Uncategorized

ई जवानी मोहे ना भावे, सींक डोले हँसी आवे. बूढ़े लोगों को इस बात पर बड़ी चिढ मचती है कि जवान लोग बिना बात इतना क्यों हँसते हैं. सींक जैसी भी कोई वस्तु हिलती है तो हँसी आने लगती है.

ई नहिं बूझो डाक निबुद्धि, नासे काल बिनासे बुद्धि. डाक – किसी व्यक्ति का नाम. यह मत समझो कि ‘डाक’ निबुद्धि, अर्थात् मूर्ख था. सच बात तो यह है कि ‘विनाशकाले विपरीतबुद्धिः सन्दर्भ कथा 33. मिथिला में ‘डाक’ नामक एक व्यक्ति रहता था. उसके विषय में ज्योतिषियों ने भविष्यवाणी की थी कि वह स्नान करते समय सिर का बाल उलझ जाने के कारण पानी में डूबकर मरेगा. फलस्वरूप, डाक ने बाल रखना और नदी तालाब में स्नान करना छोड़ दिया. उसके सर में, शिखा के रूप में, केवल एक ही लम्बा बाल था. एक दिन ऐसा संयोग हुआ कि वह पास के एक छोटे से पोखरे में स्नान करने गया, जिसमें बहुत थोड़ा पानी था. फिर भी, पोखरे के पाठ में अपने सिर का वही एक बाल उलझ जाने से बह पानी में डूबकर मर गया. कोई भी व्यक्ति मूर्ख नहीं होता, विनाश के समय उसको बुद्धि मारी आती है.

ई बुढ़िया बड़ी लबलोली, चढ़े को मांगे डोली. किसी अपात्र व्यक्ति द्वारा अनुचित सुविधाएं मांगने पर.

ईंट का घर माटी कर दिया. ईंट का घर मिट्टी कर दिया. बना बनाया काम बिगाड़ दिया.

ईंट का घर, मिट्टी का दर. बेतुका काम. घर तो ईंट का बनाया पर दरवाज़ा मिट्टी का बना दिया.

ईंट की देवी, रोड़े का प्रसाद. जैसी देवी वैसा प्रसाद.

ईंट की लेनी पत्थर की देनी. कठोर बदला चुकाना, मुँह तोड़ जवाब देना.

ईंट खिसकी दीवार धसकी. एक ईंट खिसकने से ही दीवार गिर सकती है. समाज और संगठन में एक एक व्यक्ति महत्वपूर्ण है, इसलिए किसी की अवहेलना नहीं करना चाहिए. 

ईंट मारेगा छींट खाएगा. (पाथर डारे कीच में उछरि बिगारे अंग). कीचड़ में ईंट फेंकने से अपने ऊपर छींटें आती हैं. नीच व्यक्ति को छेड़ने पर अपना ही नुकसान होता है.

ईंट से ईंट बजा दी. किसी नगर को नष्ट भ्रष्ट कर दिया.

ईख की गांठ में रस नहीं होता. गन्ना बहुत रस से भरा होता है पर उसकी भी गाँठ में रस नहीं होता. किसी भी व्यक्ति में सभी अच्छाईयाँ नहीं होतीं थोड़ी बहुत कमियाँ भी होती हैं..

ईतर के घर तीतर, बाहर बाधूँ कि भीतर (घड़ी बाहर घड़ी भीतर). किसी इतराने वाले व्यक्ति के हाथ कोई बड़ी चीज़ लग गई है. कभी घर में रखता है कभी बाहर सबको दिखाता घूमता है.

ईद खाई बकरीद खाई, खायो सारे रोजा, एक दिना की होरी आई, घर घर मांगे गूझा. मुसलमान के लिए व्यंग्य में कह रहे हैं कि उसने ईद पर, बकरीद पर और तीसों रोजों में खूब माल खाए. अब एक दिन की होली आई है तो घर घर जा कर गुझिया मांग रहा है.

ईद पीछे चाँद मुबारक. बेमौके काम.

ईन मीन साढ़े तीन. कोई बहुत छोटा परिवार या संस्था.

ईमान है तो जहान है. जब तक ईमान सलामत है तभी तक संसार में रहना सार्थक है.

ईश रजाय सीस सबही के. ईश्वर सभी के सर झुकाता है.

ईश्वर उनहिं सहाय, जो सहायें स्वयं को. अर्थ स्पष्ट है. इंग्लिश में – God helps those who help themselves.

ईश्वर की गति ईश्वर जाने. भगवान की माया वे स्वयं ही समझ सकते हैं. इंग्लिश में कहते हैं – Mysterious are the ways of God.

ईश्वर की माया, कहीं धूप कहीं छाया. ईश्वर की बनाई दुनिया में कहीं ख़ुशी है कहीं दुख.                                                                  

ईश्वर जो करता है अच्छा ही करता है. ईश्वर के सभी कार्यों में मनुष्यमात्र की भलाई छिपी होती है, वह चाहे हमें आज दिखे या कल. सन्दर्भ कथा – एक बार एक राजा अपने मंत्री और लाव-लश्कर के साथ शिकार के लिए गया. शिकार खेलते हुए राजा की ऊँगली कट गई, सब अफ़सोस ज़ाहिर करने लगे लेकिन मंत्री ने कहा, “ईश्वर जो करता है अच्छा ही करता है”. ये सुनकर राजा को बहुत गुस्सा आया और उसने मंत्री को जेल में डालने का हुक्म दे दिया.

    कुछ दिनों बाद ही राजा फिर से शिकार पर गया और घने जंगलों में अपने साथियों से बिछड़ गया. उसे कुछ जंगली डाकुओं ने घेर लिया. डाकू उसे पकड़ कर अपने अड्डे पर ले गए और उसकी बलि चढाने की तैयारी कर रहे थे कि तभी उनका सरदार वहाँ आ गया. जैसे ही सरदार की नज़र राजा के हाथों की तरफ़ गई, उसने चिल्ला कर तुरंत बलि रोकने का हुक्म दिया. उसने ये कहकर राजा को छोड़ दिया कि किसी भी ऐसे व्यक्ति की बलि नहीं चढ़ाई जा सकती, जिसका कोई अंग कटा हुआ हो.

    राजा को अपने मंत्री की बात याद आई. राजमहल पहुँचते ही उसने सबसे पहले अपने मंत्री को रिहा कर दिया और उससे माफ़ी मांगी. मंत्री ने फिर कहा “ईश्वर जो करता है अच्छा ही करता है”. इस पर राजा ने कहा कि तुम्हें जेल में रहना पड़ा इसमें क्या अच्छाई थी. मंत्री ने कहा राजन जब भी आप शिकार पर जाते हैं या कहीं भी बाहर जाते हैं तो मैं हमेशा साये की तरह आपके साथ रहता हूँ. अगर मैं जेल में नहीं होता तो आपके साथ होता. आप तो अपनी कटी हुई ऊँगली के कारण बच गये मगर मेरी बलि चढ़ाते हुए वे डाकू ज़रा भी नहीं झिझकते. इसीलिए मैं मानता हूँ कि “ईश्वर जो करता है अच्छा ही करता है.”

ईश्वर देखा नहीं तो बुद्धि से तो जाना जा सकता है. ईश्वर का साक्षात दर्शन नहीं हो सकता, बुद्धि के द्वारा ही ईश्वर के अस्तित्व की पहचान हो सकती है.

ईश्वर राखे जैसे तैसे रहो खुश. अर्थ स्पष्ट है.

ईश्वर लड़ने की रात दे बिछड़ने का दिन न दे. घरवालों या दोस्तों से थोड़ी बहुत लड़ाई भले ही होती रहे, कभी बिछड़ना न पड़े.

ईस जाए पर टीस न जाए. किसी से ईर्ष्या न करने की कितनी भी कोशिश करो दूसरों की सम्पन्नता देख कर मन में टीस तो होती है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *