो सकता है. किसी भी बात का दुख कब तक मनाया जा सकता है. रूपान्तर – सांझ के मरे को कब तक रोये, फटे कपड़े को कब तक सिए.
शाम भई दिन ढल गया, चकवी दीन्ही रोय, चल चकवे वा देस में जहं शाम कभी न होय. शाम होने पर चकवा चकवी को अलग होना पड़ता है इसलिए.
शालीनता बिना मोल मिलती है पर उससे सब कुछ खरीदा जा सकता है. अर्थ स्पष्ट है. इंग्लिश में कहावत है – All doors open to courtesy.
शाह की मुहर आने आने पर, खुदा की मुहर दाने दाने पर. पुराने जमाने में शासक लोग अपना स्वामित्व दिखाने के लिए सिक्कों पर अपनी मोहर लगवाते थे. लेकिन वे यह भूल जाते थे कि ईश्वर की मोहर दाने दाने पर है.
शाह खानम की आँखें दुखती हैं, शहर के दिए गुल कर दो. राजा की आँखों को रोशनी चुभती है इसलिए शहर में अँधेरा कर दो. सामंतशाही का कड़वा सच.
शिकार के वक्त कुतिया हगासी. जरूरी काम के समय कोई नौकर चाकर बहाना बनाए तो. इस से मिलती एक और कहावत है – भांवरों की बेर कन्या हगासी.
शिकार को गए और खुद शिकार हो गए. दूसरे का अहित करने की कोशिश में स्वयं नुकसान उठाया.
शिकारी शिकार करें, चुगदिये साथ फिरें. शातिर लोग अपना काम करते है और जिन्हें कोई काम नहीं है ऐसे बेबकूफ और फ़ालतू लोग बिना किसी फायदे के साथ में घूमते रहते हैं. जैसे कुछ नेता और कलियुगी बाबा बड़े बड़े माल पर हाथ साफ करते हैं, और उनके समर्थक बिना किसी लाभ के उन के पीछे घूमते रहते हैं.
शीतला माँ घोड़ा देना, कि मैं खुद ही गधे पर सवार हूँ. चेचक की देवी शीतला माता का वाहन गधे को माना गया है. कोई उन से घोड़ा देने की याचना कर रहा है तो वह हँस कर कह रही हैं कि मैं तो खुद गधे पर सवार हूँ. किसी की हैसियत से बड़ी चीज कोई मांगे तो मजाक में यह कहावत कही जाती है.
शीतला माता रुष्टे तो चेचक, तुष्टे तो खाज. चेचक से बचने के लिए शीतला माता की पूजा तो की जाती है पर उस में श्रद्धा कम भय अधिक है. कहा जाता है कि यदि शीतला माता कुपित होती हैं तो चेचक निकलती है और प्रसन्न होती हैं तो खुजली होती है. जो हाकिम हर परिथिति में जनता का बुरा ही करता हो उसके लिए.
शीलवंत गुण न तजे, औगुण तजे न नीच. साधु प्रकृति का व्यक्ति अपने गुण नहीं छोड़ता और नीच व्यक्ति अपने अवगुण नहीं छोड़ता.
शुक मैना राखें सबै काक न राखे कोय, मान होत है गुनन से गुन बिन मान न होय. गुणों से ही सम्मान होता है, तोता मैना को सब पालते हैं कौवे को कोई नहीं पालता.
शुभस्य शीघ्रम्. शुभ काम जल्दी से जल्दी करना चाहिए.
शुरुआत अच्छी तो काम आधा हुआ समझो. जो काम सोच समझ कर और भली प्रकार आरंभ किया गया हो उसे पूरा होने में देर नहीं लगती. (Well begun is half done).
शूर न देखे शकुन न पूछे पंचांग. शूर वीर शकुन अपशकुन नहीं देखते और मुहूर्त नहीं पूछते, अपनी वीरता और साहस के बल पर काम करते हैं.
शूर वे ही सच्चे, जिनका बैरी करें बखान (रहमन साँचे सूर को बैरी करत बखान). सच्चे शूरवीर की प्रशंसा शत्रु भी करता है.
शूरवीर की मौत कायर के हाथ होवे. क्योंकि कायर सामने से नहीं लड़ता, पीठ में छुरा भोंकता है. भारत के इतिहास में ऐसे अनेक उदाहरण हैं. वीर अमर सिंह राठौर की हत्या एक कायर रिश्तेदार ने ही की थी. गुरु गोविन्द की मृत्यु भी एक पठान द्वारा धोखे से चाक़ू मारे जाने के कारण हुई थी.
शूरा सो पूरा. वीर मनुष्य ही पूर्ण मनुष्य है.
शेखी सेठ की, धोती भाड़े की. सेठ की तरह शेखी बघार रहे हैं जबकि धोती किराए पर लाए हैं. झूठी शान बघारना.
शेखीखोर का मुंह काला. जो बिना किसी योग्यता के शेखी मारता है उस को अंत में नीचा देखना पड़ता है.
शेर का एक ही भला. जिनके कम बच्चे होते हैं वे ज्यादा बच्चे वालों पर व्यंग्य कर के ऐसा कहते हैं.
शेर का खाजा बकरी. खाजा – एक उत्कृष्ट मिठाई. बकरी शेर के लिए मिठाई है.
शेर का झूठा गीदड़ खाय. नेताओं और बड़े आदमियों के चमचों पर व्यंग्य.
शेर का भाई बघेरा, वो कूदे नौ, और वो कूदे तेरा. बघेरा–बाघ. जहाँ दो खुराफाती लोग एक से बढ़ कर एक हों.
शेर की आँख स्यार पहचाने. शेर के मनोभाव को सियार ही पहचानता है (क्योंकि वह शेर के शिकार पर ही निर्भर रहता है). आजकल इसे इस प्रकार कह सकते हैं कि नेता या हाकिम का मूड चमचा पहचाने.
शेर की खाल ओढ़ लेने से गधा शेर नहीं बन सकता. देखिए सन्दर्भ – एक गधे को जंगल में किसी मृत शेर की खाल पड़ी मिल गई तो वह उसे ओढ़ कर जंगल का राजा बन बैठा. लेकिन गीदड़ ने एक दिन उसे घास चरते देख लिया और फिर उसके पद चिन्ह देखने पर तो उसे निश्चय हो गया कि यह तो गधा ही है. उसने अन्य जानवरों से भी यह बात कही, लेकिन जंगल के राजा का सामना करने की हिम्मत किसी में नहीं हुई. तब गीदड़ एक गधी को ‘जंगल के राजा’ के दरबार में लाया. जेठ का महीना था, गधी को जैसे ही मस्ती चढ़ी वह रेंकने लगी. अब जंगल का राजा भी अपने को न रोक सका और वह भी जोरों से रेंकने लगा. गीदड़ ने लपक के शेर वाली खाल खींच ली तो जंगल का राजा बने गधे का असली रूप सामने आ गया और सब जानवरों ने मिलकर उसे मार डाला.
शेर की भला किस जानवर से यारी. जो समर्थ होते हैं वे किसी से गठबंधन नहीं करते.
शेर की मांद खाली नही रहती. सत्ता का सिंहासन कभी खाली नहीं रहता. कोई दूसरा शेर नहीं होगा तो कोई चालाक गीदड़ ही कब्ज़ा जमा लेगा.
शेर चूहों का शिकार नहीं करते (शेर भैंसे को मारेगा खरगोश को नहीं). 1. वीर पुरुष निर्बलों पर अपना बल नहीं दिखाते. 2. बड़े हाकिम छोटी मोटी रिश्वत नहीं खाते.
शेर पर चढ़ा नर, उतरे तो मरे न उतरे तो मरे. विकट परिस्थिति.
शेर पूत एकहि भलो, सौ सियार के नाहिं. सौ कायर पुत्रों के मुकाबले एक शूरवीर पुत्र अच्छा है.
शेर बकरी एक घाट पर पानी पीते हैं. राम राज्य, जहाँ किसी को किसी से डर न हो.
शेर भूखा रह जाय पर घास न खाय. जिन लोगों की पसंद ऊंची होती है वे किसी वस्तु के बिना काम चला लेते हैं पर घटिया वस्तु प्रयोग नहीं करते.
शेरशाह की दाढ़ी बड़ी या सलीम शाह की. व्यर्थ की बहस.
शेरों के मुहँ किसने धोए हैं. जंगल में रहने वाले शेर सुबह उठकर मुंह नहीं धोते न ही खाने के पहले दांत साफ करते हैं. कुछ माताएं सुबह सुबह उठकर बिना कुल्ला मंजन कराए बच्चे को दूध पिला देती हैं और टोकने पर यह कहावत कहती हैं. घर में सुबह सुबह आया मेहमान खाने पीने को मना करे तो भी यह कहावत कहते हैं.
शैतान का नाम लिया शैतान हाज़िर. किसी का ज़िक्र हो रहा हो और वह अचानक आ जाए तो मजाक में यह कहावत कही जाती है. इंग्लिश में कहावत है – Think of the devil and there he is.
शैतान के कान बहरे. अत्याचारी को सताए हुए लोगों का आर्तनाद सुनाई नहीं देता.
शैतान के मुँह पुरान. 1. शैतान वेद पुराण की बात करे यह हैरानी की बात है. 2. शैतान लोगों को धोखा देने के लिए वेद पुराण की बातें करता है जबकि उस के मन में मार काट और हत्या की बातें रहती हैं.
शैतान जान न मारे, हैरान तो जरुर करे. दुष्ट व्यक्ति किसी को जान से न मारे तब भी परेशान तो करता ही है.
शैतान भी लडकों से पनाह मांगता है. बच्चों की शैतानियों से त्रस्त बुजुर्गों का कथन. सन्दर्भ कथा – किसी शैतान को लड़कों के साथ खेलने में बड़ा आनंद मिलता था. एक दिन वह गदहे के रूप में उनके बीच खेलने आया. लड़कों ने उसे देखते ही उस पर सवारी गांठनी शुरू कर दी. चार लड़के तो आसानी से उसकी पीठ पर बैठ गए, पर जब पांचवें को कहीं जगह नहीं, मिली, तो वह उसकी दुम में बांस बांध कर बैठ गया. शैतान के लिए यह असह्य हो गया. वह फ़ौरन वहां से रफूचक्कर हुआ और फिर कभी लड़कों के पास नहीं आया.
शोरबा गले में अटकता है, हड्डी को हाथ फैलाते हैं. सामर्थ्य से बहुत अधिक मांग करना.
शौक़ीन चढ़वैया, पालकी पर अंगीठी. अत्यधिक नाजुक और विलासिता प्रिय लोगों के लिए.
शौक़ीन बुढ़िया, चटाई का लहंगा. बेढंगा शौक, फूहड़पन.
शौकीनों की क्या पहचान, कंघी शीशा सुरमादान. आजकल सुरमेदानी की जगह लिपस्टिक ने ले ली है.
श्मशान में गई लकड़ियाँ वापस नहीं आतीं. जिन लकड़ियों पर यह ठप्पा लग जाता है कि वे श्मशान में काम आनी हैं, उन्हें किसी और काम में नहीं लाया जाता.
श्याम गौर सुंदर दोउ जोरी, निरखत छवि जननी तृन तोरी. शाब्दिक अर्थ तो यह है कि सांवले और गोरे दो सुंदर पुत्रों (राम लक्ष्मण या कृष्ण बलराम) की सुंदर छवि देख कर माता तिनका तोड़ रही हैं (जिससे उन्हें नजर न लगे). महिलाएं नज़र उतारते समय ऐसे बोलती हैं.
श्रादध का अफरा नवरात्रि में उतरता है. श्राद्ध पक्ष में ब्राह्मण लोग बहुत ठूंस कर खा लेते हैं इस पर व्यंग्य. नवरात्रि के व्रतों में उन की अपच दूर होती है.
श्री मद वक्र न कीन्ह केहि. धन के मद ने किसको टेढ़ा नहीं कर दिया. (श्री का अर्थ है लक्ष्मी).
श्वास का क्या विशवास. जीवन का कोई विश्वास नहीं है.