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कहूँ तो माँ मार खाय, न कहूँ तो बाप कुत्ता खाय

 एक बार एक स्त्री ने अपने पति के खाने के लिए बकरे के धोखे में (या जान कर) कुत्ते का मांस पका दिया. उसके बेटे को यह बात मालूम थी. बाप खाना खाने बैठा तो बेटे के सामने यह दुविधा थी कि बाप को बता देता है कि यह कुत्ते का मांस है तो बाप माँ को पीटेगा, और नहीं बताता है तो बाप को कुत्ता खाने का पाप लगेगा. दुविधा की स्थिति में पड़े व्यक्ति के लिए यह कहावत कही जाती है.

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