- ऐंचन छोड़ घसीटन में पड़े.ऐंचना माने खींचना, जैसे किसी को रस्सी का फंदा डाल कर खींचना. घसीटन माने घसीटना. कहावत का अर्थ है कि एक मुसीबत से निकल कर दूसरी में पड़ गए.
- ऐब को हुनर चाहिए.कोई गलत काम करने के लिए भी होशियारी चाहिए. जैसे कहते हैं नक़ल के लिए भी अक्ल चाहिए.
- ऐरे गैरे पचकल्यान (ऐरे गैरे नत्थू खैरे).फ़ालतू और अशुभ आदमी. पचकल्यान एक प्रकार के घोड़े को कहते हैं जो अशुभ माना जाता है.
- ऐरे गैरे, फ़सल बहुतेरे.खाने को मिल रहा हो तो बहुत से आलतू फ़ालतू और मुफ्तखोरे इकट्ठे हो जाते हैं.
- ऐसी करनी न करे, जो करके पछिताए.ऐसा कोई काम नहीं करना चाहिए जो कर के पछताना पड़े. तात्पर्य यह है कि सब काम सोच समझ कर ही करना चाहिए.
- ऐसी कही कि धोए न छूटे.इतनी लगने वाली बात कही.
- ऐसी छठी बलबल जाएं, नौ नौ पटरी भातें खायं.बच्चे की छठी पर किसी ने बहुत बड़ा भोज दिया है तो लोग आशीर्वाद दे रहे हैं. ऐसी छठी की बलिहारी जाएं जहां खूब सारा खाने को मिल रहा है.
- ऐसी बहू सयानी, कि उधार मांगे पानी.बहू इतनी चालाक है कि किसी से पानी भी मांगती है तो उधार मांगती है जिससे लोग उससे ली हुई चीज़ तुरंत लौटा दें.
- ऐसी बानी बोलिए मन का आपा खोय, (औरन को शीतल करे आपहु शीतल होय).हम सभी को ऐसी वाणी बोलना चाहिए जो अपने मन के अहम् को और दूसरे के मन के क्रोध को शांत करे.
- ऐसी रातों के ऐसे ही सवेरे.ऐसी परिस्थितियों के ऐसे ही परिणाम होते हैं.
- ऐसी सुहागन से तो रांड ही भली.दुष्चरित्र विवाहिता स्त्री के लिए कहा गया है की ऐसी विवाहिता से तो विधवा ही भली.
- ऐसी होती कातनहारी तो काहे फिरती मारी मारी.इतनी होशियार होती तो मारी मारी क्यूँ फिरती. (कातनहारी – सूत कातने वाली).
- ऐसे ऊत रिवाड़ी जाएं, आटा बेचें गाजर खाएं.रिवाड़ी राजस्थान में एक शहर है जहाँ गल्ले की मंडी लगती है. किसी मूर्ख व्यक्ति का मज़ाक उड़ाया जा रहा है कि ये अगर मंडी में जाएंगे तो आटा बेच कर गाजर खाएंगे.
- ऐसे गायब हुए जैसे गधे के सर से सींग.गधे के सर पर सींग का नामोनिशान भी नहीं होता उसी को लेकर कहावत बनी है. कोई बिल्कुल ही गायब हो जाए तो.
- ऐसे घूमे जैसे नाई बिगड़े ब्याह में.यदि किसी विवाह में वर और वधु पक्ष में अनबन हो जाए, और मारपीट की नौबत आ जाए तो सबसे बुरा हाल विवाह तय कराने वाले नाई का होता है. वह दोनों के गुस्से का शिकार बनता है. कोई आदमी बहुत परेशान सा इधर उधर घूम रहा हो तो उसका मजाक उड़ाने के लिए.
- ऐसे दाता से सूम भला, जो फट देय जबाब.जो लोग देने की बात कर के टालते रहते हैं उन से वह कंजूस अच्छा है जो फट से मना कर देता है.
- ऐसे बूढ़े बैल को कौन बाँध भुस देय.(कहावत का पूर्वार्ध इस प्रकार है – दांत घिसे और खुर घिसे, पीठ बोझ न लेय). जब कोई कर्मचारी किसी कार्य के योग्य नहीं रहता तो.
- ऐसे ही हम ऐसा ही हमारा सगा, न हमारे सर पर टोपी न इस के तन पर झगा.जैसे हम वैसे ही हमारे रिश्तेदार. झगा – शरीर पर पहनने का कुर्ता नुमा वस्त्र.
- ऐसो कोऊ नाहिं जग माहीं, जाको काम नचावे नाहीं.काम – कामदेव.इस संसार में ऐसा कोई नहीं है जिसे कामदेव न सताते हों.
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20
Feb