- ई बुढ़िया बड़ी लबलोली, चढ़े को मांगे डोली.किसी अपात्र व्यक्ति द्वारा अनुचित सुविधाएं मांगने पर.
- ईंट का घर, मिट्टी का दर.बेतुका काम. घर तो ईंट का बनाया पर दरवाज़ा मिट्टी का बना दिया.
- ईंट की देवी, रोड़े का प्रसाद.जैसी देवी वैसा प्रसाद.
- ईंट की लेनी पत्थर की देनी.कठोर बदला चुकाना, मुँह तोड़ जवाब देना.
- ईंट खिसकी दीवार धसकी.एक ईंट खिसकने से ही दीवार गिर सकती है. समाज और संगठन में एक एक व्यक्ति महत्वपूर्ण है, इसलिए किसी की अवहेलना नहीं करना चाहिए.
- ईंट मारेगा छींट खाएगा. (पाथर डारे कीच में उछरि बिगारे अंग).कीचड़ में ईंट फेंकने से अपने ऊपर छींटें आती हैं. नीच व्यक्ति को छेड़ने पर अपना ही नुकसान होता है.
- ईख की गांठ में रस नहीं होता.गन्ना बहुत रस से भरा होता है पर उसकी भी गाँठ में रस नहीं होता. किसी भी व्यक्ति में सभी अच्छाईयाँ नहीं होतीं थोड़ी बहुत कमियाँ भी होती हैं..
- ईतर के घर तीतर, बाहर बाधूँ कि भीतर (घड़ी बाहर घड़ी भीतर).किसी इतराने वाले व्यक्ति के हाथ कोई बड़ी चीज़ लग गई है. कभी घर में रखता है कभी बाहर सबको दिखाता घूमता है.
- ईद खाई बकरीद खाई, खायो सारे रोजा, एक दिना की होरी आई, घर घर मांगे गूझा.मुसलमान के लिए व्यंग्य में कह रहे हैं कि उसने ईद पर, बकरीद पर और तीसों रोजों में खूब माल खाए. अब एक दिन की होली आई है तो घर घर जा कर गुझिया मांग रहा है.
- ईद पीछे चाँद मुबारक.बेमौके काम.
- ईन मीन साढ़े तीन.कोई बहुत छोटा परिवार या संस्था.
- ईश रजाय सीस सबही के.ईश्वर सभी के सर झुकाता है.
- ईश्वर उनकी सहायता करता है, जो अपनी सहायता स्वयं करते हैं.अर्थ स्पष्ट है.
- ईश्वर की गति ईश्वर जाने.भगवान की माया वे स्वयं ही समझ सकते हैं. इंग्लिश में कहते हैं Mysterious are the ways of God.
- ईश्वर की माया, कहीं धूप कहीं छाया.ईश्वर की बनाई दुनिया में कहीं ख़ुशी है कहीं दुःख.
- ईश्वर देखा नहीं तो बुद्धि से तो जाना जा सकता है.ईश्वर का साक्षात दर्शन नहीं हो सकता, बुद्धि के द्वारा ही ईश्वर के अस्तित्व की पहचान हो सकती है.
- ईश्वर राखे जैसे तैसे रहो खुश.अर्थ स्पष्ट है.
- ईश्वर लड़ने की रात दे बिछड़ने का दिन न दे.घरवालों या दोस्तों से थोड़ी बहुत लड़ाई भले ही होती रहे, कभी बिछड़ना न पड़े.
- ईस जाए पर टीस न जाए.किसी से ईर्ष्या न भी करो तो भी उस की सम्पन्नता देख कर मन में टीस तो होती है.
ई
19
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