Uncategorized
करा तो लीं पर ढकेगा कौन
एक फूहड़ स्त्री के घर किवाड़ नहीं थे, इसलिए उसके घर में कुत्ते बेरोक टोक आते जाते थे और जो कुछ इधर-उघर रखा मिलता खा जाते थे. उसका पति विदेश से आया तो घर की दुर्दशा देख कर बड़ा दुखी हुआ और उसने किवाड़ बनवा दिये. इससे कुत्तों में बड़ी घबराहट फैल गई कि गाँव में उनका एक मात्र आश्रय स्थल ही बंद हो गया. उन्होंने उस गाँव को छोड़कर रेवाड़ी जाने का निश्चय कर लिया, लेकिन जब वे चलने को हुए तो काने कुत्ते ने शकुन विचार कर शेष कुत्तों से कहा – यह तो ठीक है कि फूहड़ के घर में किवाड़ लग गये हैं, लेकिन उन्हें बंद कौने करेगा? वे तो सदा खुले ही पड़े रहेंगे और हम सब उसके घर में
पहले की तरह ही निर्बाध आते जाते रहेंगे, इसलिए हमें कहीं भी जाने की आ्रावश्यकता नहीं है.