अफवाहों द्वारा बात का बतंगड किस प्रकार बनता है, इस के पीछे एक कहानी कही जाती है. एक पंडित जी जंगल में शौच के लिए गए और एक पेड़ के नीचे बैठ कर शौच करने लगे. पेड़ के ऊपर एक कौआ बैठा था. पंडित जी मलत्याग कर के उठे तभी संयोग से कौए का एक बड़ा सा पंख उन के मल पर आ कर गिर गया. पंडित जी की नज़र मल पर पड़ी तो उस में कौए का पंख दिखाई दिया. पंडित जी को यह वहम हो गया कि यह पंख उन के पेट से निकला है. घर आ कर उन्होंने पंडितानी को यह बात बताई. आधी अधूरी बात एक कामवाली के कानों में पड़ी. उसने किसी दूसरे को बताई, दूसरे ने तीसरे को बताई. उड़ते उड़ते पूरे गाँव में यह बात फ़ैल गई कि पंडित जी ने कौआ हग दिया.
पंडित जी ने कौआ हग दिया
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