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तीन में न तेरह में

तीन में न तेरह में (ऐसा व्यक्ति जो किसी गिनती में न हो). इसकी पूरी कहावत इस प्रकार है. तीन में न तेरह में, न सेर भर सुतली में, न करवा भर राई में
किसी मशहूर वेश्या ने अपने प्रेमियों को अलग-अलग कई श्रेणियों में बांट रखा था. पहली श्रेणी में तीन व्यक्ति थे, जिन्हें वह सबसे अधिक चाहती थी. फिर तेरह थे जो उसे अच्छे उपहार इत्यादि देते थे. फिर वे थे जिनकी गिनती उसने सेर भर सुतली में गांठें लगाकर कर रखी थी. सबसे अंत में थे वे साधारण व्यक्ति जिनसे मिलने के बाद उनके नाम का राई का एक दाना वह एक करवे में डाल दिया करती थी. एक सेठ का पुत्र उसे बहुत चाहता था और वह यह समझता था कि वैश्या भी उसे चाहती है. एक बार व्यापार के सिलसिले में सेठ के पुत्र को लम्बे समय के लिए बाहर जाना पड़ा. वहाँ से उसने वैश्या के लिए एक कीमती उपहार किसी के हाथ भिजवाया और कहा यह कह कर देना कि तुम्हें सब से अधिक चाहने वाले ने यह उपहार भेजा है. वेश्या ने उसे नाम से नहीं पहचाना और अपने नौकर से कहा कि देखो यह नाम कौन सी सूची में है. तब नौकर ने उक्त जवाब दिया. यह कहावत उन लोगों का मजाक उड़ाने के लिए प्रयोग की जाती है जो अपने को बहुत महत्वपूर्ण समझते हैं.

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