- शंकर सहाय तो भयंकर क्या करे.भगवान भोले नाथ सहायता करें तो भूत पिशाच कुछ नहीं बिगाड़ सकते.
- शंका डायन मनसा भूत.भूत प्रेत मन की उपज होते हैं. मनसा का अर्थ इच्छा भी होता है. कहावत का अर्थ यह भी हो सकता है कि शंकाएं और इच्छाएँ, मनुष्य के शत्रु हैं. इंग्लिश में कहावत है – Little minds nurse great suspicions.
- शकल भूत की सी, नाम अलबेले लाल.गुण के विपरीत नाम.
- शक्कर खोरे को शक्कर, मक्कर खोरे को मक्कर.जो जैसा हो उस के साथ वैसी ही नीति अपनानी चाहिए.
- शक्ल चुड़ैलों की मिजाज परियों के.कुछ स्त्रियाँ शक्ल सूरत अच्छी न होने पर भी बहुत अदाएँ दिखाती हैं, उनके लिए कहावत.
- शक्ल से मोमन, करतूत से काफिर.मोमिन माने सच्चा मुसलमान काफिर माने गैर मुस्लिम. कोई व्यक्ति देखने में धार्मिक प्रवृत्ति का हो लेकिन काम अधर्मियों वाले करे तो.
- शठे शाठ्यम समाचरेत.धूर्त व्यक्ति के साथ धूर्तता से ही पेश आना चाहिए.
- शतरंज नहीं शत रंज है.शतरंज बहुत बेकार खेल है (सौ दुखों के बराबर है), इसमें समय की बहुत बर्बादी होती है और व्यायाम भी बिल्कुल नहीं होता. प्रेमचन्द की कहानी शतरंज के खिलाड़ी इसका सबसे अच्छा उदाहरण है.
- शत्रु का शत्रु मित्र होता है.जो हमारे शत्रु का शत्रु है वह हमारे काम का आदमी हो सकता है.
- शत्रु मरन सुन हर्ष न करो, तुम क्या सदा अमर ही रहोगे.शत्रु की मृत्यु की बात सुन कर खुश मत हो, मृत्यु सब को आनी है.
- शत्रु लघु गनिये नहीं.शत्रु को कभी छोटा नहीं समझना चाहिए.
- शरन गुरु की आय के जो सुमिरे सियराम, यहाँ रहे आनंद से अंत बसे हरि धाम.जो गुरु की शरण में आ कर राम का नाम जपता है वह इस दुनिया में भी आनंद से रहता है और अंत में प्रभु के धाम में स्थान पाता है.
- शरम की बहू नित भूखी मरे.संकोच करने वाला व्यक्ति भूखा ही रह जाता है.
- शराफत की मार सबसे बुरी.किसी को बुरा भला कहना हो तो यह न कहो कि तुम बुरे आदमी हो, बल्कि यह कहो कि तुम जैसे शरीफ आदमी से यह उम्मीद नहीं थी तो वह अधिक लज्जित होगा.
- शराब भीतर, बुद्धि बाहर.शराब पीते ही विवेक नष्ट हो जाता है.
- शराबी के दो ठिकाने – ठेके पै जावै या थाने. (हरयाणवी कहावत) शराबी या तो ठेके पर दिखता है या थाने में (शराब पी कर मारपीट करने या गाड़ी चलाने पर).
- शहर की सलाम, देहात का दाल भात.शहर के लोग कोरा नमस्कार, हलो हाय करते हैं जबकि देहात के लोग प्रेम से खाना खिलाते हैं.
- शहर दिल्ली दिल वालों का, मुंबई पैसे वालों का, कोलकाता कंगालों का.अर्थ स्पष्ट है. कलकत्ते वालों से निवेदन है कि कहावत का बुरा न मानें. मालूम नहीं क्यों कोई व्यक्ति भूखा हो उसे भूखा बंगाली कहा जाता है.
- शांति में लक्ष्मी बसती है.जिस घर, समाज और देश में शांति होती है वहीं अर्थ व्यवस्था का विकास होता है.
- शादी एक जुआ है.शादी से पहले वर या वधू पक्ष के लोग कितनी भी तहकीकात कर लें, शादी के बाद उन में कैसा सामंजस्य होगा यह कोई नहीं बता सकता. इंग्लिश में कहावत है – Marriage is a lottery.
- शान्त की बेर ज्यों दीपक की द्युति.बुझने से पहले दीपक की लौ तेज हो जाती है. मृत्यु से पहले मनुष्य को पुरानी स्मृतियाँ याद आती हैं.
- शाम के मरे को कब तक रोवे.घर में किसी की मृत्यु होने पर उसकी अर्थी उठने तक रोना धोना चलता रहता है. अगर किसी की मृत्यु शाम को हुई हो और अर्थी अगले दिन उठनी हो तो कब तक कोई रो सकता है. किसी भी बात का दुःख बहुत लम्बे समय तक नहीं मनाया जा सकता.
- शाम भई दिन ढल गया, चकवी दीन्ही रोय, चल चकवे वा देस में जहं शाम कभी न होय.शाम होने पर चकवा चकवी को अलग होना पड़ता है इसलिए.
- शालीनता बिना मोल मिलती है पर उससे सब कुछ खरीदा जा सकता है.अर्थ स्पष्ट है. इंग्लिश में कहावत है – All doors open to courtesy.
- शाह की मुहर आने आने पर, खुदा की मुहर दाने दाने पर.पुराने जमाने में शासक लोग अपना स्वामित्व दिखाने के लिए सिक्कों पर अपनी मोहर लगवाते थे. लेकिन वे यह भूल जाते थे कि ईश्वर की मोहर (स्वामित्व) तो दाने दाने पर है.
- शाह खानम की आँखें दुखती हैं, शहर के दिए गुल कर दो.राजा की आँखों को रोशनी चुभती है इसलिए शहर में अँधेरा कर दो. सामंतशाही का सच.
- शिकार के वक्त कुतिया हगासी.जरूरी काम के समय कोई नौकर चाकर बहाना बनाए तो. इस से मिलती एक और कहावत है – भांवर की बेर कन्या हगासी.
- शिकार को गए और खुद शिकार हो गए.दूसरे का अहित करने की कोशिश में स्वयं नुकसान उठाया.
- शिकारी शिकार करें, चुगदिये साथ फिरें.शातिर लोग अपना काम करते है और जिन्हें कोई काम नहीं है ऐसे बेबकूफ और फ़ालतू लोग बिना किसी फायदे के साथ में घूमते रहते हैं.
- शीतला माँ घोड़ा देना, कि मैं खुद ही गधे पर सवार हूँ.चेचक की देवी शीतला माता का वाहन गधे को माना गया है. कोई उन से घोड़ा देने की याचना कर रहा है तो वह हँस कर कह रही हैं कि मैं तो खुद गधे पर सवार हूँ. किसी की हैसियत से बड़ी चीज कोई मांगे तो मजाक में यह कहावत कही जाती है.
- शीतला माता रुष्टे तो चेचक, तुष्टे तो खाज.चेचक से बचने के लिए शीतला माता को देवी की तरह पूजा तो जाता है पर उस में श्रद्धा कम भय अधिक है. कहा जाता है कि यदि शीतला माता कुपित होती हैं तो चेचक निकलती है और प्रसन्न होती हैं तो खुजली होती है. कोई हाकिम किसी भी परिथिति में किसी का भला न करता हो उसके लिए.
- शीलवंत गुण न तजे, औगुण तजे न नीच.साधु प्रकृति का व्यक्ति अपने गुण नहीं छोड़ता और नीच व्यक्ति अपने अवगुण नहीं छोड़ता.
- शुक मैना राखें सबै काक न राखे कोय, मान होत है गुनन से गुन बिन मान न होय.गुणों से ही सम्मान होता है, तोता मैना को सब पालते हैं कौवे को कोई नहीं पालता.
- शुभस्य शीघ्रम्.शुभ काम जल्दी से जल्दी करना चाहिए.
- शुरुआत अच्छी तो काम आधा हुआ समझो.जो काम सोच समझ कर और भली प्रकार आरंभ किया गया हो उसे पूरा होने में देर नहीं लगती. (Well begun is half done).
- शूर न देखे शकुन न पूछे पंचांग.शूर वीर शकुन अपशकुन नहीं देखते और मुहूर्त नहीं पूछते, अपनी वीरता और साहस के बल पर काम करते हैं.
- शूर वे ही सच्चे, जिनका बैरी करें बखान.सच्चा वीर वही है जिसकी वीरता का शत्रु भी गुणगान करें.
- शूरवीर की मौत कायर के हाथ होवे.क्योंकि कायर सामने से नहीं लड़ता, पीठ में छुरा भोंकता है. वीर अमर सिंह राठौर की हत्या एक कायर रिश्तेदार ने ही की थी.
- शूरा सो पूरा.वीर मनुष्य ही पूर्ण मनुष्य है.
- शेखी सेठ की, धोती भाड़े की.सेठ की तरह शेखी बघार रहे हैं जबकि धोती किराए पर लाए हैं. झूठी शान बघारना.
- शेखीखोर का मुंह काला.जो बिना किसी योग्यता के अधिक शेखी मारता है उस को अंत में नीचा देखना पड़ता है.
- शेर का एक ही भला.जिनके कम बच्चे होते हैं वे ज्यादा बच्चे वालों पर व्यंग्य कर के ऐसा कहते हैं.
- शेर का झूठा गीदड़ खाय.नेताओं और बड़े आदमियों के चमचों पर व्यंग्य.
- शेर का भाई बघेरा, वो कूदे नौ, और वो कूदे तेरह.बघेरा – बाघ. जहाँ दो खुराफाती लोग एक से बढ़ कर एक हों.
- शेर की आँख स्यार पहचाने.शेर के मनोभाव को सियार ही पहचानता है (क्योंकि वह शेर के शिकार पर ही निर्भर रहता है). आजकल इसे इस प्रकार कह सकते हैं कि नेता का मूड चमचा पहचाने.
- शेर की भला किस जानवर से यारी.जो समर्थ होते हैं वे किसी से गठबंधन नहीं करते.
- शेर की मांद खाली नही रहती.सत्ता का सिंहासन कभी खाली नहीं रहता. कोई दूसरा शेर नहीं होगा तो कोई चालाक गीदड़ ही कब्ज़ा जमा लेगा.
- शेर चूहों का शिकार नहीं करते (शेर भैंसे को मारेगा खरगोश को नहीं). वीर पुरुष निर्बलों पर अपना बल नहीं दिखाते. 2. बड़े हाकिम छोटी मोटी रिश्वत नहीं खाते.
- शेर पर चढ़ा नर, उतरे तो मरे न उतरे तो मरे.विकट परिस्थिति.
- शेर पूत एकहि भलो, सौ सियार के नाहिं.सौ कायर पुत्रों के मुकाबले एक शूरवीर पुत्र अच्छा है.
- शेर बकरी एक घाट पर पानी पीते हैं.राम राज्य, जहाँ किसी को किसी से डर न हो.
- शेर भूखा रह जाय पर घास न खाय.जिन लोगों की पसंद ऊंची होती है वे किसी वस्तु के बिना काम चला लेते हैं पर घटिया वस्तु प्रयोग नहीं करते.
- शेरशाह की दाढ़ी बड़ी या सलीम शाह की.व्यर्थ की बहस.
- शेरों के मुहँ किसने धोए हैं.जंगल में रहने वाले शेर सुबह उठकर मुंह नहीं धोते न ही खाने के पहले दांत साफ करते हैं. कुछ माताएं सुबह सुबह उठकर बिना कुल्ला मंजन कराए बच्चे को दूध पिला देती हैं और टोकने पर यह कहावत कहती हैं. कभी हमारे घर में कोई मेहमान सुबह सुबह आ जाते हैं. हम उनसे कुछ खाने का आग्रह करते हैं तो वह कहते हैं कि उन्होंने कुल्ला मंजन नहीं किया है. तो भी हम यह कहावत कहते हैं.
- शैतान का नाम लिया शैतान हाज़िर.किसी का ज़िक्र हो रहा हो और वह अचानक आ जाए तो मजाक में यह कहावत कही जाती है. इंग्लिश में कहावत है – Think of the devil and there he is.
- शैतान जान न मारे, हैरान तो जरुर करे.दुष्ट व्यक्ति किसी को जान से न भी मारे तब भी परेशान तो करता ही है.
- शैतान भी लडकों से पनाह मांगता है.बच्चों की शैतानियों से त्रस्त बुजुर्गों का कथन.
- शौक़ीन बुढ़िया, चटाई का लहंगा.बेढंगा शौक, फूहड़पन.
- शौकीनों की क्या पहचान, कंघी शीशा सुरमादान.आजकल सुरमेदानी की जगह लिपस्टिक ने ले ली है.
- श्मशान में गई लकडियाँ वापस नहीं आतीं.जिन लकड़ियों पर यह ठप्पा लग जाता है कि वे श्मशान में काम आनी हैं, उन्हें किसी और काम में नहीं लाया जाता.
- श्याम गौर सुंदर दोउ जोरी, निरखत छवि जननी तृनतोरी. शाब्दिक अर्थ तो यह है कि सांवले और गोरे दो सुंदर पुत्रों (राम लक्ष्मण या कृष्ण बलराम) की सुंदर छवि देख कर माता तिनका तोड़ रही हैं (जिससे उन्हें नजर न लगे). महिलाएं नज़र उतारते समय ऐसे बोलती हैं.
- श्रादध का अफरा नवरात्रि में उतरता है.श्राद्ध पक्ष में ब्राह्मण लोग बहुत ठूंस कर खा लेते हैं इस पर व्यंग्य. नवरात्रि के व्रतों में उन की अपच दूर होती है.
- श्वास का क्या विशवास.जीवन का कोई विश्वास नहीं है.
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