Uncategorized
खुदा की खुदाई को कौन जानता है
एक दिन एक मियां नमाज पढ़ने के बाद कह रहा था कि या खुदा, तेरी खुदाई को कौन जानता है? वहीं एक जाट खड़ा था। उसने मियां से कहा कि मैं खुदा की खुदाई को जानता हूँ? मियां ने जाट की बात का प्रतिवाद किया तो दोनों में होड़ लग गई। फैसला करवाने के लिए दोनों दिल्ली के बादशाह के दरबार में पहुँचे। जाट ने बादशाह से कहा कि हुजूर, मेरे साथ यमुना के किनारे चलें, वहीं मैं आपको ख़ुदा की खुदाई दिखलाऊगा। जब वे सब यमुना नदी के किनारे पर पहुँचे तो जाट ने नदी की ओर हाथ करके कहा कि यह खुदा की खुदाई है या इसे मियां के बाप- दादों ने खुदाई है? बादशाह को हँसी आ गई और उस ने जाट के हक में फैसला दे दिया।