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  1. औंघते को ठेलने का सहारा.जरा सी सलाह से असमंजस दूर हो जाना. जो आदमी सोया हो उसे तो जोर से धक्का दे कर उठाना पड़ता है पर जो ऊंघ रहा हो वह हलके से ठेलने से ही सावधान हो जाता है.
  2. औंधी खोपड़ी उल्टा मत.मूर्ख का विचार उल्टा ही होता है.
  3. औंधे घड़े का पानी, मूरख की कही कहानी.जिस प्रकार उलटे रखे हुए घड़े में पानी नहीं होता उसी प्रकार मूर्ख की बात में कोई सार नहीं होता.
  4. औंधे मुँह गिरे तो दंडवत.बिगड़े हुए काम को संभालने की चतुराई. अचानक आई परेशानी से भी लाभ उठाने की कला.
  5. औगुन ऊपर गुण करेताको नाम सपूत.सबसे श्रेष्ठ आदमी वही है जो बुराई का बदला भलाई से दे.
  6. औघट चले न चौपट गिरे.गलत काम नहीं करोगे तो गिरने का डर नहीं होगा.
  7. और किसहू की भूख न जानेंअपनी भूख आटा सानें.स्वार्थी व्यक्ति के लिए. और किसी की भूख की परवाह नहीं है, खुद को भूख लगी तो आटा मलने चले.
  8. और की औषध है सजनीसुभाव की औषध है न कछू.और बहुत सी बातों का इलाज है पर गलत स्वभाव का कोई इलाज नहीं है.
  9. और की बुराईअपने आगे आई. किसी और द्वारा किये गये गलत काम का फल हमको मिला. 2. हमने दूसरे की बुराई की वही बाद में हमारे आगे आई.
  10. और दिन खीर पूड़ीपरब के दिन दांत निपोड़ी.सामान्य दिनों में इतने गुलछर्रे उड़ाना कि त्यौहार के दिन जेब खाली रहे.
  11. और बात खोटीसही दाल रोटी.मनुष्य की सबसे प्रधान आवश्यकता भोजन है. जब तक पेट न भरे सारे नियम कायदे, धर्म अधर्म, रिश्ते नाते बेकार हैं.
  12. औरत का काम प्यारा होता है चाम नहीं(चाम से क्या प्रीतकाम से प्रीत). स्त्री की सुन्दरता कुछ दिन तक सब को आकर्षित कर सकती है, अंततः उस का आदर उस के काम से ही होता है.
  13. औरत का खसम मर्दमर्द का खसम रोज़गार.स्त्री का सहारा उसका पति होता है और पति का सहारा उसका रोज़गार जिससे वह घर चलाता है.
  14. औरतों की मति चोटी में होती है.किसी दिलजले मर्द का कथन.
  15. औरों की नजर इधर उधर, चोर की नजर बकरी पर.चोर का ध्यान केवल उसी चीज़ पर रहता है जिसे वह चुरा सकता है.
  16. औरों को नसीहतखुद मियां फजीहत.खुद गलत काम करना व औरों को उपदेश देना.
  17. औषध बाको दीजिये, जाके रोग शरीर.जिसको कोई बीमारी हो उसी को दवा देनी चाहिए.
  18. औसत मेरा ज्यों का त्योंकुनबा मेरा डूबा क्यों.गणित के एक शिक्षक अपने परिवार के साथ एक छोटी नदी पार कर रहे थे. नदी के बीच में पहुँच कर उन्होंने फीता निकाल कर नदी की गहराई नापी जो चार फुट थी. फिर उन्होंने अपनी, अपनी पत्नी की और बच्चों की लम्बाई नाप कर उसका औसत निकाला तो साढ़े चार फुट आया. उन्होंने सोचा सब निकल जाएंगे. परिवार जब नदी पार करने लगा तो पत्नी और बच्चे डूबने लगे. किनारे बैठे लोगों ने उन्हें बचाया. शिक्षक महोदय ने किनारे पहुँच कर सोचा कि हिसाब लगाने में कोई गलती तो नहीं हुई. फिर हिसाब जोड़ा तो वही साढ़े चार फुट आया. तब उन्होंने उपरोक्त बात कही. किसी पढ़े लिखे मूर्ख व्यक्ति द्वारा बिना बुद्धि का प्रयोग किए किताबी ज्ञान द्वारा कोई काम करने पर यह कहावत प्रयोग करते हैं.
  19. औसर का चूका आदमी और डाल का चूका बन्दर फिर नहीं संभलते.बन्दर अक्सर एक डाल से दूसरी पर छलांग लगाते हैं. अगर कोई बन्दर डाल पकड़ने में चूक जाए तो संभल नहीं सकता. इसी का उदाहरण दे कर बताया गया है कि कोई व्यक्ति एक बार अवसर का लाभ उठाने से चूक जाए तो फिर वह अवसर हाथ नहीं आता.
  20. औसर चूकी डोमनीगावे ताल बेताल.यदि अवसर हाथ से निकल जाए तो व्यक्ति अत्यधिक परेशानी उठाता है. डोम जाति की स्त्रियाँ मांगलिक अवसरों पर गीत गा कर नेग माँगती हैं. अगर वह सही अवसर पर नहीं पहुँचे तो उसे कुछ इनाम नहीं मिलता.
  21. औसर चूके, जगत थूके.यदि व्यक्ति सही अवसर पर चूक जाता है तो सभी उसकी थुक्का फजीहत करते हैं.

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