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  1. टंटा विष की बेल है (टंटा मत कर जब तलक बिन टंटे हो काम, टंटा बिस की बेल है, या का मत ले नाम). जब तक राजी खुशी काम चले तब तक झगड़ा नहीं करना चाहिए. झगड़े से आपसी सम्बन्ध खराब होते हैं. झगड़ा बढ़े तो जान माल का नुकसान, मारपीट मुकदमेदारी की संभावना होती है.
  2. टका धर्म: टका कर्म: टका देवो महेश्वर:, टका कर्ता टका हर्ता टका मोक्ष विधायका.टका – रुपया पैसा. पैसे की ही सारी महिमा है.
  3. टका है जिसके हाथ मेंवही बड़ा है जात में.जिसके पास पैसा है वही बड़ा माना जाता है, वह अगर निम्न जाति का है तब भी कोई उसकी जाति नहीं पूछता. टका – पुराना दो पैसे का सिक्का.
  4. टका हो जिसके हाथ मेंवही बड़ा है बात में.जिसके पास पैसा हो उस की बात सब को माननी पड़ती है.
  5. टके का सब खेल है.सारा खेल पैसे का है. पैसा है तो आप सारे साधन जुटा सकते हैं.
  6. टके की तरकारी और रूपये का तड़का.बहुत सस्ती चीज़ को बनाने में बहुत अधिक खर्च आ रहा हो तो यह कहावत कही जाती है.
  7. टके की बुढ़ियानौ टका मूड़ मुड़ाई.चीज़ तो बहुत सस्ती पर रखरखाव की कीमत (मेंटेनेंस कॉस्ट) बहुत अधिक.
  8. टके की मुर्गी छै टके महसूल.माल बहुत सस्ता पर टैक्स बहुत अधिक. महसूल – टैक्स.
  9. टके की लौंग बनियानी खायकहो घर रहे के जाय.बनिए की पत्नी ने टके की लौंग खा ली तो बनिया पूछता है कि इस तरह घर कैसे चलेगा.
  10. टके के वास्ते मस्जिद ढहाना.छोटे से लाभ के लिए बहुत बड़ा अपराध करना.
  11. टके बिना टुकुर टुकुर ताकते रहो (टके बिना टकटकी लगा के देखते रहो).  जिस के पास पैसा नहीं है उसे किसी भी काम के लिए दूसरों का आसरा देखना पड़ता है.
  12. टके भर की कमाई नहीं और पल भर की फुरसत नहीं.यह कहावत ऐसे लोगों पर व्यंग्य है जो कोई ठोस कार्य नहीं करते और अपने को बहुत व्यस्त दिखाते हैं.
  13. टके वाली का बालक झुनझुना बजाएगा.एक महिला मेले में जा रही थी. आस पड़ोस की औरतों ने अपनी अपनी फरमाइशें बता दीं, मेरे लिए ये लाना, मेरे लिए वो लाना, लेकिन किसी ने कोई रुपया पैसा नहीं दिया. केवल एक औरत ने एक टका उस के हाथ पर रखा और कहा कि मेरे बालक के लिए झुनझुना ले आना. तो वह केवल उसी के लिए झुनझुना ले कर आई.
  14. टटींगर काहे मोटालाभ गने न टोटा.आवारा आदमी मोटा इसलिए है क्योंकि उसे लाभ हानि की कोई चिंता नहीं है. टटींगर – आवारा आदमी.
  15. टट्टर खोल निखट्टू आया.टट्टर – लोहे या बांस के जाल से बना दरवाजा. कोई निखट्टू व्यक्ति आवारागर्दी कर के घर लौटता है तो घर के लोग उपेक्षा से ऐसे बोलते हैं.
  16. टट्टी की ओट शिकार.छिप कर शिकार करना. टट्टी माने सींको का बना पर्दा या चटाई.
  17. टट्टू को कोड़ा और ताज़ी को इशारा.टट्टू बोझा धोने वाला सस्ता जानवर है और ताज़ी उन्नत किस्म का युद्ध में काम आने वाला घोड़ा. कहावत का अर्थ है कि मंदबुद्धि व अड़ियल व्यक्ति को मार कर काम कराना पड़ता है जबकि बुद्धिमान को इशारा काफी होता है.
  18. टट्टू मारे घोड़ा काँपे (ताजी मारे तुर्की काँपे).किसी एक को सजा मिले तो दूसरों के मन में भी डर बैठ जाता है.  
  19. टहल करो माँ बाप की हो समपूरन आसटहल करे से जो फिरे नरक उन्हीं का वास.माँ बाप की सेवा करने से सारी आशाएं पूरी होती हैं और उन का दिल दुखाने से नरक मिलता है.
  20. टहल न टकोरीलाओ मजूरी मोरी.काम धाम कुछ नहीं, मजदूरी मांगने में सबसे आगे.
  21. टहलुए को टहल सोहेबहलिए को बहल सोहे.जो जिसका काम है वह उसी को करता हुआ अच्छा लगता है.
  22. टांग उठे नचढ़ना चाहे हाथी.टांग उठती नहीं है और हाथी पर चढ़ना चाहते हैं, अपनी औकात से बहुत अधिक इच्छा रखना.
  23. टांग लम्बी धड़ छोटावोही आदमी खोटा.एक लोक विश्वास है कि जिस आदमी की टांगें लम्बी और धड़ छोटा होता है वह आदमी खोटा (मक्कार) होता है.
  24. टांटे से नाटा भलाजो तुरत दे जवाबवह टांटा किस काम का जो बरसों करे खराब.टांटा – झगड़ा या मुकदमा करने वाला, नाटा – वायदा कर के नट जाने (मुकर जाने) वाला. 
  25. टाट का लंगोटानबाब से यारी.खुद इतने गरीब हैं कि टाट का लंगोटा पहने हैं पर दोस्ती बड़े बड़े लोगों से करना चाहते हैं.
  26. टाट के अंगियामूंज की तनीदेख मेरे देवरा मैं कैसी बनी.कोई फूहड़ स्त्री भद्दा श्रृंगार कर के अपनी तारीफ़ करवाना चाह रही हो तो. टाट – पटसन से बना मोटा कपड़ा जिससे बोरी बनाते हैं, मूँज – सरकंडे के रेशों से बनी पतली रस्सी जो खाट बुनने के काम आती है. आजकल फटी हुई जींस पहन कर घूमने वाले लोगों के लिए भी कहा जा सकता है.
  27. टाट पर मूँज का बखिया.घटिया माल बनाने के लिए घटिया सामान का ही प्रयोग किया जाएगा.
  28. टाल बता उसको न तू जिससे किया करारचाहे हो बैरी तेरा चाहे होवे यार.यदि किसी को कोई वचन दिया है तो उसका पालन अवश्य करें, चाहे वह आपका शत्रु क्यों न हो.
  29. टिकटिक समझेआ आ समझेकहे सुने से रहे खड़ाकहे कबीर सुनो भई साधोअस मानुस से बैल भला.जैसे बैल केवल टिकटिक और आ आ की भाषा समझता है वैसे ही मूर्ख मनुष्य इसी प्रकार की भाषा समझते हैं. कबीर कहते हैं कि ऐसे मनुष्य से तो बैल ही भला.
  30. टिटहरी समझे कि आकाश उसी पे टिका है.टिटहरी पक्षी मनुष्यों की भांति जमीन पर पीठ के बल सोती है और पैर ऊपर रखती है. एक मजाक भरा लोक विश्वास है कि टिटहरी समझती है आसमान उसके पैरों पर टिका है. कोई छोटी हैसियत वाला व्यक्ति अपने को बहुत महत्वपूर्ण बता रहा हो तो उस का मजाक उड़ाने के लिए यह कहावत बोलते हैं.
  31. टिड्डी का आनाकाल की निशानी.जब टिड्डियों का कोई इलाज नहीं था तब टिड्डी दल देखते देखते पूरे के पूरे खेत खा जाते थे. उस समय टिड्डी दल को अकाल की निशानी मानते थे.
  32. टीले ऊपर चील बोलेगली गली में पानी डोले.घाघ कवि कहते हैं कि यदि टीले के ऊपर चील बैठ कर बोले तो समझ लो बहुत वारिश होगी.
  33. टुकड़ा डालने पर कुत्ता भी पूँछ हिलाता है.घटिया किस्म के रिश्वतखोर सरकारी मुलाजिमों पर व्यंग्य.
  34. टुकड़े दे दे बछड़ा पालासींग लगे तब मारन चाला.गाय के बछड़े को टुकड़े दे कर पाला, अब उसके सींग निकल आये तो मारने चला है. आपका आश्रित कोई व्यक्ति थोड़ा सा समर्थ होने पर आपको ही हानि पहुँचाने लगे तो.
  35. टूटते हुए आकाश को खम्भों से नहीं रोका जा सकता.बहुत बड़ी आपदा को छोटे मोटे प्रयासों से नहीं टाला जा सकता. 
  36. टूटा औजार और खोटा बेटा भी समय पर काम आते हैं (टूटा हथियार और लूला बेटा भी समय पर काम आता है).जिस चीज़ को हम बेकार समझते हैं वह भी आड़े समय में काम आ सकती है, इसलिए किसी की उपेक्षा नहीं करनी चाहिए.
  37. टूटी की बूटी नहीं, नहीं काल की टाल.रिश्ते टूट जाए तो फिर जुड़ नहीं सकते (इसलिए कभी किसी से सम्बन्ध तोड़ने नहीं चाहिए) और मृत्यु को कोई टाल नहीं सकता. बूटी – दवा.
  38. टूटी की बूटी बता दो हकीम जी.अर्थ ऊपर वाली कहावत की भांति.
  39. टूटी टांग पाँव न हाथकहे चलूं घोड़ों के साथ.क्षमता न होने पर भी अपने से बहुत अधिक क्षमता वान लोगों की बराबरी करना.
  40. टूटी नाड़ बुढ़ापा आया टूटी खाट दलिद्दर छाया.गर्दन हिलने लगती है तो इसका अर्थ यह है कि बुढ़ापा आ गया है और अगर खाट टूटी हुई है तो इसका अर्थ यह है कि घर में दलिद्दर छाया हुआ है.
  41. टूटी बांह गले पड़ी.बांह टूट जाती है तो कपड़े की पट्टी के सहारे उसे गले से लटका देते हैं. कोई असहाय सगा सम्बन्धी किसी पर आश्रित हो जाए तो यह कहावत कही जाएगी.
  42. टूटे पीछे फिर जुड़ेगाँठ गंठीली होय.जिस प्रकार धागा टूटने के बाद जोड़ा जाए तो उसमें गाँठ पड़ जाती है, उसी प्रकार सम्बन्ध टूटने के बाद जोड़ा जाए तो उसमें भी गाँठ पड़ जाती है. रहीम ने इस को इस प्रकार कहा है – रहिमन धागा प्रेम का मत तोड़ो चटकाए, टूटे से फिर न जुड़े, जुड़े गाँठ पड़ जाए.
  43. टूटे सुजन मनाइएजौ टूटे सौ बाररहिमन फिरि फिरि पोहिएटूटे मुक्‍ताहार.यदि आप की मोतियों की माला टूट जाए तो आप बड़े यत्न से उसे दुबारा पो लेते हैं. इसी प्रकार यदि कोई स्वजन आपसे रूठ जाए तो उसे यत्न कर के मना लीजिए.
  44. टेंट आँख में मुँह खुरदीलाकहे पिया मोरा छैल छबीला.जो स्त्री अपने कुरूप पति की बहुत शेखी बघारती हो. टेंट आँख में – भेंगापन.
  45. टेंटी बेर काल के मीतखाएँ किसान और गावें गीत.टेंटी और बेर जैसे फल अकाल के दिनों में ग़रीबों के काम आते हैं.
  46. टेक उन्हीं की राखे साईंगरब कपट नहिं जिनके माहीं.ईश्वर उन्हीं की सहायता करता है जिन के अंदर कपट और अहंकार नहीं है.
  47. टेढ़ी उँगली से ही घी निकलता है (इस कहावत को इस प्रकार भी कहते हैं – सीधी उँगली से घी नहीं निकलता).पहले के जमाने में चम्मच का प्रयोग नहीं होता था. यदि थोड़ा सा घी निकालना हो महिलाएं डब्बे में उँगली डाल कर उससे घी निकाल लेती थीं. अब जाहिर सी बात है कि अगर सीधी उंगली डालोगे तो घी कहाँ निकलेगा, टेढ़ी उँगली से ही निकलेगा. कहावत का अर्थ है कि केवल सिधाई से काम नहीं निकलता.
  48. टेढ़ी खुरपी को टेढ़ो बेंट. खुरपी जैसे खुद टेढ़ी होती है वैसा ही टेढ़ा उसमें बट लगाया जाता है टेढ़े आदमी से काम लेने के लिए टेढ़ा ही होना पड़ता है. 2. दुष्ट लोगों की मित्रता दुष्टों से ही होती है.
  49. टेढ़े फंसे को काट कर निकाला जाए.जब सर्जरी द्वारा बच्चे का प्रसव कराने की सुविधा उपलब्ध नहीं हुई थी तब यदि कोई बच्चा टेढ़ा फंस जाए तो उसे काट कर निकाला जाता था. आजकल के लोगों को यह बात बड़ी वीभत्स लग सकती है लेकिन उस समय ऐसा करना मजबूरी थी. कहावत का अर्थ है कि जो सीधी तरह न माने उस को कैसा भी दंड देना पड़ सकता है.
  50. टेढ़ों के निकले नामसीधों ने मारे दांव.कई बार ऐसा होता है कि सीधे माने जाने वाले लोग चुपचाप दांव मार लेते हैं और आरोप उन्हीं पर आता है जो टेढ़े समझे जाते हैं.
  51. टेर टेर के रोवेअपनी लाज खोवे.अपनी परेशानी का रोना सबके आगे रोने से अपनी इज्ज़त ही कम होती है.
  52. टोटा तेरे तीन नाम, लुच्चा गुंडा बेईमान.टोटा – घाटा. जिस आदमी को व्यापार में घाटा हो जाता है वह लोगों का पैसा वापस नहीं कर पाता और सब उसे लुच्चा लफंगा बेईमान कहने लगते हैं.
  53. टोलन में घर टोल भला, सब बाजों में ढोल भला.टोल माने मोहल्ला. सब मोहल्लों में वह मोहल्ला सबसे अच्छा है जहाँ अपना घर है. बाद की पंक्ति तुकबंदी के लिए जोड़ी गई है.

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